नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान शिव को समर्पित होता है। यह शिव जी की उपासना का सबसे विशेष दिन होता है। इस वर्ष महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी। यह दिन विशेष रूप से महादेव के उपवास, पूजा और ध्यान का होता है। जिसमें भक्त महादेव के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विभिन्न नियमों का पालन करते हैं। साथ ही शिवलिंग पर जल चढ़ाने के दौरान कुछ महत्वपूर्ण नियमों का ध्यान रखना आवश्यक होता है ताकि पूजा विधि पूर्वक संपन्न हो और उसका अधिकतम लाभ प्राप्त हो।
जल अर्पित करने की विधि
बता दें कि, भगवान शिव का जलाभिषेक करते समय कुछ विशेष नियमों का पालन किया जाता है। सबसे पहले, शिवलिंग पर जल अर्पण करने के लिए गंगाजल, शुद्ध जल या गौदुग्ध का उपयोग करना श्रेष्ठ माना जाता है। जल की धारा धीमी और पतली होनी चाहिए, क्योंकि अत्यधिक वेग से जल चढ़ाना उचित नहीं माना जाता। जल चढ़ाते समय पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजा करना चाहिए तथा इसे बैठकर या झुककर करना शुभ माना जाता है।
शिवलिंग पर अर्पित किए जाने वाले पवित्र पदार्थ
भगवान शिव की पूजा में जलाभिषेक के साथ कुछ विशेष वस्तुओं का अर्पण करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इनमें बेलपत्र, धतूरा, आक के पुष्प एवं शमी के पत्ते प्रमुख रूप से शामिल हैं। ये सभी सामग्री शिव कृपा प्राप्ति में सहायक मानी जाती हैं। हालांकि, शिवलिंग पर तुलसी, सिंदूर, नारियल, शंख और केतकी के पुष्प अर्पित नहीं किए जाते, क्योंकि इन्हें शिव पूजा में वर्जित माना गया है।
शिवलिंग की परिक्रमा का महत्व
भगवान शिव की पूजा करते समय शिवलिंग की परिक्रमा करना भी महत्वपूर्ण माना जाता है। परिक्रमा करते समय ध्यान रखना चाहिए कि यह हमेशा बाईं ओर से की जाए और केवल आधी परिक्रमा तक ही सीमित हो। शिवलिंग की जलहरी को पार नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है।
शिवलिंग पर जल चढ़ाने के
महाशिवरात्रि का पर्व वर्ष 2025 में 26 फरवरी को मनाया जाएगा। यह शुभ अवसर 26 फरवरी को सुबह 11:08 बजे से आरंभ होकर 27 फरवरी को प्रातः 8:54 बजे तक रहेगा। इस दिन जलाभिषेक के लिए विशेष मुहूर्त निर्धारित किए गए हैं।
जलाभिषेक के लिए शुभ समय
- प्रातःकालीन मुहूर्त: 6:47 बजे से 9:42 बजे तक
- मध्यान्ह मुहूर्त: 11:06 बजे से 12:35 बजे तक
- संध्याकालीन मुहूर्त: 3:25 बजे से 6:08 बजे तक
- रात्रिकालीन मुहूर्त: 8:54 बजे से 12:01 बजे तक
महाशिवरात्रि के दिन विधिपूर्वक जलाभिषेक एवं पूजा-अर्चना करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है। इस शुभ अवसर पर पूरे मन से शिव अराधना करें और उनकी कृपा प्राप्त करें।