- पूर्व में भाजपा नेता भी कर चुके हैं अवैध उगाही की शिकायत
- ट्रैफिक कंट्रोल से ज्यादा चौराहों पर आउटर गाड़ियों पर रहती है नजर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर के तमाम चौराहों पर खड़े पुलिस वाले खासतौर से ट्रैफिक पुलिस वालों की नजर बजाय यातायात के नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के आउटर गाड़ियों मसलन दूसरे राज्यों व दूसरे जनपदों से आने वाली गाड़ियों पर रहती है। इन गाड़ियों को देखते ही चौराहों पर मौजूद मदद के लिए खड़े होने वाले होमगार्ड व टैÑफिक पुलिस वाले गिद्ध की भांति झपटते हैं।
शहर के कई ऐसे चौराहे व इलाके हैं जहां आउटर गाड़ियों की लंबी कतारें देखी जा सकती हैं। पेपर चेकिंग के नाम पर इन गाड़ियों को न केवल रोका जाता है। बल्कि उनसे कोई न कोई कमी निकालकर उगाही की जाती है। यह आरोप भाजपा के पूर्व महानगर अध्यक्ष रहे मुकेश सिंहल भी लगा चुके हैं।
प्रभारी मंत्री से उगाही की शिकायत
भाजपा अनेक बार बाहरी वाहनों से की जाने वाली उगाही की शिकायत प्रभारी मंत्री से कर चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी बाहरी नंबर वाली गाड़ियों से की जाने वाली उगाही रुकने का नाम नहीं ले रही है। कई बार तो इन गाड़ियों में गंभीर मरीज होते हैं, लेकिन इससे चेकिंग के नाम पर की जाने वाली उगाही करने वालों को कोई सरोकार नहीं होता है।
ये हैं सबसे बदनाम प्वाइंट
बाहरी नंबर वाली गाड़ियों को रोककर उनसे उगाही करने के लिए जो इलाके सबसे ज्यादा बदनाम हैं। उनमें मवाना रोड का ग्रास फार्म इलाका मुख्य रूप से शामिल है। कमिश्नर आवास चौराहे से होकर तथा इससे पहले माल रोड से सटे एक अन्य चौराहे से होकर मवाना रोड की ओर जो भी बाहरी नंबर वाली गाड़ी जाती है, उसको रोक लिया जाता है। इसके अलावा टैंक चौराहा रुड़की रोड, गांधी बाग के पीछे कंकरखेड़ा की
ओर जाने वाली रोड, रुड़की रोड, जीरो माइल चौराहा, गढ़ रोड, दिल्ली रोड पर तो जगह-जगह जहां से भी बाहरी नंबर के वाहन होकर गुजरते हैं, उनको रोक लिया जाता है। इसको लेकर अनेक बार शिकायतें भी की जा चुकी हैं, लेकिन आउटर गाड़ियों को रोककर उनसे उगाही का मसला अब लाइलाज समस्या बन कर रह गयी है।