Saturday, April 26, 2025
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लंपी से बीमार गोवंश की नहीं ले रहा कोई सुध, कई मौत

  • मोहल्ले वालों का आरोप, बीमार गोवंश को सड़कों पर छोड़ देते हैं पशुपालक

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: कैंट इलाके में छुट्टा घूमने वाले गोवंश में लंपी स्किन रोग के कई मामले सामने आने और इनसे होने वाली मौतों की खबर के बावजूद पशुपालन विभाग सुध लेने को तैयार नहीं है। स्थिति यह है कि क्षेत्रवासी इस बीमारी को लेकर खौफजदा हो रहे हैं। मुख्य रूप से मैदा मोहल्ले के हालात बदतर हो चुके हैं। क्षेत्रवासियों का कहना है कि यहां कई गोवंश बीमारी की चपेट में आकर दम तोड़ चुके हैं। यहां गायों की मौत का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है।

क्षेत्रवासियों का कहना है कि बीमार होने वाली गाय और गोवंश को पशु पालक सड़कों पर छोड़ रहे हैं। जिसके कारण समूचे कैंट क्षेत्र में इन दिनों हर सड़क पर छुट्टा गोवंश नजर आ रहे हैं। इसके अलावा मैदा मोहल्ले में अन्य पशुओं खास तौर से स्ट्रीट डॉग के भी इस जानलेवा बीमारी से संक्रमित होने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि पशु चिकित्सक ऐसी संभावना को सिरे से नकार रहे हैं।

इसके बावजूद लोगों को डर है कि यदि स्ट्रीट डॉग में गायों को लगी बीमारी फैलती है तो इसके भयानक परिणाम होंगे। क्योंकि स्ट्रीट डॉग से यह संक्रमण एक डॉग से दूसरे डॉग में आसानी से फैल जाएगा। इसके अलावा स्ट्रीट डॉग गलियों में इधर उधर घूमते हैं, वहां बच्चे भी खेलते हैं, इसलिए बच्चों के स्वास्थ्य को भी खतरा हो सकता है।

मोहल्ले वालों का कहना है कि जिन गायों की मौत रहस्मय बीमारी से हो रही हैं, कैंट बोर्ड प्रशासन उन्हें तत्काल हटवाने की व्यवस्था करें या फिर डेयरी संचालक उन्हें तत्काल हटवाएं। जिस बीमारी से गोवंश मर रहे हैं वह अन्य पशुओं को न लगे। और मैदा मोहल्ला भी पूरी तरह से सुरक्षित रहे। इस बीमारी से अब तक पांच गायों की मौत हो चुकी है।

इसके अलावा मोहल्ले के लोगों की शिकायत है कि कई बार इन मृत पशुओं को हटाने में काफी देरी हो जाती है। यह देरी इस आबादी वाले इलाके के लिए किसी भी बड़ी मुसीबत या महामारी का कारण बन सकती है। मोहल्ले वालों ने मेरठ कैंट बोर्ड प्रशासन से मांग की है कि जो भी पशु खासतौर से गोवंश मर रहे हैं,

उन्हें यहां से हटवाने के अलावा पूरे मैदा मोहल्ला इलाके में गोवंश के टीकाकरण के लिए विशेष कैंप लगाया जाए। इसके अलावा मैदा मोहल्ला में जहां जहां पाले जा रहे गोवंश में इस बीमारी के लक्षण नजर आ रहे हैं उन पशुओं को यहां से किसी अन्य स्थान पर भेजा जाए ताकि अन्य पशु सुरक्षित रहें।

पूरी तरह से स्वस्थ्य होने के बाद ही इन पशुओं को वापस भेजा जाए। जिला पशु अधिकारी डा. अखिलेश गर्ग ने इस संबंध में आबूलेन क्षेत्र के पशु चिकित्सक से बात करने की बात कही है। वहीं सीडीओ शशांक चौधरी ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए पशु पालन विभाग के साथ-साथ कैंट बोर्ड के अधिकारियों से भी वार्ता करने का भरोसा दिलाया है।

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