- पैमाइश करने के नाम पर की जा रही खानापूर्ति
- पैमाइश की आड़ में हो चुका पूरा भराव, निर्माण की तैयारी
जनवाणी संवाददाता |
सरधना: चर्च परिसर के पीछे भाटवाड़ा मोहल्ले में स्थित तालाब की भूमि पर कब्जे का खेल जारी है। पैमाइश के नाम पर लेखपाल पूरा खेल कर रहा है। तालाब की पैमाइश करने के नामपर इधर-उधर सड़कों और मकानों को नापकर खानापूर्ति की जा रही है।
इसी खानापूर्ति के चलते भूमि पर बाउंड्री और भराव का कार्य पूरा कर दिया गया। अब भूमि पर निर्माण की तैयारी की जा रही है। बुधवार को भी नजूल बाबू के साथ पैमाइश करने पहुंचा लेखपाल खानापूर्ति करके लौट आया। शिकायतकर्ता ने सड़कों की जगह तालाब की पैमाइश करने को कहा तो कानून का पाठ पढ़ाकर चलता कर दिया।
चर्च परिसर के पीछे भाटवाड़ा व घोसियान मोहल्ले के बीच विशाल तालाब हुआ करता था। धीरे धीरे पूरे तालाब पर कब्जा हो गया। तालाब के नाम पर कुछ ही जमीन बाकी रह गई है। उस पर कब्जे का खेल जारी है। मोहल्ले के पूर्व सभासद वकील मेंबर ने अधिकारियों से शिकायत की थी कि कुछ लोगों तालाब की भूमि पर कब्जा कर रहे हैं।
तहसील से लेकर सीएम तक शिकायत के बाद भी कुछ नहीं हो रहा है। जिसका नतीजा यह है कि भूमि पर बाउंड्री के साथ भराव का काम कर दिया गया।
घूम फिरकर जांच और पैमाइश उसी लेखपाल को सौंप दी जाती है, जिस पर सेटिंग करके कब्जा कराने का आरोप है। लेखपाल पैमाइश के नाम पर खानापूर्ति करके कागजों का पेट भर देता है। कुछ समय पहले तो जांच में यही लिख दिया था कि मौके पर कोई निर्माण नहीं हो रहा है। फिर से शिकायत हुई तो फाइल खुली और जांच शुरू हो गई। मगर बात वहीं की वहीं है।
पैमाइश उसी लेखपाल से कराई है। जो तालाब की पैमाइश करने के बजाए इधर उधर सड़क व मकानों को नापता फिर रहा है। बुधवार को भी जांच के नाम पर वही हल्का लेखपाल व नजूल बाबू मनोज कुमार पहुंचे। हर बार की तरह सड़कों की नपाई शुरू कर दी गई। शिकायतकर्ता ने तालाब नापने को कहा तो कानून का पाठ पढ़ाना शुरू कर दिया। कुल मिलाकर लेखपाल के खेल में अधिकारी भी घूम रहे हैं।
क्योंकि अधिकारी स्वयं मौके पर जाकर जांच करना गवारा नहीं समझते। इसका फायदा लेखपाल उठाता है। यदि विवादित भूमि तालाब नहीं है तो लेखपाल उसे भी लिखकर देने को तैयार नहीं है। यही हाल रहा तो बचा कुचा तालाब भी कुछ समय बाद खत्म हो जाएगा।