- मीट का सैंपल जांच को भेजा, सील्ड फैक्ट्री में बिजली आपूर्ति कैसे?
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: खरखौदा थाना क्षेत्र के अलीपुर में पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी की सील्ड फैक्ट्री में चल रही मीट की प्रोसेसिंग कार्रवाई में एमडीए और पावर कारपोरेशन से रिपोर्ट मांगी गई है कि जब फैक्ट्री को 2019 में सील कर दिया गया था तब बिजली की आपूर्ति किस आधार पर की जा रही थी। एमडीए से मांगा गया है कि फैक्ट्री में डीप फ्रीजर लगाने की अनुमति किसने दी। वहीं प्रारंभिक जांच में पता चला हे कि दिल्ली में पशुओं का कटान होता था और वहां से मीट प्रोसेसिंग के लिये लाया जाता था। यहां से मीट खाड़ी और वियतनाम होकर चीन भेजा जाता था।
पूर्व मंत्री हाजी याकूब की अल फहीम मीटेक्स प्रा. लिमिटेड से पुलिस और प्रशासन की टीम ने करीब पांच करोड़ रुपये कीमत का मीट पकड़ा है। दिल्ली में कटान कराने के बाद मीट यहां लाया जाता था। फैक्ट्री में मीट की प्रोसेसिंग व पैकेजिंग की जाती थी। रोजाना करोड़ों रुपये के मीट की सप्लाई खाड़ी देशों और चीन में भेजी जा रही थी। मीट वियतनाम के रास्ते चीन भेजा जाता था। पुलिस जांच में सामने आया है कि तीन महीने से अवैध धंधा चल रहा था, लेकिन पुलिस-प्रशासन अनजान बना था।
टीम ने मीट के नमूने फोरेंसिक लैब भेज दिए हैं। हाजी याकूब के घर पर निगरानी के लिए पुलिस भेजी गई। परिवार के चार लोग नामजद किये गए हैं। एसपी देहात केशव कुमार ने बताया कि मीट की दुर्गंध से प्रतीत हो रहा था कि मीट खाने योग्य नहीं है। गंदगी से आसपास क्षेत्रों में बीमारी फैलने की भी आशंका है। पुलिस ने फैक्ट्री के अंदर दो लीटर फामेर्लीन साल्यूशन भी बरामद किया है। एसपी देहात ने बताया कि केमिकल्स की एक्सपायरी डेट 2023 है। इस केमिकल से मीट को खराब होने से बचाया जाता है।
यह केमिकल स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। मतलब, मीट की सुरक्षा के लिए डीप फ्रीजर के बजाय केमिकल प्रयोग किया जा रहा था। पुलिस ने फैक्ट्री के अंदर की सभी सीसीटीवी फुटेज कब्जे में ले ली हैं। सलीम नामक व्यक्ति का परिवार मीट पैकेजिंग का काम संभाल रहा था। पुलिस मुकदमे में सलीम के परिवार को भी आरोपी बनाएगी। वहीं एसपी देहात का कहना है कि साक्ष्य एकत्र किये जा रहे हैं। इसके बाद फैक्ट्री के संचालकों की गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी।
एमडीए ने सील किया फ्रीजर
हापुड़ रोड पर स्थित गांव अल्लीपुर जिजमाना में बसपा सरकार में पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी की मीट फैक्ट्री पर प्रशासन ने गुरुवार को छापा मारकर 19 घंटे तक जांच की थी। जांच के दौरान फैक्ट्री में पुराना मीट मिलने के साथ बड़ी मात्रा में पैक मीट भी मिला था। एमडीए ने रात में ही फैक्ट्री को एक बार फिर सील कर दिया। खुले में रखे 67 कुंतल मीट से तेज दुर्गध उठने के कारण इसे नष्ट करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। उधर, बत्ती गुल और मीटर चालू, मीट प्लांट में विद्युत कनेक्शन नहीं था तो फैक्ट्री किसकी शह पर चल रही थी।
गांव अल्लीपुर जिजमाना में हाजी याकूब कुरैशी की अल फहीम मीटैक्स के नाम से मीट फैक्ट्री है। गुरुवार की तड़के पुलिस व प्रशासन ने कई विभागों की टीम के साथ यहां छापा मारा। छापेमारी के दौरान सामने आया कि तीन साल पहले फैक्ट्री को एमडीए द्वारा सील कर दिया गया था और प्रोसेसिंग लाइसेंस भी संचालकों के पास नहीं था। इसके बाद भी फैक्ट्री में मीट की पैकिंग हो रही थी। इसके अलावा फैक्ट्री में मिले मीट के नमूने लेकर जांच के लिए भी भेजे गए हैं।
कुछ दिन पुराने मीट ने खड़े किए सवाल
