- आरोपी मौके से भागने में रहा कामयाब, दबिश से क्षेत्र में काफी देर तक मचा रहा हड़कंप
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सदर क्षेत्र में वाहनों के कटान का सबसे बड़ा ठिकाना रहे सोतीगंज में पुलिस ने एक कबाड़ी की धरपकड़ के लिए दबिश दी, लेकिन आरोपी मौके से भागने में कामयाब रहा। वहीं पुलिस की दबिश से क्षेत्र में काफी देर तक हड़कंप मचा रहा। फिलहाल पुलिस खाली हाथ वापस लौट गई। शुक्रवार को सोतीगंज में सादी वर्दी में पुलिस राहुल काला नाम के कबाड़ी को पकड़ने के लिए दबिश देने पहुंची। पुलिस के पहुंचते ही क्षेत्र में हड़कंप मच गया। गौरतलब है कि राहुल काला कई थानों से चारी के वाहनों कटान के मामले में वांटेड है। जिसकी तालाश में पुलिस दबिश देती रहती है। इस बार भी मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने राहुल काला को पकड़ने के लिए दबिश दी,
लेकिन वह हाथ नहीं आया। वहीं दबिश के दौरान पुलिस को देखकर कई दुकानदारों ने अपनी दुकान के शटर गिरा दिए। पुलिस के सादी वर्दी में होने के कारण स्थानीय लोग पहले थे पहचान ही नही सके। बाद में पता चलने पर लोगों ने पुलिस को बताया कि राहुल काला कई दिनों से वहां नही आया। जबकि पुलिस के पास पूरी जानकारी थी कि राहुल क्षेत्र में ही है। बताया जा रहा है दबिश देने वाली पुलिस थाना सिविल लाइन की थी, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी।
साइबर क्राइम: वाट्सएप कॉल कर बुजुर्ग से ठग लिए 1.5 लाख
बिजली विभाग से रिटायर्ड वृद्ध के साथ साइबर ठगों ने 1.5 वाट्सएप कॉल के जरिए ठग लिए। पीड़ित को ठग ने उसकी भांजी का पति बताया और झांसे में लेकर अपने अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करा लिए। अब पीड़ित ने साइबर थाने पर वाट्सएप कॉल नंबर के जरिए हुई ठगी को लेकर शिकायत दर्ज कराई है। साकेत डी-107 के रहने वाले प्रहलाद कुमार बिजली विभाग से रिटायर्ड है। बीती 23 मई का उनके मोबाइल पर एक वाट्सएप कॉल आई जिसमें कॉलर ने खुद को यूएसए में रह रही उसकी भांजी का पति साहिब सिंह बताया।
कॉलर ने कहा कि उसने हाल ही में चंडीगढ़ में एक प्लॉट खरीदा है। जिसके केवल पांच लाख रुपये और देना बाकी है। इस समय प्लॉट के मालिक की मां की तबीयत खराब है, इसलिए उसे 1.5 लाख रुपये की सख्त जरूरत है। इसके बाद कॉलर ने स्टेट बैंक आॅफ इंडिया का अकाउंट नंबर 39876864091 जो किसी पटेल हितेश संजयभाई के नाम बताया, जिसका आईएफएससी कोड नंबर भी दिया। इस अकाउंट नंबर पर पैसे भेजने को कहा। पीड़ित ने यह पैसा साकेत स्थित धनवंतरी मनी ट्रांसफर से चार बार में भेज दिया।
इसके बाद अमेरिका में रहने वाले पीड़ित के बहनोई के दामाद को फोन किया गया तो उसने पैसे की किसी भी मांग से इंकार कर दिया। साथ ही जिस नंबर से वाट्सएप कॉल आई थी वह भी अपना नहीं बताया। इसके बाद पीड़ित प्रहलाद कुमार को एहसास हुआ की वह साइबर ठगी का शिकार हो गए है। पीड़ित ने पहले थाना सिविल लाइन में साइबर ठगी की शिकायत दी, लेकिन मामला साइबर क्राइम से जुड़ा होने पर उसे साइबर थाने भेज दिया गया।