मुंबई में क्रूज पर ड्रग्स मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की ओर से आर्यन खान को क्लीन चिट दिए जाने के बाद अब विवादों का पिटारा खुल गया है। जहां एक ओर सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत/ आत्महत्या के बाद गिरफ्तार रिया चक्रवर्ती ड्रग्स मामले की जांच भी स्पेशल टीम से करवाने की मांग उठी है वहीं दूसरी ओर भारत के नागरिकों और स्वतंत्रता और सम्मान के साथ जीने के उनके अधिकार, जिसकी गारंटी संविधान द्वारा दी गई है, का सम्मान करने की भी है, जिसका उल्लंघन जांच एजेंसियों द्वारा आए दिन किया जा रहा है। यही नहीं इन मामलों की जिस तरह मीडिया ने भयावह और गैरजिम्मेदाराना रिपोर्टिंग की इस पर भी मीडिया संस्थानों और प्रेस कौंसिल आफ इंडिया को आत्मावलोकन करने की जरुरत है।
ड्रग्स मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की विशेष जांच दल की ओर से आर्यन खान को क्लीन चिट दिए जाने के एक दिन बाद रिया चक्रवर्ती के ड्रग्स मामले में इसी तरह की जांच की मांग की गई है। बॉलीवुड एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले में ड्रग्स केस में गिरफ्तार किया गया था। रिया चक्रवर्ती ड्रग्स मामले की स्पेशल टीम से जांच की मांग करते हुए वकील सतीश मानशिंदे ने कहा, ‘रिया चक्रवर्ती और शोविक मामले में भी जांच होनी चाहिए। उनके पास से कोई दवा नहीं मिली। कोई टेस्ट नहीं किया गया।’ सतीश मानशिंदे वही वकील हैं जिन्होंने ड्रग्स मामले में आर्यन खान का प्रतिनिधित्व किया था। इससे पहले उन्होंने रिया चक्रवर्ती का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों से एनसीबी ने बहुत से लोगों को परेशान किया है और इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है। केवल व्हाट्सएप चैट थे, कोई टेस्ट नहीं किया गया था। जब आर्यन खान मामले ने दिखा दिया कि झूठा मामला बनाया गया था तो रिया चक्रवर्ती के समय से ही चल रहा था। फिर से नई जांच कराई गई।
दरअसल, रिया चक्रवर्ती केस के बाद सतीश मानशिंदे ने आर्यन खान का भी केस देखा था। लेकिन कुछ समय बाद उनकी जगह मुकुल रोहतगी आ गए थे। और अब एडवोकेट सतीश की डिमांड है कि आर्यन केस में जो इन्क्वायरी की गई है, वही रिया के केस में भी हो। क्योंकि रिया और शोविक के पास भी ड्रग्स नहीं पाए गए थे। उनका टेस्ट भी नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि बॉलीवुड के कई यंगस्टर्स को एनसीबी ने समन भेजा था लेकिन किसी को नहीं मालूम कि वह किसलिए था।
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद रिया को 8 सितंबर, 2020 को अरेस्ट किया गया था।
इसके चार दिन बाद उनके भाई शोविक को भी हिरासत में लिया गया था। और एनसीबी द्वारा नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 की तमाम धाराओं के तहत ड्रग्स का सेवन करने, रखने और उसकी अवैध तस्करी करने का मामला दर्ज किया गया था। इस बीच विवादों में घिरे आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े का शनिवार को फिर से तबादला कर दिया गया है। वानखेड़े को केवल 6 महीने की अवधि में दिल्ली में राजस्व खुफिया निदेशालय से करदाता सेवा महानिदेशालय, चेन्नई में स्थानांतरित कर दिया गया है।
