Thursday, May 29, 2025
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अस्पतालों में नहीं बची जगह, अव्यवस्था बनी वजह

  • स्वास्थ्य विभाग की नजर में दो दर्जन से भी कम मरीज, उच्चाधिकारियोें ने संज्ञान लिया तो हरकत में आया प्रशासन

जनवाणी संवाददाता |

सरधना: मंडी चमारान में हुई घटना के पीछे चारों ओर लापरवाही नजर आ रही है। शिकायत पर जांच करने से लेकर मरीजों को भर्ती कराने तक गंभीरता नजर नहीं आई। उच्चाधिकारियों ने मामले का संज्ञान लिया तो स्थानीय प्रशासन हरकत में आया। हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने के लिए जगह नहीं बची।

एक बेड पर कई कई मरीजों को लेटाना पड़ रहा था। इसके बाद भी स्थिति काबू में नहीं आ रही थी। जिसके बाद मरीजों को मेरठ के लिए रेफर किया गया। जिनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। सीएमओ भी मरीजों की संख्या करीब दो दर्जन बता रहे थे, जबकि आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा है।

सुबह के समय मंडी चमारान से पता चलता है कि यहां लोगों को उल्टी दस्त की शिकायत हो रही है। कुछ मरीज सीएचसी पहुंचे। प्राथमिक जांच के बाद उन्हें पर्चा और कुछ दवाई थमाकर चलता कर दिया गया। मगर समय के साथ साथ मरीजों की संख्या बढ़ती चली गई। सरकारी मदद का अभाव देखते हुए स्थानीय लोगों ने मरीजों को निजी अस्पताल में भर्ती कराना शुरू कर दिया।

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नगर के सभी अस्पताल फुल होने के बाद क्लीनिक में मरीज भेजे गए। मामला इतना बढ़ गया कि इसकी गूंज जिले तक पहुंची। उच्चाधिकारियों ने संज्ञान लिया। तब जाकर स्थानीय प्रशासन हरकत में आया। एसडीएम, सीएचसी प्रभारी, तहसीलदार आदि अधिकारी बस्ती में जांच करने पहुंचे।

हालात इतने खराब हो गए कि मरीज भर्ती कराने के लिए लोग भटक रहे थे। एक बेड पर कई कई मरीजों को लेटाना पड़ रहा था। सीएमओ ने मीडिया को दी जानकारी में बताया कि करीब दो दर्जन मरीज सामने आए हैं, जबकि मरीजों की संख्या इससे कहीं अधिक थी।

शाम तक पहुंचा पानी का टैंक

सुबह अधिकारी बस्ती पहुंचे तो सबसे पहले कहा गया कि टंकी के पानी का सेवन बंद कर दें। खौफजदा लोगों ने पानी पीना बंद कर दिया। पूरे दिन लोग इसी तरह परेशान रहे। मगर किसी ने वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की। लोगों ने हंगामा किया तो शाम को पालिका की ओर से टैंकर भेजकर पेयजल की व्यवस्था की गई।

पुराने नलकूप को किया बंद

लोगों ने दूषित पानी की शिकायत की तो शक हुआ कि पुराने नकलूप से पानी ठीक नहीं आ रहा है। जिसके बाद पुराने नलकूप को बंद कर दिया गया और नए नलकूप की सप्लाई शुरू कराई गई। माना जा रहा है किटंकी की पाइप लाइन कहीं से लिकीज होगी और वहीं से पानी दूषित हो रहा होगा। फिलहाल अधिकारी पूरे मामले की जांच में लगे हुए हैं।

मौत की उड़ गई अफवाह

शाम होते होते एक बच्ची की मौत की सूचना वायरल हो गई। जिससे अधिकारियों में भी पैर उखड़ गए। पता चला कि इंशा नाम की बच्ची की मेरठ निजी अस्पताल में मौत हुई है। अधिकारियों ने उसका पता लगाना शुरू कर दिया। राहत तब मिली, जब पता चला कि बच्ची की हालत बिगड़ गई थी। उपचार के बाद हालत में सुधार हो गया है।

ये लोग हुए बीमार

सानिया, सना, असना, सुहैल, सलीम, आबिद, सबनूर, अर्शी, अरनम, समा, अब्दुल आहद, आयत, जीशान, शबनम, इकरा, नौशीदा, मनतशा, तालिब, शमीम, जैद, इशरा, नसीम, निशा, आयशा, आसमा, शाद, शान, आयशा, शाहीन, साहिल, तबस्सुम, मनीषा आदि बीमार हुए।

मंडी चमारान में हुई घटना बेहद दुखद है। दूषित पानी के सेवन से बीमारी होने की आशंका जताई जा रही थी। मगरी जांच के लिए भेजे गए सैंपल सही पाए गए हैं। गंदगी या मच्छरों के कारण बीमारी हो सकती है। क्योंकि बस्ती में कई जगह निर्माण कार्य चल रहे हैं। कीटनाशक का छिड़कांव और फॉगिंग के साथ सभी व्यवस्था दुरुस्त कराने का काम किया जा रहा है। नगर पालिका लोगों के साथ है। -सबीला अंसारी, चेयरपर्सन नगर पालिका सरधना

मरीजों के इलाज की संपूर्ण व्यवस्था कराई गई है। पानी के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। कई संैपल की रिपोर्ट आ गई है और कई की रिपोर्ट आना बाकी है। जिनकी रिपोर्ट आई है, उनमें पानी सही पाया गया है। -सत्यप्रकाश, एसडीएम सरधना

कब क्या हुआ

  • 11.00 बजे अचानक मरीजों की संख्या बढ़ने लगी
  • 12.00 बजे तक नगर के सभी अस्पताल फुल हो गए
  • 12.15 बजे नगर पालिका की टीम ने पानी के सैंपल लिए
  • 12.30 बजे एसडीएम टीम के साथ जांच करने पहुंच गए
  • 1.00 बजे स्वास्थ्य विभाग की टीम भी पहुंच गई।
  • 1.30 बजे बस्ती में स्वास्थ्य कैंप लगाया गया
  • 2.00 बजे सीएमओ हालात का जायजा लेने पहुंचे
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