Saturday, December 28, 2024
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मेडा खामोश, ग्रीन वर्ज में कब होगा एक्शन?

  • परतापुर से लेकर मोदीपुरम तक हैं ग्रीन वर्ज, आखिर अवैध निर्माण पर कब होगी कार्रवाई?

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: परतापुर से लेकर मोदीपुरम तक ग्रीन वर्ज हैं। इसमें तमाम अवैध निर्माण कर दिए गए हैं। इन अवैध निर्माणों पर मेरठ विकास प्राधिकरण के इंजीनियर खास मेहरबान है। इनमें से एक भी अवैध निर्माण को तोड़ा नहीं गया। हाल ही में ईरा गार्डन के बराबर में बड़ा रेस्टोरेंट का निर्माण चल रहा है, जिस पर इंजीनियरों ने कोई कार्रवाई नहीं की है। यह निर्माण एक दिन से नहीं, बल्कि दो-तीन माह पहले से चल रहा है,

लेकिन कोई सख्ती मेरठ विकास प्राधिकरण के इंजीनियर ने नहीं की। ईरा गार्डन के दोनों तरफ अवैध रेस्टोरेंट का निर्माण किया जा रहा है। बताया तो यह जा रहा है कि एक तो रेस्टोरेंट कम विवाह मंडप भी बनाया जा रहा है। इतना बड़ा क्षेत्रफल घेरकर निर्माण किया जा रहा है, लेकिन मेरठ विकास प्राधिकरण के इंजीनियर आंखें मूंदे बैठे हैं। हालत यह हो गई है कि ग्रीन वर्ज में जो जहां चाहता है, वही पर निर्माण शुरू कर दिया जाता है।

रोहटा बाइपास शोभापुर पुलिस चौकी के ठीक पीछे एक बड़ा होटल का निर्माण हुआ है। इसको लेकर ‘जनवाणी’ ने कई दफा समाचार प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया, लेकिन इस अवैध होटल के निर्माण को मेरठ विकास प्राधिकरण की टीम नहीं तोड़ पाई। आखिर ऐसी क्या वजह है कि होटल निर्माणकर्ता पर मेरठ विकास प्राधिकरण के इंजीनियर इतने मेहरबान हैं। होटल का निर्माण नहीं रोका जा रहा है।

कई होटलों के निर्माण यहां पर कर दिए गए हैं। इसी तरह से बागपत बाइपास पर भी कई ओयो होटल बनकर तैयार हो गए। इनमें एक के पास भी मानचित्र स्वीकृत नहीं हैं, फिर ये होटल चल रहे हैं। आखिर इसके लिए जवाबदेही किसकी हैं? इन सभी का अवैध तरीके से निर्माण कर दिया गया। उनके उद्घाटन भी कर दिये गए। इस समय चल भी रहे हैं। इनसे नहीं तो कोई सराय एक्ट की अनुमति की प्रति मांगता है और नहीं मेडा के स्वीकृत मानचित्र।

इससे आगे परतापुर बाइपास से जैसे ही रुड़की रोड की तरफ चलते हैं, तभी कई अवैध ढाबे बनकर तैयार हो गए हैं। कई निर्मार्णाधीन चल रहे हैं। पंडित ढाबा बनकर तैयार हो गया, इसमें भी कोई कार्रवाई मेडा की तरफ से नहीं की गई। जैन शिकंजी अवैध रूप से बन गई, लेकिन इस पर कार्रवाई तक नहीं की। यह हालत ग्रीन वर्ज की है। यही नहीं, मोदीपुरम क्षेत्र में भी ग्रीन वर्ज में बड़े-बड़े निर्माण हो गए हैं, लेकिन इनके खिलाफ मेरठ विकास प्राधिकरण ने लगता है कार्रवाई नहीं करने का कसम खा ली है।

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इसी वजह से अवैध निर्माण की ग्रीन वर्ज में बढ़े रहे हैं। आखिर इसके लिए जवाबदेही किसकी होगी? क्या अब मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय इन निर्माणों को चिन्हित कर कार्रवाई करेंगे या फिर पुराने ढर्रे पर ही सिस्टम चलता रहेगा। सिर्फ कहने के लिए अवैध निर्माणों को फोकस किया जा रहा है। कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। अब ये देखना बाकी हैं।

वक्फ बोर्ड की विवादित जमीन पर बनी दुकान पर कब चलेगा बुलडोजर

रोहटा रोड स्थित वक्फ बोर्ड की जमीन पर अवैध तरीके से बनाई गई दुकान और दीवार पर आखिर मेरठ विकास प्राधिकरण का बुलडोजर कब चलेगा? यह बड़ा सवाल है। इसका किसी तरह का मानचित्र प्राधिकरण से स्वीकृत नहीं है, फिर भी दीवार का निर्माण कर दिया। एक दुकान बनाकर उसकी लिंटर भी डाल दिया। इस तरह से रोहटा रोड पर वक्फ बोर्ड की जमीन में बनाई गई दुकान के निर्माण को मेरठ विकास प्राधिकरण ने अभी तक नहीं गिराया।

