Wednesday, May 14, 2025
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किनौनी मिल को लगा जोर का झटका

  • एक्शन मोड में आए अधिकारी, भारी संख्या में क्रय केन्द्र हटाने के लिए शनिवार को बुलाई बैठक
  • आगामी पेराई सत्र में मिल के क्रय केन्द्र न लगने देने की किसानों की चेतावनी
  • सेंटर बदवाने के लिए गन्ना भवन में लगा तांता

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: किनौनी मिल के लिए इस बार अपने गन्ना क्रय केन्द्र लगा पाना मुश्किल होने वाला है। किसानों ने चेतावनी दी है कि मिल चालू होने से पूर्व समस्त भुगतान न होने की स्थिति में वे अपने यहां सेंटर नहीं लगने देंगे। वहीं गन्ना भवन में इन दिनों ऐसे किसानों का तांता लगा हुआ है,

जो किनौनी मिल के बजाय अपने क्षेत्र में दूसरे मिलों का क्रय केन्द्र स्थापित करने की मांग उठा रहे हैं। मिल के रवैये और किसानों की मांग के चलते अधिकारियों ने भी किनौनी मिल को सबक सिखाने के लिए कमर कस ली है। इस संबंध में शनिवार को मिल और समिति अधिकारियों की संयुक्त बैठक बुलाकर एक्शन लेने का मन बना लिया गया है।

किनौनी शुगर मिल पर अभी तक करीब 300 करोड़ रुपया 2022-23 पेराई सत्र का बकाया है। डीएम दीपक मीणा ने कई बार मिल अधिकारियों के साथ-साथ गन्ना विभाग के अधिकारियों को भी इसके लिए निर्देशित किया है। लेकिन किसानों की अपेक्षा के अनुरूप अभी तक मिल ने बकाया गन्ना भुगतान नहीं किया है। जिला गन्ना अधिकारी डा. दुष्यंत कुमार का इस बारे में कहना है कि उनके पास सबसे ज्यादा किनौनी मिल क्षेत्र से किसान आ रहे हैं,

और अपने यहां दूसरे मिल का क्रय केन्द्र स्थापित कराने की मांग कर रहे हैं। जब जनवाणी संवाददाता गन्ना भवन पहुंचा, उस समय भी भाकियू अराजनीतिक के पदाधिकारी विनोद जाटौली प्रदेश सचिव व मंडल प्रभारी जगत सिंह राठी, आकाश सिरोही, विपिन मलिक उपाध्यक्ष मेरठ मंडल, अवनीश, गुडडू चौधरी, अंकित, शौकीन व तस्सवर आदि किसान जिला गन्ना अधिकारी से मिलकर इसी संबंध में बात करते मिले।

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उनका कहना था कि किनौनी शुगर मिल के गन्ना खरीद केन्द्र काटकर अन्य मिलों को आवंटित किए जाएं। पांचली गांव के केन्द्र को खतौली मिल पर लगवाने की मांग रखते हुए उन्होंने कहा कि किसान किनौनी शुगर मिल से कई वर्षों से गन्ना भुगतान न होने के कारण बहुत दुखी हैं। वहीं जिला गन्ना अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में मलियाना और दौराला समितियों की बैठक में प्रतिनिधियों ने करीब 40 सेंटर किनौनी से हटाने की बात रखी है।

जिसके संबंध में शनिवार को एक बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में प्रस्ताव पारित करके उप गन्ना आयुक्त को प्रेषित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि किनौनी शुगर मिल के 182 केन्द्रों में 90 जिला मेरठ में हैं, जबकि शेष का एक बड़ा भाग बागपत जिले में आता है। इसके अलावा कुछ केन्द्र गाजियाबाद जिले में भी लगते हैं। मिल प्रबंधन को अधिकारियों के स्तर से बार-बार चेतावनी दी जा चुकी है।

लेकिन अभी तक किसानों को गन्ना भुगतान नहीं किया जा सका है। स्थिति यह बन गई है कि मिल को लेकर किसानों के बीच खराब छवि बन चुकी है। अधिकतर किसान यही चाहते हैं कि उनके गन्ने को दूसरे मिलों से जोड़ दिया जाए। जिला गन्ना अधिकारी के अनुसार अधिकारियों के दिशा-निर्देशन में इसको लेकर योजना तैयार की गई है।

मिल ने अगर पेराई सत्र से पूर्व बकाया भुगतान के हालात नहीं बनाए, तो किनौनी से हटाकर अधिकतम गन्ना भुगतान करने वाले मिलों को गन्ना क्रय केन्द्र आवंटित करने की कार्यवाही की जाएगी। इसी के साथ किनौनी मिल के खिलाफ अन्य विधिक कार्रवाई भी की जाएगी।

मेरठ में प्रतिदिन होगी 4.5 लाख कुंतल गन्ने की पेराई

जिला गन्ना अधिकारी डा. दुष्यंत कुमार ने बताया कि मेरठ में सबसे ज्यादा 1.30 लाख कुंतल गन्ना प्रतिदिन पेराई क्षमता मवाना शुगर मिल की है। हालांकि कुछ कारणों से इस मिल पर प्रतिदिन 1.15 लाख कुंतल गन्ना प्रतिदिन पेराई की जाती है। दौराला मिल 1.25 लाख कुंतल, किनौनी 1.20 लाख कुंतल, नगलामल 60 हजार कुंतल, मोहीउद्दीनपुर 35 हजार कुंतल और सकौती 20 हजार कुंतल गन्ना प्रतिदिन पेराई की क्षमता रखते हैं। जनपद के सभी मिलों की पेराई क्षमता प्रतिदिन 4.5 लाख कुंतल की हो जाती है। मेरठ जनपद में पैदा होने वाले कुल गन्ने की पेराई करने के लिए मिलों को 180 दिन चलाया जाता है।

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