- अभिभावक वेलफेयर सोसाइटी ने शासन की गाइड लाइन का पालन कराने की मांग उठाई
- ज्ञापन में कहा प्रयोगात्मक परीक्षा के नाम पर डरा रहे स्कूल
जनवाणी संवाददाता |
नजीबाबाद: अभिभावक वेलफेयर सोसाइटी के तत्वावधान में अभिभावकों ने एसडीएम को ज्ञापन देकर कुछ निजी स्कूलों द्वारा प्रयोगात्मक परीक्षा के नाम पर छात्रों को स्कूल में आने के लिए विवश करने का आरोप लगाया है। ज्ञापन में सवाल उठाया गया है कि यदि ऐसे में स्कूल जाने पर उनके अभिभाव्य कोरोना की चपेट में आते है तो कौन उत्तरदायी होगा।
शुक्रवार को अभिभावक वेलफ़ेयर सोसायटी ने एसडीएम बृजेश कुमार सिंह को ज्ञापन दे कर कहा कि शिक्षा विभाग के किसी भी परीक्षा बोर्ड ने अभी तक लिखित व प्रयोगात्मक परीक्षा की कोई सूचना जारी नहीं की है, लेकिन नजीबाबाद क्षेत्र के कुछ निजी स्कूलों ने प्रयोगात्मक परीक्षा के लिए कक्षा 10 व 12 के छात्रों को स्कूल आने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया है।
निजी स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई के जरिए लगातार छात्रों को डरा रहे हैं कि जो छात्र प्रयोगात्मक परीक्षा में उपस्थित नहीं होगा उसे मुख्य परीक्षा में शामिल नहीं होने दिया जाएगा। इस डर के कारण अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए विवश है ।
ज्ञापन में कहा गया है कि स्कूल अपनी मनमानी करने पर आमादा हैं लेकिन अगर उनके नौनिहालों को कोरोना संक्रमण हो गया या उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी यह तय किया जाना नितांत आवश्यक है। जिस पर स्कूल चुप्पी साधे है।
ज्ञापन में मांग की गई है नौनिहालों के स्वास्थ्य को व उनके भविष्य को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार व केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों का प्रशासन सख्ती से पालन कराए और यदि बच्चे स्कूल जाते है तो उनके स्वास्थ्य के प्रति स्कूलों की जवाबदेही सुनिश्चित कराने की कृपा करें। जिससे उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित रह सके।
ज्ञापन देने वालों में अभिभावक वेलफेयर संघ के अध्यक्ष पंकज विश्नोई एडवोकेट, अमित कुमार, मयंक अग्रवाल, सोनू आदित्य पंकज सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि शामिल रहे।