- जान देने पर उतारू थी छात्रा, प्यार में मिले धोखे के बाद खरीद कर जहर चली थी जान देने
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: इंचौली थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी जिस छात्रा को अगवा किए जाने की खबर ने पुलिस में हड़कंप मचा दिया था, दिन निकलते ही उसकी हकीकत सामने आ गयी। एसएसपी ने मीडिया को स्पष्ट किया कि छात्रा का अपहरण नहीं हुआ था। पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है। जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी, लेकिन छात्रा को अगवा किए जाने जैसी कोई बात नहीं है।
परिवार और पुलिस रहे हलकान
कक्षा 11वीं की छात्रा के कथित अपहरण की खबर से परिजन ही नहीं बल्कि पुलिस भी घंटों हलकान रही। छात्रा के भाई ने बताया कि उनकी बहन गांव के ही एक स्कूल में पढ़ती है। बच्चा पार्क स्थित एक काम्प्लेक्स में ट्यूशन पढ़ने जाती है। दूसरा टयूशन वह बक्सर गांव में पढ़ती है। दूसरा टयूशन करीब तीन बजे से शुरू होता है और शाम को करीब पांच या साढेÞ पांच बजे तक वह घर लौट आती है,
लेकिन सोमवार शाम जब अंधेरा जाने लगा, तब तक वह घर नहीं लौटी तो परिजन तलाश में निकल गए। सबसे पहले टयूशन सेंटर पहुंचे, वहां पता लगा कि ट्यूशन पढ़ने के लिए तो छात्रा पहुंची ही नहीं थी। यह सुनते ही परिजनों के पैरों तले की जमीन खिसक गयी। छात्रा की तलाश शुरू की गयी। गांव और रिश्तेदारों तथा जहां-जहां वह हो सकती थी, वहां जानकारी की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
परिजन जब गुमशुदगी दर्ज कराने महिला थाने पर मौजूद थे, तभी भाई के मोबाइल पर अज्ञात नंबर से आयी काल से पता चला कि छात्रा थाना सदर बाजार पुलिस के कब्जे में है। पुलिस के कब्जे में घर की बेटी की होने की खबर ने परेशानी और भी बढ़ा दी। वहीं, दूसरी ओर पूछताछ में छात्रा ने जो कुछ बताया वह भी पुलिस के लिए कम सिरदर्दी का कारण नहीं था।
अगवा नहीं, देना चाहती थी अपनी जान
एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि पुलिस की जांच से यह साफ हो गया है कि छात्रा का अपहरण नहीं किया गया था। दरअसल, वह किसी युवक से प्यार करती थी। बाद में उस युवक की जिंदगी में कोई दूसरी लड़की आ गयी। उस युवक ने बातचीत करना बंद कर दिया। यह बात छात्रा बर्दाश्त नहीं कर सकी। इसलिए वह जान देने पर उतारू हो गयी। एसएसपी ने कहा कि हालांकि पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है। जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
कौन थी वो सहेलियां ?
यह भी तथ्य सामने आया है कि प्रेमी की बेवफाई से आहत होकर छात्रा ने किसी दुकान से जहरीला पदार्थ खरीदा जिसको खाकर वह जान देने पर अमादा थी। इस दौरान उसके साथ किन्हीं सहेलियों की मौजूदगी की बात कही जा रही है, लेकिन बड़ा सवाल यही है कि वो कौन सहेलियां थीं,
जो जहरीला पदार्थ खरीदने के दौरान छात्रा के साथ मौजूद रहीं। इसके अलावा उन्होंने परिजनों को इस बात की सूचना क्यों नहीं दी कि छात्रा जान देने जा रही है। यह बात भी पुलिस के जांच का विषय है। इसके अलावा आल्टो कार किसकी थी और उसमें मौजूद दूसरी युवती कौन थी, ये तमाम वो बातें हैं जो जांच के दायरे में शामिल की जा सकती हैं।
बड़ा सवाल, वो सात घंटे
इस सारी गुत्थी के बीच सबसे बड़ा सवाल यही है कि तीन बजे से रात के 10 बजे तक छात्रा कहां रही। कौन उसके साथ था। उसके साथ क्या गुजरी। वह इस दौरान कहां-कहां गयी। सिर्फ इतना बताया गया है कि जहरीला पदार्थ खरीदने के बाद छात्रा छावनी के इलाके में कई स्थानों पर गयी, लेकिन वह मौत को गले लगाने की हिम्मत नहीं जुटा सकी। और बाद में बदहवासी की हालत में दौड़ती हुई आबूलेन चौक फुव्वार तक पहुंची। उसके बाद जो कुछ हुआ वो सबके सामने हैं।