जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: ITO के पास एक ट्रैक्टर पलट गया। इसे चला रहा किसान पहिए के नीचे आ गया और मौके पर ही मौत हो गई। मृतक का नाम नवनीत सिंह है। वह यूपी का रहने वाला था।
दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर मार्च में बवाल हो गया है। किसान बैरिकेड तोड़कर लाल किले पर पहुंच गए और खालसा पंथ का झंडा फहरा दिया। किसानों का एक जत्था इंडिया गेट की तरफ भी बढ़ रहा है। उधर, ITO के पास ट्रैक्टर पलटने से एक किसान की मौत हो गई।
ITO पर पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज कर दिया तो किसानों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। झड़प में कई किसान और पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। किसानों ने ट्रैक्टर दौड़ा दिए, तो पुलिस को पीछे हटना पड़ा। पुलिसकर्मी भागकर आस-पास की इमारतों में घुस गए और वहां से किसानों पर आंसू गैस छोड़ी।
पुलिस का दावा, निहंगों ने तलवार से हमले की कोशिश की
इससे पहले गाजीपुर बॉर्डर से निकले किसानों को पुलिस ने नोएडा मोड़ पर रोक दिया और आंसू गैस के गोले छोड़े। किसानों ने भी पुलिस पर पथराव कर दिया और गाड़ियों में तोड़फोड़ की। पुलिस का दावा है कि किसानों ने पांडव नगर पुलिस पिकेट पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की। पुलिस ने यह भी कहा कि निहंगों ने तलवार से पुलिसकर्मियों पर हमले की कोशिश की।
नांगलोई में किसानों को रोकने के लिए पुलिस सड़क पर बैठ गई। इनमें महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया। गाजीपुर बॉर्डर से निकले किसानों के काफिले की वजह से ITO पर भारी जाम लग गया। यहां प्रदर्शनकारियों ने वाहनों पर पथराव भी किया। सिंघु से निकले किसानों ने भी कई जगह पथराव किया।
मुकरबा चौक के पास किसान जब तय रूट से हटकर ISBT की तरफ बढ़ने लगे तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर रोकने की कोशिश की। लेकिन, किसान बैरिकेड तोड़ते हुए आगे बढ़ गए। किसानों ने पुलिस की गाड़ी समेत DTC की कई बसों के शीशे भी तोड़ दिए।
सिंघु बॉर्डर से निकली ट्रैक्टर परेड के आगे घोड़ों पर निहंग फौज चल रही है। किसानों के जत्थे पैदल भी आगे बढ़ रहे हैं। रास्ते में लोग ट्रैक्टर परेड का स्वागत कर रहे हैं। स्वरूप नगर में लोगों ने किसानों पर फूल बरसाए। नांगलोई में लोग ढोल बजाते और नाचते हुए दिखे।
किसानों ने तय समय से पहले मार्च शुरू किया
पुलिस ने किसानों से कहा था कि गणतंत्र दिवस की परेड खत्म होने के बाद 12 बजे से ट्रैक्टर मार्च निकालें। लेकिन, किसानों ने रिपब्लिक डे की परेड शुरू होने से पहले ही ट्रैक्टर मार्च शुरू कर दिया। किसान बैरिकेड तोड़कर आगे बढ़ते गए और पुलिस ने जो रूट दिया अब उसे भी फॉलो नहीं कर रहे। पुलिस भी पीछे हट गई है।
पुलिस की शर्तें भी तोड़ी, खुद के तय किए कायदे भी धरे रह गए
पुलिस ने शर्तों के साथ किसानों को ट्रैक्टर परेड निकालने की इजाजत दी थी। किसानों ने खुद भी कुछ नियम तय किए थे, लेकिन ट्रैक्टर मार्च आगे बढ़ा तो प्रदर्शनकारियों ने सभी नियम-कायदे ताक पर रख दिए गए।