आखिर किस इंतजार में है प्राधिकरण के इंजीनियर? जब यह दुकान अवैध है और 32 दुकानों का निर्माण और करने जा रहे हैं, यहां निर्माणकर्ता का दुस्साहस एक तरीके से बढ़ रहा है। इसके बावजूद भी प्राधिकरण की तरफ से अवैध निर्माण की गई दुकान पर बुलडोजर क्यों नहीं चला जा रहा है? आखिर इस पर क्यों खास मेहरबान है? इसकी वजह क्या है? दरअसल, मेरठ विकास प्राधिकरण के इंजीनियर इस दुकान पर सील लगा कर भूल गए। अवैध दुकान पर बुलडोजर भी चलाया जाता है, यह प्राधिकरण के इंजीनियर को याद नहीं रहा।

यही वजह है कि पिछले दो माह से इस दुकान पर सील लगी हुई है, लेकिन ध्वस्तीकरण नहीं किया गया। क्योंकि वक्फ बोर्ड की जमीन विवादित जमीन यह बताई जा रही है, जिस पर अवैध तरीके से दुकानों का निर्माण नहीं किया जा सकता, लेकिन यहां अवैध निर्माण कर दिया गया। इसका किसी तरह का मानचित्र भी प्राधिकरण से स्वीकृत नहीं है। नहीं भविष्य में मानचित्र स्वीकृत हो सकता हैं।

क्योंकि विवादित जमीन है। बावजूद इसके जबरिया दुकान का निर्माण कर आम लोगों को फंसाया जा रहा है। भोले-भाले लोगों को दुकान निर्माण से पहले ही एक लाख रुपये मीटर के हिसाब से दुकान की जमीन जनता को बेची जा रही हैं। जनता को दुकान निर्माण कराने की गारंटी अवैध निर्माणकर्ताओं ने दे रखी हैं।

अब चलेगा अवैध निर्माण पर बुलडोजर

कावड़ यात्रा संपन्न हो गई है। अब मेरठ विकास प्राधिकरण सोमवार से अवैध निर्माणों पर बड़ा अभियान चलाने जा रहा है। दरअसल, मेरठ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने हाल ही में चारों जोन खत्म का सिर्फ एक परिवर्तन दल बनाया हैं, जिसमें आठ अवर अभियंताओं को शामिल किया गया है तथा उनका जोनल अर्पित यादव को बनाया गया है। अब इस पूरी टीम ने अवैध निर्माण रोकने की दिशा में क्या प्लान बनाया है तथा सोमवार से यह टीम अवैध निर्माण पर बड़ी कार्रवाई करने जा रही है।

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अभिषेक पांडेय ने हाल ही में चारों जोन भंग करने के बाद माना था कि मेरठ विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार है। इसके बाद ही भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। अब देखना है कि भ्रष्टाचार को रोकने में कितने कामयाब प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय होते हैं या फिर पुराने ढर्रे पर ही मेरठ विकास प्राधिकरण का सिस्टम चलता रहेगा। दरअसल, इससे पहले प्राधिकरण के हिसाब से शहर को चार जोन में बांटा गया था।

इसमें एक जोन में तब दो जेई तैनात किये जाते थे, फिर भी अवैध निर्माण नहीं रुके। इस तरह से 10 से 15 जेई की तैनाती की गई थी, लेकिन इतनी बड़ी तादाद में जूनियर इंजीनियरों की तैनाती के बाद भी अवैध निर्माण नहीं रुके। क्योंकि यह व्यवस्था भी पहले प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय की निगरानी में चल रही थी, लेकिन अब उन्होंने नई व्यवस्था लागू की है, जो तमाम जोन खत्म करते हुए एक ही जोन बनाया गया है,

जिसमें इंजीनियर अवैध निर्माण की शिकायत मिलने पर तत्काल कार्रवाई करेंगे और अवैध निर्माण को गिराया जाएगा। इस तरह से 26 लाख की आबादी वाले शहर को किस तरह से मेरठ विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन अनुभाग के इंजीनियर कंट्रोल करेंगे? किस तरह अवैध निर्मार्णों पर फोकस रखा जाएगा। यह अभी कहना मुश्किल होगा, लेकिन इतना अवश्य है कि इस दिशा में प्राधिकरण उपाध्यक्ष की कोशिश भ्रष्टाचार के खिलाफ रंग भी दिखा सकती है।

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