- कुश्ती, निशानेबाजी और तीरंदाजी को कॉमनवेल्थ खेलों से बाहर करने की तैयारी
- तीनों खेलों से जुड़े कोच और क्रीड़ा भारती ने जताया आक्रोश, खेल मंत्री को लिखेंगे पत्र
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: इस बार तीन खेलों को राष्टÑमंडल खेलों में नहीं शामिल करने की तैयारी है। इसको लेकर इन खेलों से जुड़े कोच व क्रीड़ा भारती के अध्यक्ष ने आक्रोश जताया है। साथ ही पीएम व खेल मंत्री से इस मामले को डिप्लोमेटिक स्तर पर भी उठानें की मांग की जा रही है।
28 जुलाई से शुरू होने वाले राष्टÑमंडल खेलों में इस बार तीन खेलों कुश्ती, तीरंदाजी व निशानेबाजी को शामिल नहीं किए जाने का विरोध होने लगा है। मेरठ में इन खेलों से जुड़े कोच व क्रीड़ा भारती के अध्यक्ष ने इस प्ररकण को खेल मंत्रालय व पीएम तक पहुंचाने समेत डिप्लोमेटिक स्तर पर उठाने की बात की है।
राष्टÑमंडल खेलों से कुश्ती, तीरंदाजी व निशानेबाजी को बाहर करने को लेकर पूरे देश में चर्चा हो रही है, इसे तानाशाही भी बताया जा रहा है। अब देखना होगा कि भारत इन खेलों को कॉमनवेल्थ गेम्स में बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाता है।
जबर सिंह सोम, कुश्ती कोच का कहना है कि इस तरह से कुश्ती के राष्टÑमंडल खेलों से नहीं हटने दिया जाएगा। कुश्ती से हमारे देश का एक लोकप्रिय खेल है, इसको लेकर हर अंतराष्टÑीय प्रतियोगिता में भारत मेडल लाता है। अगर ऐसा होता है तो यह भारत के लिए काफी नुकसानदेय होगा।
एशिया कुश्ती संघ के वाइस प्रेसीडेंट ब्रजभूषण शरण सिंह इसको लेकर हर कदम उठाने को तैयार है। हमारी सरकार भी इसको लेकर काफी सख्त है और ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। यह कुश्ती व हमारे देश के लिए ठीक नहीं है।
अप्सरा चौधरी, कोच निशानेबाजी का कहना है कि पिछले साल स्पोर्ट्स स्टेडियम में कुल 55 खिलाड़ी प्रैक्टिस कर रहे थे, अब 30 खिलाड़ियों ने और एडमिशन लिया है। कॉमनवेल्थ खेलों के लिए सभी खिलाड़ियों को प्रैक्टिस कराई जा रही है। उनका प्रैक्टिस टाइम बढ़ाया गया है, टैक्निकली तैयारियां भी कराई जा रही है, योगा क्लासिस दी जा रही है।
अब कॉमनवेल्थ खेलों से इस खेल को हटाने की बात चल रही है जो इन खिलाड़ियों के लिए काफी नुकसानदेय होगा। राष्टÑमंडल खेल एक अच्छा प्लेटफार्म है। जिससे खिलाड़ियों को आगे बढ़ने में मदद मिलती है। पहले भी शूटिंग में देश के लिए काफी मेडल हमारे खिलाड़ियों ने जीते हैं। इस बार भारत के निशानेबाज कम से कम 10 से 15 मेडल लेकर आने की उम्मीद है। सरकार से अपील करेंगे कि ऐसा न हो इसके लिए प्रयास किए जाए।
अश्वनी गुप्ता, अध्यक्ष क्रीड़ा भारती मेरठ का कहना है कि यह बहुत बड़ा अन्याय है। जो खेल भारत के परंपरागत खेल है उनको राष्टÑमंडल खेलों से हटाया जाना गलत है। यह दादागिरी वाला निर्णय है, कुश्ती व तीरंदाजी हमारे ट्रेडिशल खेल है। यह हमारे देश के सनातन खेल हैै, इस तरह का फैसला क्यों हो रहा है समझ से बाहर है।
अब हम पीएम मोदी व खेल मंत्री अनुराग ठाकुर को पत्र लिखेंगे कि वह डिप्लोमेटिक स्तर पर इस कदम का विरोध करे कि इन खेलों को राष्टÑमंडल खेलों से बाहर न किया जाए। आर्चरी व कुश्ती हमारे देश की पहचान है।