Monday, July 8, 2024
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साहित्यकारों की शिरकत से महाकुंभ बना यादगार

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  • तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मेरठ लिटरेरी फेस्टिवल के समापन पर सभी साहित्यकारों को दिए गए स्मृति चिन्ह

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मेरठ लिटरेरी फेस्टिवल के तीसरे और अंतिम दिन में आयोजन में भाग लेने वाले देश-विदेश के साहित्यकारों की पुस्तकों का विमोचन किया गया। अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। इस अवसर पर बहुभाषी अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया। इस तीन दिवसीय आयोजन में अमेरिका, जापान, नेपाल, बेल्जियम, ब्रिटेन, मारिशस और देश के 16 राज्यों से अनेक वरिष्ठ भाषाविद् व साहित्यकारों ने प्रतिभाग करते हुए महाकुंभ को यादगार बनाया। इसके साथ ही नवोदित कलमकारों की भी बडी संख्या में सहभागिता रही।

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के बृहस्पति भवन में क्रांतिधरा साहित्य अकादमी की ओर से आयोजित महाकुंभ में पुस्तक प्रदर्शनी, पुस्तक विमोचन, पुस्तक समीक्षा, साहित्यिक व सामाजिक परिचर्चाएं, पर्यावरण विमर्श, दलित विमर्श, साक्षात्कार, लघुकथा, शोधपत्र, ओपन माइक, कवि सम्मेलन, मुशायरा व सम्मान सत्र आयोजित किए गए। अंतर्राष्ट्रीय मेरठ लिटरेरी फेस्टिवल में नौ विभूतियों को विशेष सम्मान दिया गया।

जिनमें वरिष्ठ शिक्षाविद डॉ. चिंतामणि जोशी और डॉ. अशोक मैत्रेय, इन्द्रजीत शर्मा अमेरिका, वरिष्ठ लेखक दादा अजीत कुमार अजीत, मनोज कुमार मनोज, ओंकारनाथ गुलशन, वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट ज्ञान दीक्षित, डॉ. बलराम उपाध्याय रेग्मी पोखरा-नेपाल और दानिश गजल मेरठी शामिल रहे। क्रांतिधरा मेरठ साहित्यिक महाकुंभ में देश-विदेश से भाग लेने वाले साहित्यकारों की उपस्थिति ने आयोजन को यादगार बना दिया।

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मेरठ में भव्य आयोजन और आतिथ्य से देश-विदेश से पहुंचे साहित्यिकार गद्गद नजर आए। तीसरे और अंतिम दिन सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र का आयोजन किया गया। आयोजन समिति की ओर से प्रतिभाग करने वाले सभी साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विभिन्न रचनाकारों की पुस्तकों का विमोचन भी मंच से किया गया। इसके उपरांत समारोह के अंतिम सत्र में बहुभाषी अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।

कवि सम्मेलन में देश भर से पधारे कवियों ने काव्य पाठ कर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। जिनमें मेरठ केकवियों के साथ विभिन्न राज्यों से आए अभिषेक मिश्रा अभि, कवयित्री कविता मधुर, धर्म पाल मित्रा, ओज कवि वेद ठाकुर, डॉ. प्रतीक गुप्ता, मुकेश नादान, शाहिद मिर्जा शाहिद, ज्ञानेंद्र शर्मा, मनोज कुमार मनोज, मोहन सम्पराश, शाम्भवी, अमर पाल अमर, प्रेम चंद, योगेश कुमार धीर, संस्कृति, अरविंद कुमार आजाद, अजय सोम, नूतन सिन्हा, देविका गोयल, माही राय मुंतजिर, कुलदीप मिश्रा, ऊषा श्रीवास्तव आदि शामिल रहे।

कार्यक्रम की अध्यक्ष पद्मश्री शीशराम ने की। नेपाल से पधारे डॉ. बलराम उपाध्याय रेग्मी मुख्य अतिथि तथा ज्योतिषाचार्य आशा त्यागी अतिथि रूप में उपस्थित रहे। मुख्य सत्रों और कवि सम्मेलन का संचालन डा. रामगोपाल भारतीय ने किया। क्रांतिधरा साहित्य अकादमी के संस्थापक डॉ. विजय पंडित और अध्यक्ष पूनम पंडित ने अतिथियों को भावभीनी विदाई दी। उन्होंने इस आयोजन को सफल और यादगार बताया।

उन्होंने विश्वास जताया कि देश-विदेश की धरती पर रहकर साहित्य की सेवा करने वाले नामचीन साहित्यकारों का सानिध्य पाकर नवोदित रचनाकारों को नई ऊर्जा मिलेगी। मेरठ लिटरेचर फेस्टिवल में क्रांति धरा साहित्य अकादमी के मधुर शर्मा, सत्येन्द्र शर्मा, मनमोहन और इतिहास विभाग से प्रो. विघ्नेश कुमार, डा. कृष्णकांत शर्मा, डा. योगेश कुमार, डा. कुलदीप त्यागी, डा. अलका तिवारी आदि का सहयोग रहा।

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