Friday, August 22, 2025
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नहीं दिखा चांद, पहला रोजा जुमे को

  • रुयत-ए-हिलाल कमेटी की बैठक में हुआ फैसला
  • शहर काजी ने देश के कई शहरों में की तस्दीक
  • कल से शुरू हो जाएगा तरावीह और शबीनों का दौर

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: रमजान का चांद बुधवार को नजर नहीं आया। अब पहला रोजा शुक्रवार (जुमा) को होगा जबकि पहली तरावीह गुरुवार (आज) से शुरु हो जाएंगी। इस संबंध में बुधवार देर शाम मगरिब की नमाज के बाद रुयत-ए-हिलाल (चांद कमेटी) की बैठक गुदड़ी बाजार स्थित ऊंची मस्जिद में हुई जिसकी अध्यक्षता शहर काजी प्रो. जैनुस साजेदीन ने की। बैठक के बाद शहर काजी ने ऐलान किया कि कहीं से भी चांद दिखाई देने की कोई सूचना नहीें मिली है लिहाजा अब पहला रोजा शुक्रवार को होगा।

बुधवार को मगरिब की नमाज के बाद लोग अपने घरों की छतों पर पहुंच गए और चांद देखने की कोशिश की। चांद नहीं आया। शहर काजी प्रो. जैनुस साजेदीन ने भी चांद देखने की कोशिश की लेकिन चांद नहीं दिखा। इसके बाद रुयत ए हिलाल बैठी और इसमें शहर काजी ने शहर के विभिन्न हिस्सों में फोन के जरिए चांद के संबध में सूचना प्राप्त की लेकिन सभी जगहों पर चांद न दिखाई देने की बात कही गई।

मेरठ में भी चांद नहीं दिखा इसके बाद शहर काजी ने चांद न दिखाई देने की घोषणा कर दी। बैठक में नायाब शहर काजी जैनुर राशेदीन, जमीयत उलेमा ए हिन्द के महामंत्री कारी सलमान कासमी, जमीयत प्रवक्ता हाजी शीराज रहमान, साबिर खान, हाजी इमरान सिद्दीकी व हाजी हनीफ कुरैशी सहित कई लोग मौजूद थे।

मरकजी चांद कमेटी ने भी घोषणा

मरकजी चांद कमेटी लखनऊ ने भी घोषणा की कि बुधवार को चांद नजर नहीं आया। मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली व मरकजी चांद कमेटी के जनरल सेके्रट्री नईमुर्रहमान सिद्दीकी ने भी मगरिब की नमाज के बाद चांद न दिखाए देने की घोषणा की। उधर दूसरी ओर केन्द्रीय रुयत-ए-हिलाल कमेटी दिल्ली ने भी चांद न होने की घोषणा की। शाही जामा मस्जिद के नायाब इमाम सैयद शाबान बुखारी ने इसकी घोषणा की।

तरावीह व शबीने आज से

मदरसा जामिया मदनिया के नायाब मोहतमिम कारी अफ्फान कासमी ने बताया कि बुधवार को चूंकि चांद नजर नहीं आया लिहाजा अब तरावीह और शबीनों का दौर गुरुवार से प्रारम्भ होगा। उन्होंने बताया कि पहला छह रोजा शबीना शाही जामा मस्जिद में शाही ईदगाह के खतीब कारी शफीकुर्रहमान कासमी पढ़ाएंगे जबकि शाही ईदगाह में शबीना खुद कारी अफ्फान पढ़ाएंगे। शहर की विभिन्न मस्जिदों में जहां सवा व डेढ़ पारे की तरावीहों का एहतमाम होगा वहीं कई मस्जिदों में तीन व पांच रोजा शबीना भी होंगे।

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