- मेयर में कैसे हो गुण बोले-अधिवक्ता, शिक्षित, ईमानदार, चरित्रवान, अपने अधिकारों के प्रति जागरूक
- जनता के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने वाला होना चाहिए मेयर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर में इस समय निकाय चुनाव को लेकर हर तरफ चर्चा चल रही है, जिसमें हमरा मेयर कैसा होना चाहिए? उसको लेकर अपनी-अपनी पसंद के प्रत्याशी को इस बार मेयर बनता देखना चाहते हैं। इसमें सोमवार को मेरठ बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं से बातचीत हुई, वो कैसा मेयर देखना चाहते हैं? उसको लेकर कचहरी परिसर स्थित जिला बार एसोसिएशन के लाल बहादुर शास्त्री सभागार में चाय की चुस्की के बीच अधिवक्ताओं की राय जानी। अधिवक्ता कैसा मेयर बनता देखना चाहते हैं।
इस दौरान मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं महामंत्री के साथ तमाम अधिवक्ताओं ने अपने मन की बात ‘जनवाणी’ से साझा की। इस दौरान अधिवक्ताओं ने खुलकर कहा कि निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने वाला होना चाहिए। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगना चाहिए। भ्रष्टाचार के मामले में निगम सर्वाधिक बदनाम हैं। निगम की छवि सुधारने वाला मेयर होना चाहिए। महानगर में तहसील स्तर की सबसे छोटी इकाई जोकि ग्राम के रूप में है, उससे महानगर के विकास की तुलना की जाये तो महानगर से ज्यादा ग्राम स्तर पर विकास होता दिखाई देगा।
इस दौरान बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि मेयर कैसा होना चाहिए? वह अब जनता तय नहीं करती, अब विभिन्न पार्टियों ने वह अधिकार जनता से छीन लिया है। अब पार्टियां तय करके भेजती हैं कि उन्हें किसे मेयर पद पर चुनाव लड़ाकर मेयर बनाना है। पार्टियों को चाहिए की वह मेयर जैसे महत्वपूर्ण पद पर सिंबल न देखकर बिना सिंबल के ही चुनाव में साफ एवं स्वच्छ छवि के प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे।
यदि सिंबल देना परिपाटी एवं जरूरी हो गया है तो पार्टियां सिंबल देते समय कम से कम यह तो ध्यान दे सकती हैं कि उन्हें जनता के बीच में कैसा प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारना है? उसके कुछ तो मानक पार्टियों को तय करने चाहिए, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण शिक्षित, ईमानदार, चरित्रवान, अपने अधिकारों एवं कृतव्यों के प्रति जागरूक हो और लाइन में खड़े सबसे गरीब कहे जाने वाले अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक विकास की योजना कैसे पहुंचे? उस पर ध्यान दे।
वह कार्यालय में बैठकर विकास संबंधी फाइलों पर हस्ताक्षर करने तक सीमित न रहे, धरातल पर जनता के बीच में रहे और जनता के दुख:दर्द को समझे और जो विकास महानगर के प्रत्येक वार्ड में हो रहा है,उस पर भी ध्यान रखे। पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ कैसे पहुंचे उस पर ध्यान देने वाला होना चाहिए। मेयर कैसा हो वह अब जनता तय नहीं करती, यह अब विभिन्न पार्टियां तय करती है कि उन्हे कैसा मेयर चाहिए उसके हिसाब से ही वह टिकट देती हैं।
जनता पर तो वह प्रत्याशी थोपकर भेज देती हैं, जिसमें पार्टियों के द्वारा जो प्रत्याशी भेजे गये हैं, उनमें से ही एक को चुनना जनता की मजबूरी बन जाती है। कम से कम पार्टियों को चाहिए की वह पार्टी से पहले तो सिंबल न दें यदि सिंबल देना पार्टी की मजबूरी बन गया है। उसके लिये जिस तरह से देश के प्रथम नागरिक राष्टÑपति पद के लिये योग्यता होती है, ठीक इसी तरह से महानगर के प्रथम नागरिक महापौर पद के लिये भी होनी चाहिए। दूसरी तरफ वह शिक्षित, भ्रष्टाचार के आरोपों में लिप्त न रहा हो और उसका चरित्र साफ सुथरी छवि वाला होना चाहिए। -शिवदत्त जोशी जिला बार एसोसिशन अध्यक्ष मेरठ
