Sunday, December 29, 2024
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लालकुर्ती पुलिस से हाथ छुड़ाक र भाग गया आरोपी

  • पुलिस के संग वन विभाग की टीम ने दी थी ठिकाने पर दबिश

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: लालकुर्ती बडेÞ बाजार में दबिश के दौरान दबोचा गया आरोपी पुलिस वालों से हाथ छुड़ाकर भाग गया। प्रतिबंधित परिंदे बेचने की सूचना पर लालकुर्ती बड़े बाजार में वन विभाग की टीम ने पुलिस को साथ लेकर दबिश डाली थी। वहां से राजन नाम का एक आरोपी दबोच लिया था। जिस वक्त इसको पुलिस व वन विभाग वाले गाड़ी में बैठा रहे थे, उसी दौरान यह हाथ छुड़ा कर भाग गया।

जिस वक्त यह घटना हुई उस वक्त इस आरोपी का भाई भी वहीं पर मौजूद था। उसके भाग जाने के बाद टीम ने उसको दबोच लिया। जब इसको घेरे में ले लिया तो भागने वाले आरोपी का पीछा कर पुलिस वाले उसको भी पकड़ कर ले जाए और गाड़ी में डालकर ले गए। आरोपी के भाग जाने की पुष्टि वन विभाग की ओर से रविवार को जारी किए गए वीडियो में भी की जा सकती है।

वन्य जीवों को 48 घंटे के अंदर विभाग को सौंपने की चेतावनी

संरक्षित सूची में शामिल कि गए वन्य जीवों को पालने वाले 48 घंटे के भीतर उन्हें वन विभाग के हवाले कर दें। ऐसा न करने वालों के खिलाफ विभाग के स्तर से सुसंगत धाराओं में कार्रवाई की जाएगी, जिसमें सात साल तक की सजा और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। वन विभाग की ओर से इस संबंध में शनिवार को की गई कार्रवाई का हवाला दिया गया। जिसमें बताया गया कि एक गुप्त सूचना के आधार पर वन विभाग व पुलिस की संयुक्त टीम ने लालकुर्ती क्षेत्र में लाल मुनिया (अमांडवा) पक्षी के विक्रय की सूचना पर राजन ठाकुर पुत्र गिरधारी व राजा खान पुत्र स्व. मोहम्मद इशाक को उनके निवास पर वन्य जीव संरक्षण अधिनयम 1972 के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया।

जिनके कब्जे से संरक्षण प्राप्त लाल मुनिया को बरामद किया गया। बताया गया कि वन्य जीव संरक्षण 1972 (यथा संशोधित 2022) की द्वितीय अनुसूची के क्रमांक संख्या 621 पर लाल मुनिया उल्लिखित है। उक्त पक्षी का क्रय-विक्रय पूर्णत: प्रतिबंधित है एवं वन्य जीव (संरक्षण) 1972 (यथा 2022) के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। आरोपी वन विभाग की अभिरक्षा में हैं जिनसे पूछताछ करते हुए नियमानुसार वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति में अवगत कराया गया कि सूची में शामिल वन्य जीवों का किसी की प्रकार का क्रय-विक्रय, पालन करना दंडनीय अपराध है।

जिसमें सात वर्ष तक कारावास या रुपया एक लाख तक जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है। उपरोक्त वन्य जीवों के पालन, क्रय-विक्रय की सूचना डीएफओ कार्यालय में अथवा दूरभाष संख्या 0121-2641762 पर कर सकते हैं साथ ही अगर कोई व्यक्ति उक्त वन्य जीवों का पालन कर रहा है तो 48 घंटों के अंदर उसे वन विभाग से सुपुर्द कर दें। ऐसा न होने पर विभाग की ओर से कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

ये हैं संरक्षित वन्य जीव की सूची में शामिल

सूची में पक्षी हरी मुनिया, लाल मुनिया, जंगली तोता, उल्लू व अन्य जंगली पक्षी, कछुआ, अजगर, सर्प, हिरण, लंगूर या अन्य कोई वन्यजीव शामिल हैं। जिन्हें वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 (यथा संशोधित 2022) के अंतर्गत संरक्षण प्राप्त है।

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