- पुलिस के खिलाफ पांच लोगों ने प्रयागराज हाईकोर्ट में याचिका दायर की
- जिसमें सिंगल बेंच के न्यायमूर्ति अब्दुल मोइन ने सुनवाई की
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: लोकसभा चुनाव में लाइसेंसी हथियार जमा करने के लिए पुलिस शस्त्रधारकों पर लगातार दबाव बना रही हैं। पुलिस के खिलाफ पांच लोगों ने प्रयागराज हाईकोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें सिंगल बेंच के न्यायमूर्ति अब्दुल मोइन ने सुनवाई की। न्यायमूर्ति ने आठ पेज का जजमेंट दिया हैं। जजमेंट में कहा गया है कि लाइसेंसी हथियार जमा कराने के लिए पुलिस किसी तरह का दबाव नहीं बना सकती। ये आदेश चीफ सेक्रेटरी और प्रदेश के डीजीपी को दिए हैं।
लोकसभा चुनाव में पुलिस लाइसेंस हथियार जमा करने के लिए किसी पर भी दबाव नहीं बन सकती। हाईकोर्ट के इस आदेश से पुलिस में खलबली मच गई है। क्योंकि पुलिस लगातार गांव-गांव पहुंचकर लोगों के लाइसेंसी हथियार थाने के मालखाने में जमा कर रही है। दरअसल, रवि शंकर तिवारी नामक व्यक्ति पर यूपी पुलिस लगातार लाइसेंस हथियार जमा कराने के लिए दबाव बना रही थी। इसके अलावा चार अन्य व्यक्तियों को भी लाइसेंस हथियार जमा कराने के लिए कहा जा रहा था।
पुलिस के इस रैवये के खिलाफ रविशंकर तिवारी समेत चार अन्य लोगों ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें सिंगल बेंच न्यायमूर्ति अब्दुल मोइन ने सुनवाई करते हुए 22 मार्च को एक आर्डर दिया, जिसमें स्पष्ट कहा कि लाइसेंसी हथियार किसी भी सूरत में जमा नहीं कराया जा सकता। यदि पुलिस इस तरह का दबाव बना रही है तो वह गलत है। हाईकोर्ट न्यायमूर्ति ने इस मामले को लेकर आठ पेज का जजमेंट दिया है।
इसके बाद लाइसेंसी हथियार जमा नहीं करने का आदेश चीफ सेक्रेटरी, प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम और डीजीपी को दिए गए हैं, जिसमें स्पष्ट कर दिया है कि पुलिस लाइसेंसी हथियार जमा करने का किसी पर भी दबाव नहीं बन सकती। यदि दबाव बना रही है तो गलत हैं। मंगलवार को न्यायमूर्ति ने एक कमेटी बनाने के आदेश पारित किए हैं।
डीएम ने रासुका में किया निरुद्ध
जिला मजिस्ट्रेट दीपक मीणा ने प्रमुख सचिव, गृह विभाग, उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ को पत्र प्रेषित कर बताया कि उनके द्वारा अभियुक्त आमिर मूल निवासी ग्राम साहस थाना भुजिया का पुल कस्बा करहल मैनपुरी हाल निवासी ए-226 मोहल्ला मदनपुर खादर थाना कालिन्दी कुंज दिल्ली उम्र 23 वर्ष को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 (अधिनियम संख्या 65/1980) की धारा 3 की उपधारा (3) की उप धारा (2) के अंतर्गत निरुद्ध किया गया है। इस निरुद्ध से संबंधित समस्त अभिलेख विशेष पत्रवाहक के माध्यम से गोपन अनुभाग, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ को प्रेषित किये जा रहे हैं।