जनवाणी संवाददाता |
बड़ौत: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण महानिदेशक को सांसद डा. राजकुमार सांगवान ने पत्र लिखकर जिले में स्थित पुरातत्व स्थल सिनौली-तिलवाड़ा सिंधु घाटी सभ्यता से निकले पुरावशेषों को वर्चुअल म्यूजियम स्थापित करने के लिए कहा है।
पत्र के माध्यम से उन्होंने बताया कि यह पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण केन्द्र हैं। दिल्ली से मात्र 100 किलोमीटर दूरी पर स्थित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के इतने निकट कोई भी सिंधु घाटी का सभ्यता का स्थल मौजूद नहीं है। इस पुरातत्व स्थल पर पहली बार रथ मिला है एवं डीएनए जांच रिपोर्ट में घोड़े के अवशेषों की भी पुष्टि हुई है। वैदिक काल से भी इस स्थल को जोड़ा जा सकता है। ऋग्वेद में जिस प्रकार की अंतिम संस्कार की प्रक्रिया वर्णित है। ठीक उसी प्रकार के साक्ष्य खुदाई में यहां मिलते हैं।
दिल्ली से हजारों किलोमीटर दूर धोलावीरा एवं लोथल में पुरातत्व स्थल पर प्रतिदिन हजारों पर्यटक जाते हैं। परंतु सिनौली-तिलवाड़ा में पर्यटकों हेतु किसी प्रकार की सुविधा न होने पर यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या नगण्य है।राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की लगभग 4 करोड़ जनसंख्या वाले क्षेत्र की निकटता को ध्यान में रखते हुए इस पुरातत्व स्थल पर अन्य प्रसिद्ध पुरातत्वस्थलों के समान पर्यटकों हेतु आवश्यक सुविधाएँ विकसित किए जाने की आवश्यकता है।
विद्यालयों के लाखों छात्र-छात्राओं के शैक्षिक भ्रमण हेतु यह आदर्श स्थान बन सकता है।उन्होने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण महानिदेशक से निवेदन किया है कि इस पुरातत्व स्थल को अंतर्राष्ट्रीय पटल पर लाने के लिए सिंधु घाटी सभ्यता के समस्त स्थलों पर आधारित सिनौली-तिलवाड़ा में एक वर्चुअल म्यूजियम स्थापित करने एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं विकसित करने हेतु कष्ट करें।