जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) बीते कुछ दिनों से खबरों में है। इसके साथ अटैच्ड सोयुज स्पेसक्राफ्ट में मिले एक छेद ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
सोयुज स्पेसक्राफ्ट में आई यह खामी ठीक नहीं होती है, तो रूसी अंतरिक्ष एजेंसी अपना दूसरा सोयुज स्पेसक्राफ्ट ISS के लिए लॉन्च कर सकती है, ताकि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में रुके 3 अंतरिक्ष यात्रियों को धरती पर लाया जा सके।
बहरहाल, आज स्पेस स्टेशन पर एक अहम दिन है। वहां नए सोलर ऐरै (सौर सरणी) को इंस्टॉल करने के लिए नासा (Nasa) के दो अंतरिक्ष यात्री एक स्पेसवॉक करने वाले हैं।
iROSA का काम स्टेशन के मौजूद सौर पैनल सिस्टम को मजबूती देना है। इस तरह के 6 सोलर ऐरै लगाए जाने हैं। यह चौथे नंबर के सोलर ऐरै हैं। पूरा सेटअप तैयार होने के बाद ISS पर ऑर्बिटिंग लैब की बिजली सप्लाई 20 से 30 फीसदी तक बढ़ जाएगी।
जोश कसाडा और फ्रैंक रूबियो की स्पेसवॉक के दौरान नासा के अंतरिक्ष यात्री निकोल मान और जापान के कोइची वाकाटा ऑर्बिटिंग लैब में तैनात होंगे और वहां से दोनों को सपोर्ट देंगे।
यह स्पेसवॉक इसी हफ्ते सोमवार को होनी थी, लेकिन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के साथ अटैच्ड रूस के सोयुज स्पेसक्राफ्ट में हुए कूलेंट लीक के कारण स्पेसवॉक को टालना पड़ा।
कूलेंट लीक का पता स्पेसवॉक से ठीक पहले चला था, जब दोनों अंतरिक्ष यात्रियों के स्पेससूट तैयार किए जा रहे थे। आनन-फानन में स्पेसवॉक को टाल दिया गया, क्योंकि कूलेंट लीक के बारे में और जानकारी हासिल करने के लिए कैनाडर्म2 रोबोट (Canadarm2) की मदद चाहिए थी।
आज होने वाली स्पेसवॉक में भी कैनाडर्म2 की जरूरत पड़ेगी। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए नासा ने स्पेसवॉक की तारीख को आगे बढ़ा दिया था।
कैनाडर्म2 रोबोट में लगे कैमरों ने सोयुज स्पेसक्राफ्ट में एक छोटे छेद का पता लगाया है। नासा और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी इस मामले की जांच कर रही हैं। पहले कहा जा रहा था कि सोयुज स्पेसक्राफ्ट को यह नुकसान किसी छोटे उल्कापिंड की टक्कर से हुआ हो सकता है, हालांकि अब यह भी जांच की जा रही है कि छेद की वजह मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट तो नहीं।