- छोरे धोखा हो गया, दही की जगह कपास खा ली
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कृषि बिल के खिलाफ सर्द रातें हो या शीतलहरी का हमला। किसानों का बस यही कहना था कि सरकार ने जिस तरह से किसानों के खिलाफ बिल लाकर परेशानियां खड़ी कर दी है। उससे निपटने के लिये आंदोलन तो करना पड़ेगा। चुनाव के समय सरकार को किसान समर्थक समझ कर वोट दिये थे, लेकिन यह पता नहीं था कि सरकार किसानों के खिलाफ काम करेगी।
अब चाहे सर्दी हो या तूफान आए जो सोच लिया है उसे पूरा करके ही चलेंगे। इतिहास गवाह है कि कभी-कभी अधिक विश्वास परेशानी का कारण बन जाता है। इस परेशानी को दूर करने में समय तो लगेगा और उसका ही इंतजार किसान कर रहे हैं।
भगवान राम ने लंका पर चढ़ाई कर दी थी। तब युद्ध का दूसरा स्वरूप था, ठीक वैसे ही किसान भी कृषि बिल को लेकर सर्दी में सड़कों पर ठिठुर रहे हैं। भगवान राम ने कई बार रावण के घर संदेश भेजे थे। ठीक वैसे ही हम भी केन्द्र सरकार को संदेश भेज रहे हैं, लेकिन समझ में केन्द्र सरकार के भी ना आ रही। अब आप ही देख लो कि फिर भगवान राम ने रावण का क्या हस्र किया था, फिर तो किसानों को भी वैसा ही करना पड़ेगा।
यह कहना है सिंभावली निवासी आंदोलित किसान श्याम सिंह का। वह कह रहे है कि वीडियो बना लो, कभी सरकार तुम्हें परेशान करें। वयोवृद्ध श्याम सिंह बोले कि मैं किसानों के लिए फांसी लगाने को तैयार हूं,मगर इतना जल्दी नहीं मरुंगाा। पहले सरकार का ढंग बढ़ाकर जाऊंगा। हापुड़ निवासी हर्ष वर्द्धन त्यागी ने कहा कि केन्द्र सरकार संवाद के नाम पर दिखावा कर रही है।
यह हम जानते हैं। जनता को दिखाना चाहती है कि किसानों से वो बात करने को तैयार है, लेकिन किसान नहीं मान रहे। केन्द्र सरकार यह दिखावा बंद करें। किसान आंदोलन को तोड़ने के लिए कुचक्र रचे जा रहे हैं। किसान बिल वापसी पर अडिग है और अडिग रहेगा। इसमें तनिक भी पीछे नहीं हटेगा। जान ही तो जा सकती है,इसके लिए हम तैयार हैं। किसानों को सामूहिक मृत्यु दण्ड सरकार दे दे, वो इसके लिए भी तैयार है, मगर कृषि बिल वापसी के अलावा दूसरा कोई समझौता नहीं होगा।
किसानों ने एक वर्ष आंदोलन चलाने की तैयारी कर ली है। राशन गांव से आ रहा है। गेहूं की बुवाई करवा दी गई है। गन्ना गिर रहा है, इसमें किसान एक-दूसरे का डगवारा कर रहे हैं। किसान एकजुट है और रहेंगे,उन्हें तोड़ने का प्रयास बेहतर होगा सरकार नहीं करें। गुडगांव निवासी तरविन्दर सैनी उर्फ माइकल बोले कि हरियाणा सरकार ने किसानों को बॉर्डर पर रोका। किसान चुनाव में हरियाणा में भाजपा को बॉर्डर पर रोकना जानते हैं। यही चाहत भाजपा की है तो उसमें भाजपा को आने वाले चुनाव में बॉर्डर पर ही रोक दिया जाएगा।