- आज कॉलेज में मनाया जाएगा स्थापना दिवस समारोह
- नई शिक्षा नीति के तहत शुरू होने जा रहे हैं नए कोस
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: प्रधानमंत्री, नेता, नौकरशाह, जज, अधिकारी और बिजनेस मेन सहित देश-दुनिया को प्रतिभा के नायाब तोहफे देने वाला मेरठ कॉलेज आज 130 साल का हो जाएगा। कोलकाता विवि से संबंद्धता प्राप्त कर केसरगंज के पालिका स्कूल से शुरू यह कॉलेज मेरठ और वेस्ट यूपी ही नहीं बल्कि दुनिया भर में अपनी छाप छोड़े हुए हैं। ब्रिटिस शासन काल में पड़ी मेरठ कॉलेज की नींव आज वट वृक्ष की तरह विशाल हो चुकी है।
बता दें कि 15 जुलाई 1982 को मेरठ कॉलेज उद्घाटन की बैठक हुई। जिसमें मेरठ कॉलेज और मेरठ कॉलेजिएट स्कूल को शुरू करने का निर्णय लिया गया। शुरुआत केसरगंज टाउन हाल बिल्डिंग से हुई। डब्ल्यूके बॉनाउड कॉलेज के पहले प्राचार्य नियुक्त हुए। पांच शिक्षक और 70 छात्रों के साथ कॉलेज की शुरुआत हुई।
कोलकाता विवि को बीए कोर्स की संबद्धता देने और 10वीं व 12वीं छात्रों की परीक्षा लेने के लिए प्रार्थना पत्र भेजा गया। कॉलेज शुरू होने के 78 दिनों बाद छात्रों की संख्या बढ़ गई और कॉलेज को टाउन हॉल से सिविल लाइन की इंपीरियल बिल्डिंग में शिफ्ट किया गया। कैंट का यह क्षेत्र तब रामपुर के नवाब की कोर्ट था।
कॉलेज में विजयंत टैंक बढ़ा रहा शोभा
1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध में रहकर कहर बरपाने वाला विजयंत टैंक आज मेरठ कॉलेज की शोभा बढ़ा रहा है। कॉलेज के रक्षा अध्ययन विभाग से जनरल विपिन रावत पीएचडी कर चुके हैं। सेना के दो दर्जन से अधिक अधिकारी यहां से शोध कार्य कर चुके हैं और कुछ आज भी कर रहे हैं।
यहां के शिक्षकों का नहीं जवाब
यहां के शिक्षकों की लिखी किताबें देश ही नहीं बल्कि विदेशों के विवि में भी पढ़ाई जा रही है। पूर्व प्राचार्य एसके अग्रवाल की एनेलिटिकल केमेस्ट्री देशभर के विवि में पढ़ाई जाती है। वहीं एडवांस्ड इन आर्गेनिक केमेस्ट्री भारत के अलावा नेपाल, पाकिस्तान, सिंगापुर, दुबई, भूटान, हांगकांग, मॉरीसस और इंग्लैंड के विवि के सिलेबस में शामिल है।