मेडिकल प्राचार्य ने दी जिम्मेदारी, अब तक दो बार टटोल चुके हैं आइसोलेशन वार्ड की नब्ज
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: अब तक खुद कई बार कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड में जा चुके मेडिकल प्राचार्य डा. ज्ञानेन्द्र कुमार ने मेडिकल के सीनियर डाक्टरों की दो दो दिनी ड्यूटी लगा दी है, ताकि संक्रमित मरीजों खासतौर से जो मरीज आईसीयृू में भर्ती हैं उन्हें और भी बेहतर इलाज दिया जा सके।
कोरोना का संक्रमण काल शुरू होने के बाद मेडिकल में ऐसा पहली बार हुआ है। जब खुद मेडिकल प्राचार्य कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड में पीपीई किट पहन कर संक्रमितों के बीच पहुंच गए हों।
संक्रमितों से वन टू वन बात की हो। मेडिकल खासतौर से संक्रमित ही नहीं बल्कि सीनियर डाक्टर्स के लिए भी यह बेहद चौंकाने वाला पल रहा।
दरअसल कोरोना को लेकर मेडिकल का पूर्व का ट्रैक रिकार्ड बहुत अच्छा नहीं रहा है। उसको यहां दोहराने की जरूरत नहीं। जनवाणी ने सबसे ज्यादा कोरोना मरीजों को लेकर बरती लापरवाही को उजागर किया था।
जनवाणी की खबरों की बदौलत ही तत्कालीन मेडिकल प्रशासन शासन की हिट लिस्ट में आ गया था। हालात सुधारने के लिए शासन स्तर पर यहां अनेक प्रयोग भी किए गए यह बात अलग है कि मर्ज बढ़ता गया ज्यों-ज्यों दवा की, लेकिन अब हालातों के बेहतर होने की उम्मीद अधिक नजर आ रही है, क्योंकि जमीनी स्तर पर प्रयास सामने दिखाई दे रहे हैं।
प्राचार्य डा. ज्ञानेन्द्र कुमार जब खुद कोविड-19 आइसोलेशन वार्ड व आइसीयू में गए तो बाकि सीनियर को भी भीतर जाना पड़ा। इसका सीधा असर संक्रमित मरीजों के उपचार पर नजर आया। अब और एक कदम आगे बढ़ते हुए प्राचार्य ने दो दो दिन के लिए सीनियर की कोविड आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी लगा दी है।
“संक्रमित मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा मिल सके, इसके लिए मेडिकल प्रशासन के मुखिया के नाते वह सामुहिक प्रयास कर रहे हैं। विश्वास रखें इसके शीघ्र ही शानदार परिणाम सामने होंगे। ये सभी के प्रयास से ही संभव होने जा रहा है।“
-डा. ज्ञानेन्द्र कुमार, मेडिकल प्राचार्य