- पाक्सो के आरोपी वकील की जमानत पर सुनवाई 31 को
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: रमेश चंद गुप्ता अधिवक्ता के जमानत प्रार्थना पत्र पर 31 जुलाई को सुनवायी होगी। वहीं, अदालत ने आरोपी अरविन्द गुप्ता मारवाड़ी को आठ अगस्त तक गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिये हैं। थाना दौराला में पॉक्सों एक्ट में दर्ज मुकदमे के आरोपी रमेश चंद गुप्ता अधिवक्ता की जमानत प्रार्थना पत्र पर न्यायालय स्पेशल कोर्ट पाक्सो मुख्य में 31 जुलाई को सुनवायी होगी।
न्यायालय में 21 पृष्ठीय जमानत प्रार्थना पत्र यूपी बार कौंसिल के सदस्य व मेरठ बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ता रोहिताश्व अग्रवाल ने न्यायालय जिला जज के यहां प्रस्तुत किया। न्यायालय ने उक्त जमानत प्रार्थना पत्र का नोटिस जिला शासकीय अधिवक्ता को सूचना देते हुए सुनवायी के लिये मुख्य पाक्सो कोर्ट में जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवायी के लिये पत्रावली भेज दी।
रमेश चंद गुप्ता धारा 323, 328, 376डी, 427, 504 आईपीसी, 67 आईटी एक्ट, 5-जी/6 पाक्सो एक्ट में 21 जून 2023 से जेल में न्यायिक हिरासत में है। इस प्रकरण में नीरज त्यागी ने अशोक पंडित अधिवक्ता के माध्यम से प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत देते हुए न्यायालय से आवश्यक कार्रवाई किये जाने के आदेश दिये जाने की प्रार्थना की है।
अरविन्द मारवाड़ी को गिरफ्तार करने के आदेश
रमेश चंद गुप्ता अधिवक्ता प्रकरण में एक अन्य आरोपी अरविन्द मारवाड़ी के विरुद्ध पुलिस ने पर्याप्त साक्ष्य पाते हुए आरोपी को गिरफ्तार किये जाने के लिये न्यायालय से वारंट दिये जाने की प्रार्थना की। न्यायालय स्पेशल कोर्ट पॉक्सों ने आरोपी के गैर जमानती वारंट जारी कर 8 अगस्त तक गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने के आदेश पुलिस को दिये हैं।
न्यायालय ने मेडा के सचिव के किए वारंट
न्यायालय उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष भोपाल सिंह ने मोहनपुरी की रहने वाली परिवादिनी सरोज रानी की शिकायत पर सुनवाई करते मेरठ विकास प्राधिकरण के सचिव के द्वारा न्यायालय के आदेश के अनुपालन न करने के चलते जमानती वारंट जारी कर उन्हें 28 अगस्त 2023 में न्यायालय में पेश होने के आदेश पारित किए हैं।
परिवादिनी के अनुसार सेवाओं में कमी के चलते मेरठ विकास प्राधिकरण के खिलाफ न्यायालय ने 23 मई 2014 को आदेश पारित किया था कि परिवादिनी को आवंटित भवन संख्या जे 528 सैनिक विहार कॉलोनी मेरठ का वास्तविक कब्जा देकर एक माह के अंदर उसके नाम बैनामा करा दे और यदि किसी कारण ऐसा नहीं संभव हो पाता है तो इसी योजना में पुरानी दरों पर दूसरा भवन परिवादिनी को दिया जाए।
साथ ही परिवादिनी को दौरान वाद उसके द्वारा जमा धनराशि पर 12% की दर से वार्षिक ब्याज और अंकन 5 हजार रुपये वाद व्यय के रूप में दिलाने के आदेश किए थे। परंतु मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा आदेश का अनुपालन नहीं किया गया। जिसके बाद शिकायतकर्ता ने न्यायालय में आदेश का अनुपालन कराने हेतु वाद योजित किया।
इस वाद में भी मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा कार्यवाही को तरह-तरह की अनावश्यक प्रार्थना पत्र देकर लंबित किया जा रहा था और आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा था। जिसके बाद न्यायालय ने मेरठ विकास प्राधिकरण के सचिव को आदेश का अनुपालन न करने पर उपभोक्ता अधिनियम की धारा 72 के तहत जमानती वारंट जारी कर न्यायालय उपभोक्ता फोरम मैं पेश होने के आदेश पारित किया।