- मेरठ से तीन लोगों को रोक दिया गया बालटाल में
- शेषनाग में लगे भंडारे में मेरठ के 38 लोग मौजूद
- परिजनों की अटकी सांसें, कर रहे दुआ
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कोरोना के कारण दो साल से स्थगित चल रही अमरनाथ यात्रा इस बार पूरे शबाब पर चल रही है। एक सप्ताह में मेरठ से 450 से अधिक लोग पवित्र अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन करके आ चुके हैं। जिस तरह से शुक्रवार को गुफा के पास बादल फटने की दर्दनाक घटना हुई है उससे हर कोई विचलित है। मेरठ से फिलहाल तीन लोग इस वक्त अमरनाथ की यात्रा पर हैं। जैसे ही इनको बादल फटने की जानकारी मिली तो वे लोग बालटाल में रुक गए। संभवत शनिवार की सुबह वो हेलीकाप्टर से आगे का सफर तय करेंगे।
दिल्ली रोड स्थित कृष्णा वाटिका निवासी तुषार गुप्ता, पंकज अग्रवाल और मोहित वर्मा अमरनाथ यात्रा के लिये निकले थे। जव वे लोग श्रीनगर से बालटाल पार कर चुके तब उनको बादल फटने की जानकारी मिली। बालटाल पर पहुंचे सभी यात्रियों को यह कह कर रोक दिया गया कि शनिवार को यात्रा आगे बढ़ेगी। तीनों यात्रियों समेत सभी से कह दिया गया कि शनिवार को यात्रा शुरू होगी।
तीनों यात्री बालटाल से 125 किमी पीछे लौटकर श्रीनगर आ गए। तुषार गुप्ता ने बताया कि शनिवार की सुबह छह बजे हेलीकाप्टर से बालटाल से गुफा तक की यात्रा होगी। बताया कि बादल फटने की जानकारी मिलते ही परिवार के लोग परेशान हो गए और धड़ाधड़ फोन होने लगे। मम्मी और पापा ने निर्देश दिये कि हालात ठीक होने के बाद ही दर्शन करना। मोहित वर्मा और पंकज अग्रवाल के दोस्तों और परिजन भी चिंतित दिखाई दिये।
परिजनों ने बाबा बर्फानी से दुआ की कि सभी लोग कुशलता से वापस घर लौटें। 2 साल से कोविड-19 के चलते यात्रा स्थगित होने के कारण इस बार शिवभक्तों में उत्साह है। ट्रांसपोर्टर अतुल गुप्ता ने बताया कि पूर्व के वर्षों में मेरठ से पहले जत्थे में 4 से 5 बसें जाती थीं। 29 जून को इस बार 8 बसों में 400 यात्री रवाना हुए थे। ईव्ज चौराहे पर सभी शिवभक्त एकत्रित हुए। शिव भक्तों ने बाबा औघड़नाथ मंदिर में सुखद यात्रा की कामना के साथ पूजा की थी। इसके बाद आठ बसें जम्मू रवाना हो गईं थी।
चंदनवाड़ी से शुरू होगी यात्रा
श्रद्धालुओं ने बताया की पहल गांव और फिर चंदनवाड़ी से यात्रा आरंभ कर शेषनाग और पंचकरणी पहुंचेंगे। 36 किमी पैदल यात्रा कर श्री अमरनाथ जी के दर्शन प्राप्त होंगे। यात्रा पहल गांव के रास्ते आरंभ होगी और बालटाल के रास्ते सभी यात्री लौटेंगे।