नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। सनातन धर्म में श्रावण आते ही त्योहारों की लाईनें लग जाती हैं। वहीं, अब रक्षा बंधन को लेकर यह समस्या हो रही है कि कब मनाए और कब नहीं। दरअसल, काफी समय से यह बताया जा रहा है कि रक्षाबंधन दो तिथियों में मनाया जाएगा।
वहीं, अब ज्योतिषाचार्यों से मिली सूचना के अनुसार, रक्षाबंधन का पर्व 30 अगस्त को ही मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्यों ने रक्षाबंधन के पर्व को लेकर फैले भ्रम का निराकरण कर दिया है।
यदि पूर्णिमा का मान दो दिन का प्राप्त हो रहा है तो प्रथम दिन सूर्योदय के एक घटी के बाद पूर्णिमा का आरंभ होकर दूसरे दिन पूर्णिमा छह घटी से कम प्राप्त हो रही हो तो पूर्व दिन में भद्रा से रहित काल में रक्षाबंधन करना चाहिए।
वहीं, 31 अगस्त को पूर्णिमा छह घटी से कम प्राप्त हो रही है। 30 अगस्त को नौ बजे रात तक भद्रा है, इसलिए 30 अगस्त को रात्रि में भद्रा के बाद रक्षाबंधन करना शास्त्र सम्मत होगा। रात्रिकाल में भी रक्षाबंधन का विधान है।
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