- एडीजी ने किया वाहन यार्ड का उद्घाटन
जनवाणी संवाददाता |
परतापुर: अपर पुलिस महानिदेशक जोन राजीव सभरवाल ने शुक्रवार को परतापुर बाइपास के पास पुलिस वाहन यार्ड का फीता काटकर उद्घाटन किया। वाहन यार्ड बनने से अब मेरठ जनपद के सभी थाने लावारिस व सीज वाहनों से मुक्त हो जाएंगे। उद्घाटन अवसर पर आईजी प्रवीण कुमार, एसएसपी रोहित सिंह सजवाण, एसपी सिटी पीयूष कुमार, सीओ सुचिता सिंह, इंस्पेक्टर रामफल सिंह सहित क्षेत्रीय किसान नेता दीपक राणा, अनुज तोमर व चौधरी बिजेंद्र सिंह, यश सिरोही मौजूद रहे।
एसएसपी ने जानकारी दी कि वाहन यार्ड में मेरठ जनपद के सभी थानों में खड़े वाहन रखे जाएंगे। सभी थाने साफ सुथरे हो जाएंगे। वाहन यार्ड की बाउंड्रीवाल करायी जा रही है। सीसीटीवी कैमरे यार्ड में लगवा दिए गए। यहां पुलिस की गारद तैनात रहेगी। एडीजी ने इंस्पेक्टर रामफल सिंह से कहा कि यार्ड का मेन रास्ता परतापुर बाइपास से ही रखा जाएगा। कहा गया कि अगर जरूरत पड़े तो एलएमसी की और भी जमीन ले सकते हैं।
बताया गया कि मेरठ जनपद के थानों में हजारों की संख्या में वाहन वर्षों से खडेÞ हैं। सभी वाहन यार्ड में आने के बाद सभी थानों का सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। शुक्रवार को एडीजी द्वारा गगोल रोड पर नवनिर्मित पुलिस चौकी व परतापुर थाने के सौंदर्यीकरण का उद्घाटन करना था, लेकिन समय की कमी के कारण उन्होंने वाहन यार्ड में ही तीनों जगहों का उद्घाटन कर दिया।
कालाबाजारी के आरोपी की जमानत खारिज
मेरठ: न्यायालय अपर जिला जज विशेष न्यायाधीश ईसी एक्ट मेरठ प्रभारी किरन बाला ने अवैध रूप से पेट्रोलियम पदार्थ की कालाबाजारी करने के आरोप में आरोपी रामभूल पुत्र हरबीर निवासी ग्राम नालपुर खरखौदा मेरठ का जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। विशेष लोक अभियोजक मोहम्मद यासिर ने बताया कि वादी मुकदमा रविन्द्र कुमार ने 17 दिसंबर 2022 को थाना परतापुर मेरठ में रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह पूर्ति निरीक्षक के पद पर कार्यरत है। तथा मुखबिर की सूचना पर परतापुर पुलिस ने गगोल रोड से जा रही पेट्रोल से भरे ड्रम से लदी एक छोटी गाड़ी पकड़ी है। थाना परतापुर के उपनिरीक्षक विजेंद्र कुमार की सूचना पर वादी ने गाड़ी में पकड़े गए समान को देखा।
जिसमें पेट्रोल भरा हुआ था तथा चालक रामभूल से कागज मांगने पर उसके द्वारा कोई भी कागज नहीं दिखाया गया। आरोपी ने सोचा कि वह पेट्रोल को कालाबाजारी के लिए ले जा रहा है। जिसके बाद वादी ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करा दिया और आरोपी का नाम जांच में प्रकाश में आया। जिसके बाद आरोपी ने न्यायालय में अपना जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। जिसका सरकारी वकील ने कड़ा विरोध किया। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी का जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया।