Friday, May 2, 2025
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पीडब्ल्यूडी के लिए शासनादेश के कोई मायने नहीं!

  • कांवड़ियों के लिए कमेला पुल पैदा करेगा दिक्कत, अब भी काम अधूरा, जबकि कांवड़ यात्रा शुरू
  • 11 जुलाई को डाला गया था एक हिस्से का स्लैब, 28 दिन से पहले नहीं खोल जा सकता यह हिस्सा

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: लोक निर्माण विभाग के खेल निराले। सरकार के आदेश जैसे उसके लिए बेमानी। अपनी ही धुन के धनी इस विभाग में सरकारी आदेशों पर कैसे अमल किया जाता है यह कोई इस जादू की झप्पी देने वाले विभाग से सीखे। इस समय जिस मामले पर पूरी प्रदेश सरकार का फोकस है, सारी सरकारी मशीनरी जिस यात्रा को सफल बनाने में दिन रात एक किए हुए हैं। उसी यात्रा की तैयारियों को बट्टा लगाने के लिए लोक निर्माण विभाग मानो तैयार खड़ा है।

इस समय उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड सरकार का पूरा फोकस कांवड़ यात्रा को सकुशल सम्पन्न कराने पर है। शिवभक्तों की राह में कोई तिनका भी न चुभे इसके लिए प्रदेश सरकार पूरा होम वर्क कर चुकी है, लेकिन मेरठ में स्थिति अलग है। यहां हापुड़ रोड से हर साल लाखों कांवड़िये गुजरते हैं। यह स्थान प्रशासनिक दृष्टि से काफी संवेदनशील भी है। दरअसल, इस मार्ग के चौड़ीकरण से पूर्व यहां पुराने कमेले के पास नए पुल का निर्माण किया जा रहा है।

निर्माण से पूर्व पीडब्ल्यूडी को इस बात का अच्छी तरह एहसास था कि शीघ्र ही कांवड़ यात्रा शुरु होने वाली है। बावजूद इसके उसने काम की प्राथमिकता को नहीं समझा जिसके चलते कांवड़ यात्रा शुरु होने के बावजूद पुल का निर्माण अभी भी अधूरा है। हालांकि पीडब्ल्ूयडी अधिकारी अब दिन रात एक कर इस काम को तत्परता से पूरा करा रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि जब विभाग ने पूर्व में ही यह बता दिया था कि पुल के जिस भाग पर स्लैब डाला गया है।

उस पर कांवड़ियों का आवागमन 10 जुलाई से शुरू करवा देंगे, लेकिन टाइम लाइन बीतने के बाद भी स्थिति सबके सामने है। पीडब्ल्यूडी के अभियंता एससी शर्मा ने बताया कि यहां पुल के एक भाग पर 11 जुलाई को स्लैब डाला गया था। जोकि कम से कम 28 दिनों तक नहीं खोला जा सकता। अब सवाल ये कि जब 28 दिन की टाइम लाइन थी तो यह स्लैब पहले क्यों नहीं डाला गया।

जबकि यहां काम काफी पहले से चल रहा है। स्थिति यह है कि इस समय मुख्य मार्ग पर अवरोधक खड़े हैं और मार्ग पर काम चल रहा है। इससे कांवड़ियों को परेशानी होगी कि वो किधर से निकलें। दूसरा यह बेहद संवेदनशील इलाका है। जहां सुरक्षा के अतिरिक्त इंतेजाम भी करने पड़ते हैं। इन सब के बावजूद लोक निर्माण विभाग ने अपने जिम्मेदारी नहीं समझी।

जिस कारण आज तक भी यह पुल कांवड़ियों के लिए लाख कोशिशों के बाद भी ढंग से नहीं खोला गया। इस पुल पर पुलिस प्रशासन के आलाधिकारी कई बार भ्रमण कर पुल का निर्माण शीघ्र पूर्ण करने के आदेश दे चुके हैं। शनिवार से इस स्थान से कांवड़ियों का आगमन भी शुरू हो गया।

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