जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: माफिया मुख्तार अंसारी की मौत जहर देने से नहीं बल्कि हार्ट अटैक से हुई थी। मजिस्ट्रियल जांच में इसका खुलासा किया गया है। मजिस्ट्रियल जांच के लिए गठित टीम ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। बता दें कि 28 मार्च को बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ गई थी, जिसे बांदा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने माफिया को मृत घोषित कर दिया था। मुख्तार की मौत पर परिजनों ने जहर देकर मारने का आरोप लगाया था। पूरे मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए थे।
100 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज
लखनऊ भेजी गई बिसरा रिपोर्ट में जहर की पुष्टि नहीं हुई है। एडीएम राजेश कुमार ने अपनी जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी है। एडीएम राजेश कुमार ने लगभग 5 माह जांच करने के बाद रिपोर्ट शासन को भेजी है। इसमें जेल अधिकारियों, डॉक्टर सहित 100 से ज्यादा लोगों के बयान लिए गए हैं। साथ ही सीसीटीवी फुटेज बैरक जांच की गई। इसके अलावा खाने की जांच रिपोर्ट का भी अध्ययन किया गया।
पांच माह तक चली जांच
मजिस्ट्रियल रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्तार अंसारी की मौत उल्टी, उसके द्वारा उस दिन खाए गए गुड़, चने और नमक में जहर देने से नहीं हुई, बल्कि माफिया को मायोकॉर्डियल इंफॉर्क्शन यानि हार्ट अटैक की वजह से होना पाया गया है। बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों द्वारा माफिया को मृत घोषित किए जाने के बाद लखनऊ के एसजीपीजीआई के पांच डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया था, जिसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई थी। पंचनामा में मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने स्वाभाविक मौत नहीं होने की बात कही थी।
जांच में क्यों लगा इतना समय?
परिजनों के संदेश पर डीएम बांदा दुर्गा शक्ति नागपाल ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए थे। करीब पांच महीन जांच के बाद रिपोर्ट पिछले दिनों शासन को सौंप दी गई। बताया गया कि जांच में इतना समय इसलिए लग गया कि मुख्तार की मौत के दिन से 90 दिन पहले तक के सीसीटीवी फुटेज की गहनता से जांच की गई। उसे खाना देने से लेकर देखभाल में लगे जेल के अफसरों के बयान दर्ज किए गए। जांच में किसी तरह के जहर देने की पुष्टि नहीं हुई है।
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