Friday, July 11, 2025
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साल का अंतिम चंद्रग्रहण आज गर्भवती महिलाएं रखे ध्यान

  • ग्रहण से नौ घंटे पहले लग जाएंगे सूतक, नहीं होगी पूजा-अर्चना

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: साल का अंतिम चंद्र ग्रहण मंगलवार को लगेगा। नौ घंटे पहले सूतक काल के चलते मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे। ज्योतिषाचार्य राहुल अग्रवाल के अनुसार आज यानि कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा मंगलवार को ग्रस्तोदित चंद्रग्रहण लग रहा है जो भारत में ग्रस्तोदित चंद्र ग्रहण के रूप में यह ग्रहण दिखाई देगा। भारतीय मानक समय के अनुसार ग्रहण का स्पर्श शाम 5 बजकर 9 मिनट से व मोक्ष शाम 6 बजकर 19 मिनट पर होगा।

यह चंद्र ग्रहण भरणी नक्षत्र व मेष राशि पर लग रहा है। यह ग्रहण सम्पूर्ण भारत में दृश्य होगा। चतुग्रही एक राशि पर एकत्र है व एक ही माह में दो ग्रहण लगने के प्रभाव वश सम्पूर्ण पृथ्वी पर इसका दुष्प्रभाव देखने को मिल सकता है जो की दोनों ग्रहण मंगलवार के ही दिन होने से अग्नि तत्व का उदय, विष्फोटक तत्वों का उदय हो सकता है व शाशको को हानि हो सकती है। अत: सम्पूर्ण जनमानस को चाहिए कि भगवान शिव व शक्ति की आराधना निष्ठा पूर्वक करें । यह चंद्र ग्रहण मेष राशि व भरणी नक्षत्र पर लग रहा है।

गर्भवती महिलाएं रखे इसका ध्यान

चंद्र ग्रहण में नौ घंटे पूर्व ही सूतक प्रारंभ हो जाएगा। बाल वृद्ध व रोगी को छोड़कर ग्रहण से नौ घंटे पूर्व आहार वर्जित है। गर्भवती महिलाओं को चाहिए की अपने शरीर के बराबर काला धागा नापकर दीवाल में कील के सहारे लटका देवें। ग्रहण काल में शयन न करें। भोजन न करे व प्रसन्न चित्त रहते हुए अपने आराध्य देव से गर्भ शिशु के लिए कल्याण की कामना करें। ग्रहण काल में किया हुआ जप तप सिद्धप्रद होता है।

सूतक लगने से पहले ग्रहण के दिन करे यह कार्य

तुलसी के पत्ते: ग्रहण काल में तुलसी के पत्तों को विशेष महत्व बताया गया है। सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार ग्रहण लगने से पहले खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल देने चाहिए। इससे खाद्य पदार्थ ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचे रहते हैं और इन्हें बाद में आसानी से खाया जा सकता है। हालांकि तुलसी के पत्तों को तोड़ने का भी एक निश्चित समय होता है। आपको न तो ग्रहण काल में तुलसी के पत्ते तोड़ने चाहिए और न ही सूतक काल में बेहतर होगा कि आप सूतक काल से पहले ही तुलसी के पत्तों को तोड़कर रख लें और ग्रहण लगने से पहले ही उन्हें खाने में डाल दें।

मंदिर के कपाट बंद

चंद्र ग्रहण लगने से पहले सूतक काल में मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते है। इन्हें चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद ही खोला जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस अवधि में भगवान की मूर्तियों को स्पर्श करने से बचना चाहिए। ग्रहण काल में देवी-देवताओं की पूजा वर्जित होती है। इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने घर के मंदिरों के कपाट भी बंद ही रखें। इन्हें सूतक काल के प्रारंभ से लेकर ग्रहण समापन तक बंद रखें।

राशियों पर इसका फल निम्न प्रकार है

मेष: मानसिक कष्ट, कार्य क्षेत्र में बाधा।

वृष : जीविका में अवरोध व मानसिक पीड़ा।

मिथुन: मानसिक व शारीरिक कष्ट परन्तु अचानक धन लाभ

कर्क: सुख की वृद्धि

सिंह: प्रतिष्ठा की हानि व्यवसाय में बाधा।

कन्या: अकस्मात धन का नुकसान व शारीरिक कष्ट

तुला: शत्रु भय, व्यवसाय में अवरोध।

वृश्चिक: व्यवसाय में वृद्धि परन्तु अचानक मानसिक कष्ट।

धनु: अकस्मात्त धन लाभ, परन्तु मानसिक तनाव ।

मकर: अचानक मानसिक तनाव, परन्तु रुके हुये कार्य में सफलता।

कुम्भ: धन लाभ व यश की वृद्धि ।

मीन: अपव्यय परन्तु कार्यों में सफलता मिलेगी ।

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