आईआरएस अधिकारी 31 दिसंबर, 2021 से पहले नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी ) मुंबई जोन में प्रतिनियुक्त थे। यह तबादला एनसीबी द्वारा कॉर्डेलिया क्रूज ड्रग बस्ट में चार्जशीट दायर करने के कुछ दिनों बाद हुआ है, जिसकी जांच अधिकारी ने की थी, जो उस समय केंद्रीय एजेंसी के जोनल डायरेक्टर थे। पिछले साल 6 नवंबर को, एनसीबी ने उन्हें जांच से हटा दिया और मामले को मुंबई से दिल्ली स्थित एसआईटी (विशेष जांच दल) को अपने उप महानिदेशक (संचालन) संजय कुमार सिंह के अधीन स्थानांतरित कर दिया।
कॉर्डेलिया क्रूज ड्रग का भंडाफोड़ 2 अक्टूबर, 2021 को हुआ था। वानखेड़े, अपनी टीम के साथ, सीआईएसएफ से कथित ड्रग पार्टी के बारे में सूचना मिलने के बाद यात्रियों की आड़ में क्रूज जहाज पर सवार हुए। समुद्र के बीच में, एनसीबी टीम ने क्रूज जहाज पर छापा मारा और थोड़ी मात्रा में कोकीन, मेफेड्रोन, चरस, हाइड्रोपोनिक वीड, एमडीएमए और 1,33,000 रुपये नकद जब्त किए। आर्यन खान सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि छह अन्य को एनसीबी ने छोड़ दिया। जांच के दौरान यह संख्या बढ़कर 20 हो गई।
2020 में, रिया चक्रवर्ती की गिरफ्तारी से लेकर दीपिका पादुकोण, श्रद्धा कपूर, सारा अली खान और रकुल प्रीत सिंह जैसी हस्तियों को उनके कथित व्हाट्सएप चैट के आधार पर तलब करने और पूछताछ करने तक, वानखेड़े सभी एनसीबी जांचों के शीर्ष पर थे। साथ ही, भारती सिंह, और पति हर्ष लिम्बाचिया और प्रीतिका चौहान जैसी टीवी हस्तियां भी ड्रग केस में रडार पर थीं। अभिनेता अरमान कोहली को एनसीबी ने अगस्त 2021 में नशीली दवाओं के सेवन के आरोप में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी और छापेमारी एनसीबी के मुंबई प्रमुख समीर वानखेड़े की देखरेख में की गई थी। एनसीपी मंत्री नवाब मलिक ने सबसे पहले दावा किया था कि एनसीबी की छापेमारी फर्जी थी और यह प्रमुख फिल्म सितारों से पैसे वसूलने का प्रयास था।
एनसीबी ने आर्यन खान के खिलाफ आरोपों को ड्रॉप करने के लिए जिन कारणों का हवाला दिया है उनमें कहा गया है कि ड्रग्स आर्यन के लिए नहीं थे। फोन औपचारिक रूप से जब्त नहीं किया गया था। ड्रग्स की कोई बरामदगी नहीं हुई थी। एनसीबी के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े ने राजपत्रित अधिकारी के रूप में खान की तलाशी ली थी, लेकिन उनके पास कोई ड्रग्स नहीं मिला था। खान और अन्य के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 29 के तहत साजिश का आरोप प्राथमिक कारणों में से एक था।
हालांकि, चार्जशीट में एसआईटी ने किसी भी ठोस सबूत की अनुपलब्धता का हवाला दिया जो आर्यन खान की भूमिका या अरबाज मर्चेंट या किसी अन्य आरोपी के साथ उसकी साजिश को उचित संदेह से परे साबित कर सकता है, जैसा कि अब तक सामने आया है। व्हाट्सएप संदेशों पर अत्यधिक निर्भरता काउंटर प्रोडक्टिव है। जांच अधिकारी आर्यन को फंसाना चाहते थे। एक आंतरिक एनसीबी दस्तावेज जो चार्जशीट का हिस्सा नहीं है, में कहा गया है कि ऐसा प्रतीत होता है कि जांच अधिकारी को आर्यन खान को ड्रग मामले में फंसाने के लिए प्रेरित किया गया था। सवाल यह भी महत्वपूर्ण है कि देश में प्रतिबंध के बावजूद ड्रग्स आ कहां से रहे हैं? इसका जवाब पहले एनसीबी को देना चाहिए।