नालों के ऊपर बनी दुकानें, बुढ़ाना गेट, घंटाघर और जलीकोठी समेत कई जगहों पर यही हाल
नालों के ऊपर दुकानें बनने से आती हैं समस्याएं
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर में नालों की सफाई को लेकर नगर निगम की ओर से वर्तमान में सख्ती से कार्य किया जा रहा है। लेकिन एक नजर जरा नये नगरायुक्त को इधर डालने भी भी जरूरत है जहां लोगों ने नालों के ऊपर ही दुकानें बनाकर तैयार कर ली हैं जिस कारण यहां नालों की सफाई नहीं हो पाती और जलभराव की समस्या बनती है।
शहर में अवैध कब्जे होना कोई नई बात नहीं है, लेकिन पूरे शहर में अतिक्रमण हटाया जाए और कुछ जगहों को छोड़ दिया जाए तो यह सही नहीं है। ऐसा ही हाल कुछ बुढ़ाना, छतरी वाला पीर के पास, जली कोठी, घंटाघर के पास नाले के ऊपर सभी जगहों पर नाला पाटकर दुकानें बना दी गर्इं हैं और यहां से दुकानों को नहीं हटाया जा रहा है। जिस कारण यहां नाला साफ नहीं होता और जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
जबकि यह हालात तो तब हैं, जब यहां बोर्ड में सदन में कई बार प्रस्ताव तक पास हुआ कि इन दुकानों को नाले के ऊपर से हटाया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया और यहां दुकानेें लगातार चल रही हैं। शहर में बुढ़ाना गेट स्थित रेवड़ी बाजार कोई नया बाजार नहीं है। यहां यह बाजार बरसों पुराना है और बरसों से यहां नाले के ऊपर ही दुकानें बनी हुई हैं। यहां दुकानदारों की ओर से नाला पाटकर दुकान बना दी गर्इं हैं, लेकिन नगर निगम यहां से अभी तक अतिक्रमण नहीं हटा पाया है।
जबकि नगर निगम की ओर से पूरे शहर में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है। बावजूद इसके यहां किसी भी दुकानदारें के खिलाफ न तो कार्रवाई की गई और न ही कोई जुर्माना वसूला गया है। बाजार में बुढ़ाना गेट चौकी से लेकर जिमखाना मैदान तक यही हाल है। हनुमान मंदिर के ठीक सामने दर्जन भर दुकानें यहां नाला पटरी पर बनी हैं।
दुकानदारों ने यहां पक्का निर्माण तक कर रखा है, लेकिन इसे यहां से नहीं हटाया जा रहा है। जबकि इसकी शिकायत वेदवाड़ा निवासी गगन पाराशर ने इस संबंध में मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत कर रखी है। बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
घंटाघर के सामने भी यही हाल
बात घंटाघर की करें तो यहां भी सूट की दुकानें व जूस की दुकानें नाले के ऊपर ही बना दी गई हैं। यहां नाला पाटकर दुकानें बनाई गर्इं हैं और इसकी दूरी नगर निगम से महज 100 मीटर ही है। इसके बावजूद यहां खुलेआम दुकानें चल रही है। अतिक्रमण हटाने के समय यह दुकानें पीछे हटा ली जाती हैं, लेकिन फिर से यहां कब्जा कर लिया जाता है और इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाता।
जली कोठी के पास नाले पर ही हैं कई दुकानें
जली कोठी के पास छतरी वाला पीर की बात करें तो पीर के ठीक सामने यहां कई दुकानें नाले के ऊपर बना दी गर्इं हैं। यह दुकानें यहां बरसों से चल रही है। जबकि इन्हें यहां से हटाया नहीं गया है। एक तो कब्जा और वह भी पक्का निर्माण यहां कर लिया गया है। नगर निगम की ओर से यहां भी अभियान नहीं चलाया गया है। यहां लोगों ने पक्का निर्माण कर रखा है। नाले के ऊपर दुकानें बनी हैं और नाले साफ नहीं हो पा रहे हैं। जिस कारण परेशानी होना तय है।