जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर के अंदर गढ़ रोड पर गांधी आश्रम से लेकर तेजगढ़ी चौराहे तक सीएम ग्रिड रोड बताकर अफसर जिसका निर्माण कराने का दम भर रहे हैं, लगता है कि सिस्टम के आला अफसरों को वहां कैसे काम किया जा रहा है। कहीं कोई खामी तो सीएम ग्रिड प्रोजेक्ट के तहत बनायी जा रही, इस रोड के निर्माण के दौरान तो नहीं छोड़ी जा रही है, यह देखने की फुर्सत ही नहीं है। कई महीने से काम चल रहा है और पूरा क्षेत्र काम के तरीकों से परेशान है, पर किसी आला अफसर ने अभी तक मौका मुआयना करना और लोगों की दिक्कतों को जानने की जहमत नहीं उठायी है। ठेकेदार भी मनमाने तरीके से काम कराने में लगे हैं।
इस बात को क्यों नहीं देखा जा रहा है कि रोड का काम शुरू करने से पहले नगर निगम ने जो अवैध कब्जे हटाये थे, उनका क्या हुआ। ये सभी कब्जे फिर से हो गए और उनके कब्जों के होने के बावजूद काम हो रहा है। इस बाबत अब भाजपाइयों ने शिकायत की है। भाजपाइयों ने कमिश्नर को बताया हे कि अवैध कब्जे हटाने के बजाय नाली को तिरछा किया गया है जो 50 करोड़ की लागत से बनायी जा रही इस सड़क की सेहत के लिए ठीक नहीं है। सीएम ग्रिड योजना के तहत बनायी जा रही इस रोड के निर्माण कार्य में ठेकेदार या कहें जो भी कार्यदायी संस्था है, उसने जो कारगुजारियां दिखानी थी, वो तो दिखा चुके है, लेकिन यहां सिस्टम को चलाने वाले आला अफसरों की बात की जा रही है। इस बात को अफसर क्यों नहीं देख रहे कि इतनी महत्वपूर्ण व बड़ी रकम से तैयार की जा रही सड़क का काम शुरू करने से पहले गढ़ रोड से अवैध कब्जे क्यों नहीं हटवाए गए। कौन इंजीनियर का ठेकेदार इसके लिए जिम्मेदार है। किस नेता के दबाव में इन कब्जों को हटाने के बजाय नाली को ही तिरछा कर दिया गया।
गढ़ रोड पंचशील कॉलोनी के बाहर से होकर यह रोड जा रही है। यहां तमाम होटल और ढाबे वाले हैं, जिन्होंने सड़क पर अवैध कब्जे किए हुए हैं। रोड का काम शुरू करने से पहले नाली बनाने का काम शुरू किया गया, लेकिन नाली बनवाने वाले इंजीनियर ने बजाय अवैध कब्जे हटवाने की रिपोर्ट नगर निगम या अपने बड़े अफसरों को देने के बजाय, जिन्होंने कब्जे कर रखे हैं, उनसे ही हाथ मिला लिया। दरअसल, यदि अवैध कब्जों को हटवाया जाता है तो जिन्होंने अवैध कब्जे किए हुए हैं, उनको भारी नुकसान उठाना पड़ता, लेकिन नाली सीधी बन जाती।
पूरे शहर की नाले नालियां कर दीं तिरछीं
नगर निगम द्वारा इन दिनों पूरे शहर में नाले नालियों का निर्माण कराया जा रहे हैं, ताकि जिन नाले नालियों पर अवेध कब्जे किए गए हैं। उनका हटवाया जा सके। नालियां तो बनायी जा रही है, लेकिन यह मुगालता दिमाग से निकाल दीजिए कि जो अवैध कब्जे नालियों पर किए गए हैं उन्हें हटवाया जा रहा है। जीआईसी बेगमपुल के बाहर नाली का निर्माण कराया गया, लेकिन अवैध कब्जे नहीं हटाए गए। यहां नाली को तिरछा कर दिया गया। इसका नुकसान बारिश में होगा। पूरे शहर में जहां जहां नगर निगम के ठेकेदार नालियां बना रहे हैं, वहां कहीं भी अवैध कब्जे हटवा कर नालियों को सीधा नहीं बल्कि तिरछा बनाया जा रहा है। इसकी एवज में उनकी मुट्ठी भी गरम हो रही है।