Monday, July 14, 2025
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एनसीआरटीसी का 50 स्पैन पुल स्थापित

  • 30 दिनों के अंदर टीम एनसीआरटीसी ने 1.5 किमी से ज्यादा लंबा वायडक्ट किया तैयार

जनवाणी संवाददाता  |

मेरठ: एनसीआरटीसी ने दिसंबर महीने में आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए 50 स्पैन निर्मित करके अपने तरह का एक नया माइलस्टोन स्थापित किया है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब 30 दिनों के अंदर टीम एनसीआरटीसी ने दिन रात की कड़ी मेहनत से 1.5 किमी (1500 मीटर) से ज्यादा लंबा वायडक्ट तैयार कर लिया है।

दो पिलर के बीच की दूरी के अनुसार एक स्पैन की अनुमानित लंबाई लगभग 34 मीटर होती है। 1.5 किमी लंबे वायडक्ट का निर्माण कार्य केवल दिसंबर महीने के 30 दिनों में ही पूरा किया गया है, जो स्वयं में एक माइलस्टोन है। ये 50 स्पैन दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के 70 किमी लंबे एलिवेटेड हिस्से के लिए स्थापित किया गया है, जिसका अधिकतम हिस्सा 17 किमी लंबे प्रायोरिटी सेक्शन में है।

एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण के लिए दो पिलर के बीच लॉन्चिंग गैंट्री (तारिणी) द्वारा प्रीकास्ट बॉक्स सेगमेंट को लिफ्ट करके एक-दूसरे से विधिवत जोड़कर एक स्पैन का निर्माण किया जाता है। पिलर के बीच के स्पैन के निर्मित होते रहने से एलिवेटेड वायडक्ट का निर्माण होता जाता है, जिस पर ट्रेन परिचालन के लिए आगे की प्रक्रिया चलती रहती है।

आरआरटीएस कॉरिडोर का ज्यादातर हिस्सा दिल्ली मेरठ रोड के मध्य भाग में बनाया जा रहा है, जो बहुत व्यस्तम मार्ग है। इसलिए एनसीआरटीसी, स्थानीय लोगों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए, आरआरटीएस कॉरिडोर के निर्माण में साइट पर कम से कम कार्य कर रहा है और ज्यादा से ज्यादा प्रीकास्ट सेगमेंट का इस्तेमाल कर रहा है, जिससे निर्माण के दौरान निर्बाध यातायात सुनिश्चित रहे और कम समय में ज्यादा निर्माण करना संभव हो सके। कॉरिडोर के लिए प्रीकास्ट सेगमेंट आरआरटीएस के मुरादनगर, गाजियाबाद व मेरठ के शताब्दीनगर, मेरठ स्थित कास्टिंग यार्ड में तैयार किए जा रहे हैं।

जहां से इन्हे ट्रको के जरिये साइट तक लाया जा रहा है और फिर लॉन्चिंग गैंट्री (तारिणी) की मदद से लिफ्ट करके निर्धारित स्थान पर फिक्स किया जाता है। दिसंबर के शुरुआत में ही एनसीआरटीसी ने वसुंधरा, गाजियाबाद के पास भारतीय रेलवे की मुख्य लाइन को पार करने के लिए कॉरिडोर के पहले स्पेशल स्टील स्पैन (पुल) को सफलतापूर्वक स्थापित कर लिया है, जो 73 मीटर लंबा और 850 टन वजनी है। वर्तमान में 82 किमी आरआरटीएस कॉरिडोर पर 14,000 से अधिक कर्मचारी और 1100 से अधिक इंजीनियर दिन रात निर्माण कार्य में लगे हुए हैं।

अब तक एलिवेटेड सेक्शन के 1100 से अधिक पिलर बनाए गए हैं, लगभग 54 किमी का फॉउंडेशन और लगभग 15 किमी का वायाडक्ट पूरा हो चुका है। साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किमी के प्राथमिकता वाले खंड को 2023 तक और 2025 तक पूर्ण कॉरिडोर को शुरू करने का लक्ष्य है।

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