- रेप पीड़िता ने केरोसिन डालकर आग लगाकर की जान देने की कोशिश, आरोपी घूम रहे बेरोकटोक
- इंसाफ के लिए छह माह से खाकी की परिक्रमा कर रही है नाबालिग
- सीडीओ व एसएसपी तहसील दिवस के भरे दरबार में जान देने को हुई मजबूर
जनवाणी संवाददाता |
सरधना: नाबालिग थी वो! दरिंदों ने मिलकर उसकी अस्मत लूट ली, दरिंदों ने जो किया सो किया, लेकिन उसे मलाल पुलिस वालों से ज्यादा है, जिनके पास इंसाफ की आस में वो पहुंची थी और आज तक इंसाफ के लिए धक्के खा रही है, इंसाफ और उसके बीच पुलिस ही दीवार बनी हुई है।
खाकी का रवैया ही ऐसा है कि वो जान न दे तो और क्या करें, इंसाफ की उसकी आस उसे टूटती नजर आ रही है। शनिवार को तहसील दिवस में दुष्कर्म के मामले में कार्रवाई नहीं होने से तंग होकर रेप पीड़िता के पूरे परिवार ने अधिकारियों के सामने ही खुद पर केरोसिन छिड़ककर आत्मदाह करने की कोशिश की।
अधिकारियों के सामने हुए प्रकरण को लेकर मौके पर खलबली मच गई और पुलिस अधिकारियों का हाथ-पैर फूल गए। फिर से जांच का आश्वासन मिलने पर दुष्कर्म पीड़िता ने एसएसपी के सामने ही अपने पूरे परिवार के साथ केरोसिन छिड़ककर आत्मदाह का प्रयास किया। इस दौरान पीड़ित पक्ष पुलिस की लापरवाही को लेकर हंमागा करता रहा।
सरूरपुर थाना क्षेत्र के गांव निवासी दुष्कर्म पीड़िता परिजनों के साथ शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस में पहुंची थी। पीड़िता ने जिलाधिकारी के नाम प्रर्थना पत्र देते हुए बताया कि गांव के ही युवकों ने छह माह पूर्व नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। इस संबंध में पीड़िता ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़िता का आरोप है कि मामले में पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
जिससे आहत होकर पीड़िता ने आत्मदाह का प्रयास किया। संपूर्ण समाधान दिवस के मौके पर शिकायत लेकर पहुंची पीड़िता ने बताया कि शुक्रवार को देर रात दुष्कर्म के आरोपी आधा दर्जन लोगों को लेकर घर में घुस आए। आरोप है कि पीड़िता को मुकदमा वापस न लेने पर फिर से दुष्कर्म करने की धमकी देते हुए उसके साथ मारपीट की शोर सुनकर आसपास के लोगों को आता देख आरोपी धमकी देकर फरार हो गए। जिसके बाद पीड़िता संपूर्ण समाधान दिवस में जिलाधिकारी से शिकायत करने पहुंची।
एसएसपी ने जैसे ही जांच का आदेश क्षेत्राधिकारी को दिया तो पीड़िता ने फिर जांच के आश्वासन से क्षुुब्ध होकर अपने ऊपर केरोसिन छिड़ककर आत्मदाह का प्रयास किया। मौके पर मौजूद पुलिस ने बड़ी मशक्कत से उनके हाथों से केरोसिन की बोतल को छीना। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि थाना पुलिस ने आरोपियों से साठगांठ करते हुए कार्रवाई नहीं कर रही है। छह माह बीतने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर आरोपियों के हौसले बुलंद है। जिस कारण लगातार वह पीड़िता पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बना रहे हैं।
दुष्कर्म पीड़िता द्वारा अधिकरियों के सामने ही आत्मदाह के प्रयास ने पुलिस कार्यशैली पर सवाल खडेÞ कर दिए। हालांकि अधिकारियों ने जांचकर निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया है। वहीं, दूसरी ओर मौके पर वह घटनाक्रम को लेकर तहसील सभागार में खलबली मच गई और पुलिस अधिकारियों के हाथ-पैर फूल गए। काफी समझाने और घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने मामले को मैनेज किय। वहीं पीड़ित परिवार लगातार हंगामा करने और पुलिस पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आरोप लगाता रहा।
पुलिस की कार्यप्रणाली से त्रस्त था परिवार
क्षेत्र के पांचली बुजुर्ग निवासी एक दलित व्यक्ति ने लगभग 6 माह पूर्व को एक एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें पुत्री के साथ हथियारों के बल पर दुष्कर्म करने, परिवार को जान से मारने की धमकी और जातिसूचक शब्द कहने की शिकायत की गई थी। जिसमें गांव के ही दो सगे भाइयों संजू, नीरज व उनके पिता सतबीर, लखन, नीरज, गोविंद, अंकित, परवेज, शुएब, अंकित, अर्जुन व शिवम आदि के खिलाफ दुष्कर्म करने परिवार को डराने धमकाने और जातिसूचक शब्द कहने के मामले में नाम दर्ज कराया गया था।
इस मामले की जांच सीओ सरधना शिव प्रकाश सिंह कर रहे थे। इस मामले उन्होंने कई माह की जांच के बाद हाल ही में एफआर लगाते हुए चैप्टर बंद कर दिया था। जांच के दौरान मामले में पाया गया था की घटना के समय नामजद आरोपी घटनास्थल पर मौजूद ही नहीं थे। जिसके चलते सीओ ने इस मामले में जांच के बाद एफआर लगा दी थी। हालांकि इस मामले में सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गांव के ही खुद को योगी सेवक और मुख्यमंत्री के करीबी बताने वाले भाजपा नेता ने पुलिस प्रशासन पर आरोपियों के समर्थन में दबाव बनाकर
एफआर लगाने की सिफारिश की थी। इसी घटनाक्रम को लेकर तभी पीड़ित परिवार न्याय के लिए इधर-उधर भटकते फिर रहे हैं। इसी प्रकरण को लेकर शनिवार को भी तहसील दिवस में पीड़ित परिवार ने न्याय की गुहार लगाई थी, लेकिन मामले में एसएसपी द्वारा फिर जांच बैठा जाने से परिवार तंग हो गया और सुसाइड करने के लिए अधिकारियों के सामने ही केरोसिन छिड़क लिया।