- सरधना के कपसाड़ गांव में बुखार बना जानलेवा, मचा रहा मौत का तांडव
- दो दिन में तीन की हुई मौत, सैकड़ों ग्रामीण बुखार की चपेट में
- ग्रामीणों में दहशत का माहौल, स्वास्थ्य विभाग की नहीं टूट रही नींद
जनवाणी संवाददाता |
सरधना: क्षेत्र के कपसाड़ गांव में रहस्मय बुखार मौत का तांडव मचा रहा है। 20 दिन में करीब डेढ़ दर्जन लोगों की बुखार के चलते मौत हो गई है। दो दिन में तीन लोगों की बात हो गई। शनिवार को भी बुखार ने एक महिला को मौत की नींद सुला दिया। इतना ही नहीं सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीण बुखार की चपेट में हैं।
जिनमें दर्जनों लोग निजी अस्पताल में भर्ती हैं। ग्रामीणों की मानें तो कोई घर ही बचा होगा, जिसमें बुखार का मरीज नहीं है। बुखार से लगातार हो रही मौत के कारण ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। वहीं, स्वास्थ्य विभाग की नींद टूटने का नाम नहीं ले रही है।
सरधना क्षेत्र का कपसाड़ गांव बुखार से तप रही है। करीब 20 दिन से कपसाड़ में बुखार मौत का तांडव मचा रहा है। ग्राम प्रधान पति रामभूल सिंह व पूर्व प्रधान सतीश सोम आदि ने बताया कि करीब बीस दिन में गांव में डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों की बुखार के चलते मौत हो चुकी है। कोई दिन बीत रहा है, जब बुखार के कारण किसी की मौत न हो रही हो। बुखार से मरने वालों में बुजुर्ग, महिला और युवा भी शामिल हैं।
बीते शुक्रवार को ही जयपाल पुत्र भरतू व महेंद्र पुत्र सुल्तान सिंह की मौत हो गई थी। अभी ग्रामीण इस सदमे से नहीं उभरे थे कि शनिवार को सर्वेश पत्नी सुभाष की बुखार के चलते मौत हो गई। महिला को करीब तीन से बुखार था। शनिवार को हालत बिगड़ी और मौत हो गई। जिससे उसके परिजनों में कोहराम मच गया।
ग्रामीणों की माने तो सैकड़ों की संख्या में लोग बुखार की चपेट में हैं। बुखार की चपेट में आने से कोई घर ही बचा होगा। गांव में बुखार के कारण लगातार हो रही मौत के चलते ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। मगर इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग की नींद नहीं टूट रही है।
अब तक इन लोगों को हो चुकी मौत
ग्रामीणों के अनुसार बुखार के कारण करीब डेढ़ दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है। जिनमें सर्वेश पत्नी सुभाष, सतपाल पुत्र सुरजन सिंह, जयपाल पुत्र भरतू, ग्राम प्रधान की मां ओमवती, मुकेश पुत्र लटूर, महेंद्र पुत्र सुलतान आदि लोग बुखार के चलते मौत का शिकार हो चुके हैं।
सैकड़ों लोग बुखार की चपेट में
कपसाड़ में बड़ी संख्या में ग्रामीण बुखार की चपेट में हैं। दर्जनों लोग मेरठ के निजी अस्पताल में भर्ती हैं। इसके अलावा अधिकांश ग्रामीण स्थानीय चिकित्सक से इलाक करा रहे हैं। गांव में स्थित क्लीनिक पर मरीजों की भीड़ देखने को मिल रही है। बंटी, मांगे, पूजा, सुमन, सोनिया, मोनी, सुधीर, मुड्डी, पायल, तरुण, माया, लक्ष्मी देवी, नेहा, स्वाति, छवि, नीटू, मोहित आदि सैंकड़ों ग्रामीण बुखार से तप रहे हैं।
डेंगू का प्रकोप भी बता रहे ग्रामीण
रहस्मय बुखार के साथ ग्रामीण डेंगू का प्रकोप होना भी बता रहे हैं। प्रधान पति रामभूल सिंह ने बताया कि कई लोगों को गांव में डेंगू की भी पुष्टि हो चुकी है। जानकारी देने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ध्यान देने को तैयार नहीं हैं।
स्वास्थ्य विभाग की नहीं टूट रही नींद
ग्रामीणों का कहना है कि करीब 20 दिन से बुखार ने गांव में कहर बरपा रखा है। मगर स्वास्थ्य विभाग की नींद नहीं टूट रही है। जानकारी देने के बाद भी अधिकारियों द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
नवनिर्मित अस्पताल भी नहीं आ रहा काम
कुछ महीने पहले ही कपसाड़ गांव में नवनिर्मित पीएचसी का शुभारंभ हुआ था। ग्रामीणों का कहना है कि कुछ दिन तो यहां चिकित्सक बैठा, लेकिन उसके बाद कोई नजर नहीं आया। कुल मिलाकर संकट की इस घड़ी में नवनिर्मित अस्पताल भी किसी काम नहीं आ रहा है।
एक दिन पहले गांव में भेजी गई थी टीम
कपसाड़ गांव में बुखार का प्रकोप होने का मामला जानकारी में आया है। एक दिन पहले गांव में टीम भेजी गई थी। रविवार को भी टीम भेजकर जांच कराई जाएगी। मरीजों का इलाज कराने का काम किया जाएगा। -डा. संदीप गौतम, प्रभारी सीएचसी सरधना
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अनजान
कपसाड़ में पिछले 20 दिन में करीब 20 ही लोगों की मौत बुखार से हो चुकी है। कोई दिन नहीं जा रहा है, जब गांव में बुखार से मौत न हो रही हो। बड़ी संख्या में ग्रामीण बुखार की चपेट में हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। मगर इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। -सुनीता सोम, ग्राम प्रधान कपसाड़