Saturday, July 26, 2025
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जमीनों से अवैध कब्जे हटवाने में नाकाम हाकिम

  • बरसों से तहसील में धूल फांक रही है राजस्व विभाग की रिपोर्ट

जनवाणी संवाददाता |

फलावदा: राजस्व विभाग की रिपोर्ट में करोड़ों की सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे की पुष्टि होने तथा कब्जे हटवाने की संस्तुति के बावजूद अफसरान सरकारी जमीन कब्जा से कब्जे हटवाने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। राजस्व विभाग की रिपोर्ट तहसील में धूल फांक रही है। कस्बे में सरकारी बेशकीमती जमीनों पर रसूखदार समय समय पर अवैध कब्जे करते आ रहे हैं। समय-समय पर ही होने वाली शिकायतें सियासी दबाव और भ्रष्टाचार के चलते बेमानी हो रही है।अवैध कब्जे धारकों से करोड़ों की जमीन कब्जा मुक्त कराने की बजाय तहसील प्रशासन जांच और पैमाइश के फेर में मामले लटकाए हुए हैं।

वर्ष 2020 में 24 अक्टूबर को गठित राजस्व विभाग व नगर पंचायत की संयुक्त टीम द्वारा कस्बे में तालाब की भूमि पर मिट्टी का भराव करके अवैध रूप से निर्माण किए जाने की रिपोर्ट तहसीलदार को प्रेषित की गई थी। इस टीम ने नगर के करीब नौ स्थानों पर अवैध कब्जे की पुष्टि करते हुए तहसीलदार को सौंपी ने रिपोर्ट में नगर पंचायत के ईओ स्तर से अवैध कब्जों से हटवाने की बात कही गई थी। जांच टीम की यह रिपोर्ट अभी तक तहसील में धूल फंक रही है। प्रशासन अवैध कब से हटवाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है।

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तालाब बहाली को लेकर सुप्रीम कोर्ट के जारी आदेश प्रशासन की उदासीनता के कारण बेमानी हो रहे हैं। सरकारी जमीनों को कब्जे मुक्त कराने की सरकार की मंशा पर भी पानी फिर रहा है। हाल ही में रास्ते के लिए तालाब की भूमि पर नगर पंचायत की दरियादिली के चलते हुए अवैध कब्ज को लेकर हुई शिकायत में फिर से पैमाइश और जांच का नाटक शुरू हो चुका है। सरकारी जमीन अवैध कब्जा मुक्त कराना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो रहा है।

साप्ताहिक बंदी के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न

सरधना: नगर में शनिवार को बाजारों की साप्ताहिक बंदी रहती है। मगर साप्ताहिक बंदी से खाद्य सामग्री की दुकानें जैसे किराना स्टोर, हलवाई, होटल, मेडिकल स्टोर, क्लीनिक आदि बाहर होते हैं। यानी इन्हें साप्ताहिक बंदी के तहत बंद नहीं कराया जा सकता है। इसके बाद भी लेबर इंस्पेक्टर द्वारा खाद्य सामग्री की दुकानें बंद कराई जा रही हैं। व्यापारी लगातार आरोप लगा रहे है कि साप्ताहिक बंदी के नाम पर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। दुकानों का फोटो खींचकर तहसील बुलाया जाता है। उनसे अवैध वसूली की जा रही है।

शनिवार को भी लेबर इंस्पेकटर सुधा चौधरी बाजार का जायजा लेने पहुंची। इस दौरान उन्होंने कई परचून की दुकानों के फोटो खींचे। पूछने पर दुकानदारों को कोई जवाब नहीं दिया गया। वहीं पश्चिम उत्तर प्रदेश संयुक्त व्यापार मण्डल के अध्यक्ष विरेंद्र चौधरी व महामंत्री ललित गुप्ता ने कहा कि व्यापारियों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि व्यापारियों का उत्पीड़न बंद नहीं हुआ तो संगठन आंदोलन करेगा। एक भी व्यापारी को नोटिस स्वीकार नहीं किया जाएगा। खासतौर पर खाद्य सामग्री की दुकानों को नोटिस देने पर संगठन चुप नहीं बैठेगा।

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