सुनीता गाबा |
मानसून सीजन समाप्त होने को है पर अभी भी जहां तहां बारिश के मच्छर दिखाई पड़ते हैं। जहां थोड़ा सा पानी इक_ा हुआ कि मच्छरों की फौज वहां तैयार हो जाती है। उन मच्छरों में एक एडीज नाम का मच्छर होता है जिसके काटने से डेंगू रोग का संचार होता है। इस मच्छर की खासियत है यह दिन में काटता है। इसके काटने से डेंगू वायरस उत्पन्न होता है। जिसको मच्छर काटता है उसे बुखार हो जाता है। यह मच्छर रोग फैलाने का काम भी करता है एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को। डेंगू का संक्र मण तीन से दस दिन तक हो सकता है।
किस मौसम में ज्यादा होता है डेंगू
बरसात के मौसम में डेंगू का मच्छर अधिक पनपता है। डेंगू का मच्छर साफ पानी में पनपता है जैसे कूलर, बर्तन में रखा पानी, टंकी वाले पानी में गमले में भरा पानी आदि। बरसात में पानी भाप बनकर कम उड़ता है जमा रहता है, ऐसे जमा पानी ही इनकी जन्मस्थली होते हैं।
लक्षण
-ठंड लगने से तेज बुखार का अचानक चढ़ना।
-आंखों के पिछले भाग में दर्द होना। आंखें दबाने और हिलाने से दर्द बढ़ जाता है।
-जोड़ों, मांसपेशियों और सिर में दर्द होना।
-कमजोरी, महसूस होना, भूख कम लगना, उलटी करने का मन करना।
-गले में दर्द होना।
-मुंह का स्वाद खराब होना।
-शरीर पर गुलाबी लाल रैशेज पड़ना।
-चेहरे, गर्दन और छाती पर दोनों जैसे रैश दिखाई देना।
बचाव
-गमलों की नियमित सफाई रखें।
-शरीर पर पूरे वस्त्र पहनें।( बाजू वाली कमीज, पैंट, पाजामा आदि)
-रात्रि में मच्छरदानी लगाएं अथवा शरीर को चादर से ढकें।
-पानी की टंकी ढक कर रखें।
-बाल्टियों और बर्तनों में पानी जमा न करके रखें। टूटे-फूटे बर्तनों में पानी न रखें।
-गड्ढों में मिट्टी का तेल डालते रहें।
-कूलर का पानी सप्ताह में तीन बार कम से कम खाली करें। पुन: भरकर उसमें मिट्टी के तेल की कुछ बूंदें डालें।
-यदि इन सबके बाद भी आपको कोई सुधार न लगे तो डाक्टर को जरूर दिखाएं।