जनवाणी संवाददाता |
मुजफ्फरनगर: ए.डी. मेडिकल कॉलेज ने टीबी (तपेदिक) के 25 मरीजों को गोद लेकर उन्हें पोषण पोटली वितरित की है। इस अवसर पर डॉक्टर पी. के. चन्द, डॉक्टर संजीव और स्टाफ के संजीव उपस्थित रहे. टीबी अस्पताल से विपिन शर्मा, हेमंत यादव और विपिन कुमार ने भी कार्यक्रम में भागीदारी की। कार्यक्रम में डीटीओ डॉक्टर लोकेश गुप्ता ने टीबी से बचाव, इलाज और रोकथाम पर विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक जीवाणु के कारण होती है. यह मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है, लेकिन शरीर के अन्य हिस्सों को भी नुकसान पहुंचा सकती है।
डॉक्टर लोकेश ने टीबी के आम लक्षण बताए, जिनमें तीन सप्ताह से अधिक समय तक लगातार खांसी, बुखार, वजन कम होना, थकान और रात में पसीना आना शामिल है. उन्होंने समझाया कि टीबी हवा में फैलती है जब संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है। डॉक्टर लोकेश ने यह भी बताया कि टीबी का इलाज पूरी तरह संभव है और इसमें आमतौर पर 6 महीने तक दवाओं का नियमित सेवन आवश्यक होता है. इलाज के दौरान दवाओं को बिना रोक-टोक के लेना बहुत जरूरी है ताकि संक्रमण पूरी तरह समाप्त हो सके और दवाओं के प्रति प्रतिरोध (रेजिस्टेंस) न बने. उन्होंने टीबी से बचाव के लिए अच्छे स्वच्छता नियमों का पालन करने, संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखने और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराने की सलाह दी. डॉक्टर लोकेश ने जोर दिया कि टीबी की सही समय पर पहचान और उपचार से बीमारी को रोकना संभव है।