- महंगाई का एक और तड़का:कागज, इंक और प्रिंटर पर 28% तक जीएसटी बढ़ी
- दुकानदारों ने नहीं रेस्ट लिस्ट जारी की
जनवाणी संवाददाता |
रोहटा: हाल ही में भारत सरकार द्वारा कागज, इंक और प्रिंटर पर 28% जीएसटी बढ़ाने से लोगों को एक और महंगाई का तड़का लगा है। इसे लेकर जनसेवा केंद्र व सीएससी यूनियन ने फोटो कॉपी, कलर फोटो कॉपी, प्रिंट आऊट व कलर फोटो आदि के रेट बढ़ा दिये हैं। अभी तक जो फोटो कोपी एक में दो और तीन रुपये में हो रही थी उसे बढ़ाकर तीन और चार और छह रुपये में कर दिया गया है। वीएलईली यूनियन का कहना है कि ऐसा फैसला जीएसटी बढ़ाने के कारण लगभग 15 साल बाद लेना पड़ रहा है।
एसोसिएशन की बैठक के बाद इस तरह का फैसला लिया गया है। जिसके बाद अब ग्राहकों को फोटोकॉपी कराने के लिए और जेब ढीली करनी होग। वीएलई एसोसिएशन के पदाधिकारी अंकुर चौधरी व अजय जैन ने बताया कि इसे लेकर जनसेवा केंद्र व सीएससी संचालकों की हुई बैठक के बाद रेट तय किए गए हैं। साथ ही तयशुदा रेट से अलग कार्य करने वाले जन सेवा केंद्र व सीएससी संचालकों का बहिष्कार करने को भी ऐलान किया गया है।
गौरतलब है कि कागज पर जीएसटी लगने के बाद सेंचुरी कागज की पेटी का बंडल जो 1800 रुपये का आता था,अब लगभग तीन हजार के करीब पहुंच गया है,जबकि बिंदल की कंपनी की 10 बंडल की कागज की पेटी 1400 रुपये का आता था, वह लगभग 2700 करीब पहुंच गया है। कागज के रेट दोगुने होने के बाद महंगाई का इस तरह तड़का लगा है।
वीएलईली एसोसिएशन द्वारा तय किया गये रेट के मुताबिक एक तरफ की फोटो कॉपी के तीन रुपये, दोनों तरफ की फोटोकॉपी के छह रुपये, सादे प्रिंटआउट के 10 रुपये, वाट्सऐप से प्रिंट आउट निकालने के 10 रुपये, पांच प्रिंट आउट से ज्यादा निकालने पर पांच रुपये, कलर प्रिंटआउट के 15 रुपये, पांच प्रिंट आउट से ज्यादा निकालने पर 10 रुपये प्रति प्रिंट आउट, जबकि छह फोटो के 40 रुपये रेट तय किए गए हैं। दुकानदारों ने नई रेट लिस्ट लगाकर ग्राहकों नये रेट वसूलने की शुरू कर दिये हैं, जिसे लेकर अक्सर दुकानदारों व ग्राहकों के बीच शुरुआत में कहासुनी हो रही है।