Friday, July 5, 2024
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ट्रैफिक नहीं, मोबाइल पर अतिव्यस्त पुलिसकर्मी

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  • शहर के हर चौराहों पर लगता रहता है भीषण जाम, वसूली पर रहता है ध्यान

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: शहर में यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कई कर्मी तैनात हैं। बावजूद इसके, यहां की सड़कों पर वाहन रेंग-रेंगकर चलते हैं। प्रमुख स्थानों पर पल-पल जाम की समस्या आम हो गई है। कारण ड्यूटी पर तैनात कर्मी या तो छांव में बैठे गपशप करते हैं या फिर मोबाइल फोन और दूसरे कार्यों में व्यस्त नजर आते हैं।

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शहर की हर सड़कें जाम से जूझ रही है। ट्रैफिक पुलिसकर्मी बजाय जाम खुलवाने के मोबाइल में व्यस्त रहते हैं। जबकि होमगार्ड के जिम्मे ट्रैफिक दे दिया जाता है। एसएसपी के बार-बार चेतावनी से ट्रैफिक में सुधार की संभावना न के बराबर है। सुबह से लेकर देर शाम तक इनकी निगाहें दूसरे राज्यों की गाड़ियों की तलाश में रहती हैं।

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शहर का ऐसा कोई चौराहा नहीं है, जहां ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को सड़क के किनारे खड़े होकर मोबाइल में लगे रहते हैं और ट्रैफिक अस्तव्यस्त रहता है। ट्रैफिक पुलिस के सामने होमगार्ड और रैपिड के कर्मचारी ट्रैफिक संभालने में लगे रहते हैं। पूर्व एसएसपी प्रभाकर चौधरी के समय ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह सुधर गई थी, लेकिन उनके जाते ही ट्रैफिक सिस्टम भगवान भरोसे हो गया।

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शहर के चौराहे हापुड़ अड्डे, बेगमपुल, बच्चा पार्क, तेजगढ़ी, डेयरी फार्म पर तैनात सिपाही मोबाइल ने व्यस्त रहते हैं। ट्रैफिक पुलिस का पूरा ध्यान ओवरलोड वाहनों से वसूली में लगा रहता है। चौराहों पर वाहनों की लंबी लाइन लगी रहती है। पुलिस महानिदेशक ने भी अपने सर्कुलर में कहा था कि ट्रैफिक पुलिस बिना मतलब वाहनों की चेकिंग न करें। इसके बावजूद ट्रैफिक पुलिस वसूली से बाज नहीं आ रही है।

चौराहों से थोड़ी दूरी पर खड़े होकर सिपाही मोबाइल में लगे रहते हैं। पास में ही ट्रैफिक एंजिल स्कूटी पर बैठी दिन भर मोबाइल में व्यस्त रहती है। यह हाल तब है, जब परतापुर से लेकर जीरो माइल चौराहे तक ट्रैफिक पुलिस के साथ रैपिड के कर्मचारी दिन भर यातायात संचालन में लगे रहते हैं। ट्रैफिक पुलिस और होमगार्ड इन कर्मचारियों से वाहनों की आवाजाही कराते हैं।

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रेलवे रोड चौराहा और हापुड़ अड्डे पर इस तरह के नजारे हर वक्त देखने को मिल जाएंगे। वहीं, कंकरखेड़ा फ्लाईओवर के नीचे, 510 वर्कशॉप हो या बच्चा पार्क चौराहा हो यहां पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी हमेशा कान में मोबाइल लगे दिख जाएंगे और वहां मौजूद अनुभवहीन होमगार्डों के कारण वाहन चालक परेशान रहते हैं।

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