फैक्ट्री कहने के लिए तो पिछले तीन सालों से बंद थी। लेकिन यहां मीट पैकिंग आदि का कार्य लगातार जारी था। फैक्ट्री परिसर में बड़ी मात्रा में खुले में रखा ऐसा मीट मिला जो तीन से चार दिन पुराना था। हालांकि फैक्ट्री में पशुओं का कटान होने के साक्ष्य नहीं मिले हैं। अधिकारी भी हैरान हैं कि बंद फैक्ट्री में इतनी बड़ी मात्रा में मीट कैसे हो सकता है।
फैक्ट्री में सरकारी जमीन नाली और चकरोड भी
फैक्ट्री में सरकारी जमीन भी है। इसका राजफाश शुक्रवार को थाने पहुंची राजस्व विभाग की टीम ने किया। टीम ने थाने में रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि पूर्व मंत्री की फैक्ट्री में कुछ सरकारी जमीन, नाली और चकरोड भी है। इस पर पूर्व मंत्री का कब्जा है। साथ ही हरित पट्टी की जमीन भी है। बताया कि फैक्ट्री की सारी जमीन व्यावसायिक नहीं है।
पावर कारपोरेशन की ‘हां’ ने फैक्ट्री में किया उजाला
खरखौदा में याकूब कुरैशी की मीट फैक्ट्री में पावर कारपोरेशन की खास नजर ने हमेशा उजाला रखा। यह जांच का विषय है कि जब फैक्ट्री में सील लगी हुई थी तब बिजली विभाग के अधिकारियों की मेहरबानी याकूब कुरैशी की फैक्ट्री पर क्यों बनी हुई थी। अब प्रशासन इसकी जांच कराने जा रहा है। पूर्व मंत्री याकूब कुरैशी की फैक्टरी में सील लगी थी लेकिन, इसके बाद भी यहां बिजली कनेक्शन चलता रहा।
बिजली कभी कट जाती तो कभी बिल जमा होने पर कनेक्शन फिर से जोड़ दिया जाता। तीन महीने तक ये खेल चलता रहा। किसी ने ये तक देखने की जरूरत नहीं समझी कि जहां पर कनेक्शन चल रहा है वहां आखिर काम क्या हो रहा था। एसपी देहात केशव कुमार ने बताया कि जांच में फैक्टरी के जनवरी से चलने की बात सामने आ रही है। पकड़े गए 10 आरोपियों ने भी स्वीकार किया है कि वे यहां कई महीने से काम कर रहे थे। दिसंबर 2021 से लेकर 23 मार्च 2022 तक बिजली कनेक्शन काटने और जोड़ने का खेल लगातार चलता रहा।
याकूब की फैक्ट्री के 10 मजदूरों को भेजा जेल
अलीपुर स्थित पूर्व मंत्री की मीट फैक्ट्री में अवैध कटान की सूचना पर पुलिस ने बुधवार देर रात छापा मारकर भारी मात्रा में पैकिंग व खुला मीट पकड़ा था। जिसमें 10 मजदूरों को मौके से पकड़ा गया था। थाना प्रभारी की तहरीर पर पूर्व मंत्री सहित 14 लोगों के खिलाफ थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई। शुक्रवार पुलिस ने मौके से पकड़े गए लोगों को जेल भेज दिया गया है।
अल्लीपुर स्थित पूर्व मंत्री हाजी याकूब की अलफहीम मीटेक्स प्राइवेट लिमिटेड में बुधवार रात पशु कटान की सूचना पर एएसपी किठौर चंद्रकांत मीणा की अगुवाई में छापा मारा था। जिसमें भारी मात्रा में मीट बरामद पाया गया। जिसमें 2400 कुंतल मीट पैकिंग तथा 60 कुंतल मीट खुला पाया गया। पुलिस ने मौके से 10 मजदूरों को पकड़ा था।
पुलिस द्वारा 21 घंटे की कार्रवाई के बाद थाना प्रभारी दिनेश उपाध्याय की तहरीर पर फैक्ट्री स्वामी हाजी याकूब सहित 14 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई। शुक्रवार को पुलिस ने पकड़े गए सुल्तान पुत्र अब्दुल रज्जाक निवासी इस्लामाबाद लिसाड़ी, जमील पुत्र बाबू निवासी सद्दीक नगर लिसाड़ी गेट मेरठ रहीश पुत्र अब्दुल रशीद निवासी घेरे वाली गली लिसाड़ी गेट मेरठ, फिरोज पुत्र छोटे निवासी नरहाड़ा खरखौदा, गजेंद्र पुत्र फूलसिंह निवासी रामगढ़ औरैया, मंजूर आलम पुत्र अब्दुल लतीफ निवासी अरनिया विहार, साकिब पुत्र अब्दुल कय्यूम, शाहनवाज पुत्र मुस्ताक, इलियास पुत्र शरेवाज मुर्सीद पुत्र कबीर निवासी पंूछ कश्मीर को जेल भेज दिया।
वहीं, मुख्य आरोपी याकूब कुरैशी बेटा इमरान व फिरोज के साथ पत्नी शमजीदा पुलिस पकड़ से दूर है। थाना प्रभारी दिनेश उपाध्याय ने बताया कि मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है, जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।