इंसान जीवन में सफल होने के लिए अपना मार्ग खुद प्रशस्त करता है। इंसान को सफल होने के लिए ज्ञान की आवश्यकता होती है। ज्ञान प्राप्ति का एक प्रमुख मार्ग अनुभव होता है, जिसके द्वारा हम अपने जीवन की नैया को पार लगा लेते हैं। अनुभव वह नाम है, जो प्रत्येक व्यक्ति अपनी भूलों से प्राप्त करता है। हम सब अपने जीवन में कई कठिन परीक्षाओं से गुजरते रहते हैं। कई बार गलतियां होती हैं तो कई बार विफल हो जाते हैं। हम अपनी जिंदगी में कुछ गलतियां करते हैं, जिससे हमें सीख मिलती है और अगली बार से इन गलतियों से हमें मुक्ति मिले, ऐसा ही प्रयास करते हैं। महात्मा गांधी ने कहा है-‘भूल कर के सीखा जाता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि जीवन भर भूल ही किया जाए।’ सीखने मात्र के लिए हम अपने जीवन मे हमेशा भूल ही नहीं कर सकते हैं। हमें कोशिश करनी चाहिए कि हर एक गलती से अनुभव तो लें ही, साथ में उस गलती को अगली बार न दोहराएं और उसमें सुधार करें, जिससे उससे मिले अनुभव के बाद हम जीवन की विकास की ओर अग्रसर हो जाएं। हमारे जीवन मे कुछ अनुभव मुश्किलों के आने से भी आती हैं। मुश्किलों से उपजे जिंदगी के अनुभव से बड़ा और बेहतरीन न कोई मार्गदर्शक होता है, न कोई शिक्षक होता है और न ही कोई सचेतक होता हैं। अनुभव रहित जीवन बिन पतवार की हिचकोले खाती हुई नाव के सामान है। लेकिन अनुभव तभी गुणकारी होता है जब हम उसे कर्म की कसौटी पर उसके खरे पन को जांचते है और बदली हुई परिस्थितियों के हिसाब से उसमे निरंतर सुधार लाते रहें।
-नृपेंद्र अभिषेक नृप