Saturday, May 10, 2025
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एक्सईएन का असर, मेडा अफसरों को आता नहीं नजर

  • नेहरू रोड पर सील के बावजूद जारी है होटल का अवैध निर्माण, अधिकारियों ने बंद की आंखें

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: शहर से सटे जनपद गाजियाबाद प्राधिकरण में तैनात एक्सईएन के असर के चलते मेडा (मेरठ विकास प्राधिकरण) के अफसरों को शहर के सिविल लाइन के नेहरू रोड इलाके में पुराने मकान को तोड़कर बनाए जा रहे होटल पर सील के बावजूद अवैध निर्माण नजर नहीं आ रहा है। विगत दिनों मेडा के प्रवर्तन दल के अफसरों ने नेहरू रोड पर बनाए जा रहे होटल पर सील लगा दी थी। सील के बाद अवैध निर्माण करने वालों ने सील को हरा पर्दा डालकर ढक दिया बगैर किसी खौफ के वहां अवैध निर्माण जारी रखा।

सूत्रों ने जानकारी दी कि इस अवैध होटल का ज्यादातर निर्माण पूरा किया चुका है, केवल टाइलों का काम महज बाकी भर रह गया है। नेहरू रोड पर अवैध रूप से बनाए जा रहे होटल को लेकर आसपास रहने वाले खासे खौफ में हैं। उनका कहना है कि अवैध होटल की वजह से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इसकी वजह लोगों ने यहां मोबाइल टावर को बताया। उन्होंने जानकारी दी कि होटल के काम के चलते जो सुरक्षा उपाय मोबाइल टावर में पहले मौजूद थे, वो बदल दिए गए। जिन दीवारों को आधार बनाकर मोबाइल टावर खड़ा किया गया, उन्हें हटा दिया गया। ऐसा इसलिए किया गया, ताकि होटल के लिए बड़े स्पेस वाले हॉल तैयार किए जा सकें।

ऐसा करने से यदि कोई हादसा होता है तो उसकी कीमत यहां रहने वालों को चुकानी होगी। नेहरू रोड के अवैध होटल से खौफ जदां आसपास के लोगों ने बताया कि गाजियाबाद प्राधिकरण में तैनात एक्सईएन के मेडा के अफसरों पर असर के चलते ही मेरठ विकास प्राधिकरण का सारा खौफ जाता रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मेडा के प्रवर्तन दल ने कुछ समय पहले इस अवैध निर्माण को सील किया था, लेकिन प्रवर्तन दल के यहां से निकलते ही अवैध होटल बनाने वालों ने आंखों में धूल झोकने के लिए सील को ही ढक दिया और बादस्तूर अवैध निर्माण जारी रखा। यहां केवल अवैध निर्माण नहीं किया जा रहा है,

बल्कि सरकारी जमीन पर कब्जा कर वहां होटल में आने जाने के लिए सीढ़ी बना दी गयी हैं। अवैध होटल के लिए भारी भरकम जनरेटर भी लाया गया है। उसको रखने के लिए निगम के आबूनाला की दीवार तोड़ दी गयी है। यह मामला सीधा सीधा सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का बनता है। ऐसे मामलों में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले के खिलाफ एफआईआर का प्रवधान होता है, लेकिन एफआईआर तो दूर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के इस मामले में नगर निगम के अफसरों ने यहां आकर झांककर भी नहीं देखा।

इस पूरे मामले से यह साफ हो गया है कि तमाम अफसर जो इस अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार हैं या तो उन पर गाजियाबाद के एक्सईएन का असर है, उनसे खौफजदा है या फिर उनको चांदी की जूती मार दी गयी है। वहीं, इस संबंध में मेडा के जोनल अधिकारी अर्पित कृष्ण यादव का कहना है कि नेहरू रोड पर अवैध रूप से बनाए जा रहे होटल को सील कर दिया गया है। यदि वहां कोई कार्य चोरी छिपे चल रहा है तो उसके लिए जिम्मेदार को स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। साथ ही मेडा प्रवर्तन दल की टीम सोमवार को मौके पर जाकर जांच भी करेगी।

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