नगर निगम क्षेत्र में बदहाल सड़कें,जगह,जगह जाम की समस्या,नाले एवं नाली और सीवर चोक की समस्या,पेयजल आपुर्ति,बदहाल पथ प्रकाश की व्यवस्था क्रांतिधरा धरा पर किस तरह से विकास हो रहा है, बयान करने को काफी है। निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार पर महापौर की चुप्पी काफी कुछ बयां करती है। अक्षर महापौर कार्यालय में बैठकर ही विकास की फाइलों पर हस्ताक्षर करने तक ही सीमित दिखाई देता है,यदि वह कार्यालय से बाहर निकलकर वार्ड में जाकर जनता के दुख:दर्द को सुने, धरातल पर विकास किस तरह से हो रहा है,
उसे देखे तो काफी हद तक व्यवस्थाओं में सुधार देखा जा सकता है। विभिन्न पार्टियां जो प्रत्याशी चुनाव मैदान में मेयर पद के लिये सिंबल देकर भेजती हैं। कम से कम वह सिंबल देखते समय प्रत्याशी की योग्यता, उसके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले,उसके चरित्र एवं वह अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति कितना जागरूक है, वह ध्यान देना चाहिए। अब नामांकन पर्चे भरे जा चुके हैं, अब हमें इनके बीच से ही किसी मेयर को चुनना होगा। अब तो बस यही कहा जा सकता है,कि जाति धर्म एवं मजहब से उपर उठकर उस प्रत्याशी को वोट देना चाहिए जो एक दूसरे की तुलना में बेहतर हो। -विमल तोमर जिला बार एसोसिएशन महामंत्री मेरठ
शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की बात तो छोड़ दीजिए, जितना विकास गौरखपुर या इंदौर में किया जा रहा है, उसके बराबर विकास की योजनाएं महानगर में धरातल पर उतार दी जायें तो काफी कुछ सुधार दिखाई देगा, लेकिन निगम में जो व्याप्त भ्रष्टाचार चल रहा है, उसके चलते विकास क्रांतिधरा पर होता दिखाई नहीं पड़ रहा है। वहीं दूसरी तरफ यदि अधिकारियों के रूप में मेयर पद को देखा जाये तो ग्राम प्रधान से भी कम बजट आदि के मामले में महापौर के दिखाई देते हैं। जिसके चलते मेयर मात्र स्टंप के रूप में नगरायुक्त के लिये कार्य करते दिखाई देते हैं। -राजीव त्यागी,पूर्व बार अध्यक्ष जिला बार एसोसिशन मेरठ
महानगर में जिधर भी देखे सड़कों पर अतिक्रमण, नाले एवं सीवर चोक होने की समस्या,पथ प्रकाश व्यवस्था बेपटरी,महानगर में विकास की तुलना यदि किसी तहसील स्तर से कर दी जो तो तहसील में महानगर से बेहतर विकास मिलेगा। महापौर ऐसा होना चाहिए जोकि नगरायुक्त के द्वारा विकास के क्षेत्र में जो कुछ गलत निर्णय लिये जायें उनका खुलकर विरोध करे और भ्रष्टाचार पर नकेल कसे, जनता के दुख:दर्द को समझे।
वह जनता के हित के लिये नगरायुक्त से भी विरोध झेलना पडे उसके लिये भी तैयार रहे,योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्ति तक पहुंचे उस पर भी ध्यान दे।-एडवोकेट योगेंद्र पाल सिंह चौहान, एडवोकेट भावेश बेनिवाल ने कहा कि कचहरी परिसर जलभराव काफी समय से बनी है। निगम द्वारा उसका भी निस्तारण नही कराया गया।
जिसमें विजय शर्मा एडवोकेट पूर्व जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष, नवीन त्यागी एडवोकेट, चंद्रकेतू त्यागी एडवोकेट, मुकेश त्यागी पूर्व जिला महामंत्री बार एसोसिएशन मेरठ, राजीव त्यागी, आनंद कश्यप पूर्व महामंत्री जिला बार एसोसिएशन मेरठ, प्रवीण कुमार सुधार एडवोकेट पूर्व महामंत्री जिला बार एसोसिएशन मेरठ, सतेंद्र कुमार जांगिड एडवोकेट, विजय शर्मा, पूर्व बार अध्यक्ष जिला बार एसोसिशन मेरठ, मिस बाहुद्दीन सिद्दीकी पूर्व जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष मेरठ, प्रशांत गुप्ता एडवोकेट, मनोज शर्मा एडवोकेट, कपिलराज शर्मा आदि ने भी महानगर का मेयर कैसा हो उस पर अपने मन की बात जनवाणी से साझा की। साथ ही बताया कि महानगर में कैसे विकास को गति प्रदान की जा सकती है।