- पैसे की बर्बादी: आठ साल से सीएचसी में धूल फांक रही अल्ट्रासाउंड मशीन
- लाखों की इस मशीन का आज तक नहीं किया गया इस्तेमाल
जनवाणी संवाददाता |
सरधना: करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग खुद बीमार नजर आ रहा है। स्टाफ की कमी के कारण सरकारी अस्पतालों में अव्यवस्था फैली हुई है। सरधना सीएचसी में आठ वर्ष से अल्ट्रासाउंड मशीन धूल फांक रही है। रेडियोलोजिस्ट नहीं होने के कारण यह मशीन आज तक इस्तेमाल में नहीं लाई गई है।
रेडियोलोजिस्ट तैनात करने के बजाय मरीजों की जांच बाहर निजी सेंटरों पर कराई जा रही है। ऐसे में सरकारी धन का दुर्पयोग होने के साथ ही मरीजों को अल्ट्रासांउड कराने के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैं। मगर अधिकारियों को सरकारी धन की बर्बादी से कोई सरोकार नहीं है।
क्षेत्र के लोग खासकर गरीब तबका बीमारी से निजात पाने के लिए सरकारी अस्पताल का रुख करते हैं, लेकिन अस्पतालों में सभी सुविधा होन के बाद भी निजी चिकित्सकों के पास उन्हें जेब हल्की करनी पड़ती है। सरधना सीएचसी में करीब आठ साल पहले शासन से अल्ट्रासाउंड मशीन भेजी गई थी। मगर यह मशीन आज तक इस्तेमाल नहीं की गई है। क्योंकि उसे चलाने के लिए अस्पताल में कोई रेडियोलोजिस्ट नहीं है।
वर्तमान में हालत यह है कि सीएचसी द्वारा गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड निजी सेंटरों पर कराया जा रहा है। बाहर जांच के नाम पर पैसा बहाया जा रहा है। मगर कोई रेडियोलोजिस्ट तैनात नहीं किया जा रहा है। वहीं इस्तेमाल नहीं होने के कारण मशीन भी मलबा हो रही है।
इस संबंध में सीएचसी प्रभारी डा. सचिन कुमार का कहना है कि अल्ट्रासाउंड मशीन पर जांच कर रिपोर्ट तैयार करने के लिए रेडियोलोजिस्ट तैनात होता है। मगर अस्पताल में कोई रेडियोलोजिस्ट नहीं है। इसके लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर चिकित्सक की मांग की गई है।