नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉट कॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। सनानत धर्म में इस बार सावन में लगे अधिक माह के कारण दो पूर्णिमा पड़ रही हैं। दरअसल, इस बार की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा। जैसे की आप सब जानते भी होंगे की पूर्णिमा तिथि को सत्यनारायण भगवान की पूजा करते हैं और कथा सुनते हैं।
उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। इस दिन स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है, पाप से मुक्ति मिलती है। चलिए जानते हैं इसकी तिथि..
तिथि
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस समय सावन के अधिक मास का शुक्ल पक्ष चल रहा है। 1 अगस्त दिन मंगलवार को सुबह 03 बजकर 51 मिनट से सावन अधिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि शुरू होगी। यह तिथि 1 अगस्त की देर रात 12 बजकर 01 मिनट तक मान्य है. ऐसे में सावन अधिक मास पूर्णिमा 1 अगस्त को है।
इस दिन स्नान-दान मुहूर्त
जो लोग इस पावन दिन पर दान करते हैं उनके लिए ब्रह्म मुहूर्त बेहतर है। पूर्णिमा का ब्रह्म मुहूर्त प्रात: 04:18 बजे से लेकर प्रात: 05:00 बजे तक है। इसके बाद सुबह 09:05 बजे से दोपहर 02:09 बजे तक अच्छा समय है।
2 शुभ योग में है सावन अधिक मास पूर्णिमा
सावन अधिक मास पूर्णिमा पर 2 शुभ योग बन रहे हैं। 1 अगस्त मंगलवार को प्रात:काल से लेकर सुबह 06 बजकर 53 मिनट तक प्रीति योग है और उसके बाद से आयुष्मान योग प्रारंभ हो जाएगा, जो पूरे दिन है।
क्या आप जानते हैं पूर्णिमा का महत्व..
आपको बता दें कि, पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण भगवान और चंद्रमा की पूजा करते हैं। चंद्रमा की पूजा करने से कुंडली में चंद्र की स्थिति मजबूत होती है। चंद्र दोष दूर होता है, इससे व्यक्ति का जीवन सुखमय होता है। पूर्णिमा के दिन आप चावल, सफेद वस्त्र, दूध, खीर, चांदी आदि का दान कर सकते हैं। ये चंद्रमा से जुड़ी वस्तुएं हैं।
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