Sunday, December 29, 2024
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लालकिले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फहराया तिरंगा, पीएम ने देशवासियों को दीं बधाई

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक अभिनंदन और स्वागत है। आज मंगलवार को देशवासी आजादी के 76 साल पूरे कर लिए हैं। देश 77वां स्वतंत्रता दिवस धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मना रहा है। स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर भारतवासी देशभक्ति से लबरेज हैं। साथ ही पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले पर झंडा फहराया और इसके बाद राष्ट्रगान हुआ। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि लोकतंत्र में यह कैसे हो सकता है, विशेष बल देकर कह रहा हूं कि राजनीतिक दलों के बारे में। यह बुराई है परिवारवादी पार्टियां। उनका मूल मंत्र है उनका राजनीतिक दल परिवार का, परिवार के द्वारा और परिवार के लिए काम करे।

परिवारवाद और भाई-भतीजावाद प्रतिभाओं के दुश्मन होते हैं। तुष्टीकरण ने सामाजिक न्याय का सबसे बड़ा नुकसान किया है। सामाजिक न्याय को तबाह किसी ने किया है तो वह तुष्टीकरण की राजनीति ने किया है। इसने सामाजिक न्याय को मौत के घाट उतार दिया है। अगर देश विकास चाहता है तो हमारे लिए आवश्यक है कि हम किसी भी हालत में भ्रष्टाचार को सहन नहीं करेंगे।

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश की सारी समस्याओं की जड़ में भ्रष्टाचार दीमक की तरह है। इसने देश के सामर्थ्य को बुरी तरह नोंच लिया है। यह मोदी के जीवन का कमिटमेंट है, यह मेरे व्यक्तित्व की प्रतिबद्धता है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ता रहूंगा। हमारे देश को परिवारवाद ने नोंच लिया है, इसने जकड़कर रखा है।

तीसरी बुराई है तुष्टीकरण। इसलिए मेरे प्यारे देशवासियों, हम इन तीन बुराई के खिलाफ पूरे सामर्थ्य से लड़ना है। ये ऐसी चीजें पनपी हैं जो हमारे देश की आकांक्षाओं का दमन करती है। हमें भ्रष्टाचार से मुक्ति पानी है। इस देश में पिछले नौ साल में दस करोड़ लोगों को मैंने गलत फायदा उठाने से रोक दिया।

ये दस करोड़ लोग वो थे, जिनका जन्म ही नहीं हुआ था। वे विधवा, वृद्ध, दिव्यांग हो जाते थे। दस करोड़ बेनामी चीजों को रोका है। भ्रष्टाचारियों की संपत्ति पहले की तुलना में 20 गुना ज्यादा जब्त की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सपने अनेक हैं, संकल्प साफ है, नीतियां स्पष्ट हैं, नीयत के सामने कोई सवालिया निशान नहीं है, लेकिन कुछ सच्चाइयों को हमें स्वीकार करना पड़ेगा। उसके समाधान के लिए मेरे प्रिय परिवारजनों, मैं आज लाल किले से आपकी मदद मांगने आया हूं।

मैं लाल किले से आपका आशीर्वाद मांगने आया हूं। पिछले वर्षों में जो देश को मैंने समझा, परखा है, अनुभव के आधार पर मैं कह रहा हूं कि आज हमें गंभीरतापूर्वक उन्हें देखना होगा। 2047 में जब देश आजादी के सौ साल मनाएगा, उस समय दुनिया में भारत का तिरंगा, विकसित भारत का तिरंगा होना चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा कि एक चीज जो देश को आगे ले जाएगी वह है महिला नेतृत्व वाला विकास। आज हम गर्व से कह सकते हैं कि नागरिक उड्डयन में सबसे ज्यादा पायलट भारत में हैं। चंद्रयान मिशन का नेतृत्व महिला वैज्ञानिक कर रही हैं। जी20 देश भी महिला नेतृत्व वाले विकास के महत्व को पहचान रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वाइब्रेंट बॉर्डर गांव को देश का आखिरी गांव कहा जाता था। हमने वह मानसिकता बदल दी। वह देश का आखिरी गांव नहीं हैं। आप सीमा पर जो देख सकते हैं वह मेरे देश का पहला गांव है। मुझे खुशी है कि इस कार्यक्रम के विशेष अतिथि इन सीमावर्ती गांवों के 600 प्रधान हैं। वे यहां लाल किले पर इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने आए हैं।

लाल किले की प्रचीर से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि बेटियों पर जुल्म न हो, यह हमारा सामाजिक और पारिवारिक दायित्व है। मैंने अभी एक देश का दौरा किया। वहां एक वरिष्ठ मंत्री ने मुझसे सवाल पूछा कि आपके यहां बेटियां विज्ञान और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करती हैं क्या? मैंने कहा कि आज मेरे देश में बेटियां बेटों से ज्यादा साइंस, इंजीनियरिंग, मैथ्स में भाग ले रही हैं।

आज 10 करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं। गांव में जाएंगे तो बैंक वाली, आंगनवाड़ी, दवाई देने वाली दीदियां मिलेंगी। गांव में दो करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है। हम नई योजना सोच रहे हैं। एग्री-टेक को बल मिले, इसलिए हम महिला स्वयं सहायता समूह को हम ड्रोन चलाने और ड्रोन की मरम्मत करने की ट्रेनिंग देगी। भारत सरकार उन्हें ड्रोन और ट्रेनिंग देगी। 15 हजार स्वयं सहायता समूहों के द्वारा हम ड्रोन की उड़ान का आरंभ कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने लाल किले से कहा कि मेरा-पराया के कारण देश के कुछ हिस्से प्रभावित रहे हैं। हमें क्षेत्रीय आकांक्षाओं को सम्मान देना है। अगर हमारे शरीर का कोई अंग अविकसित, दुर्बल रहे तो स्वस्थ नहीं माना जाएगा। भारत माता का कोई हिस्सा अविकसित है तो हम उसे स्वस्थ नहीं मान सकते।

भारत लोकतंत्र की जननी है, विविधता से भरा हुआ है। अगर घटना मणिपुर में होती है तो पीड़ा महाराष्ट्र में होती है। अगर बाढ़ असम में आती है तो केरल बेचैन हो जाता है। जब आज हम अफगानिस्तान से गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप को लाते हैं तो देश को गर्व होता है। जब कोई सिख भाई दुनिया में लंगर लगाता है तो देश का सीना चौड़ा हो जाता है।

आतंकी घटनाओं पर पीएम मोदी ने कहा कि आए दिन हम लोग चर्चा करते थे कि यहां धमाका हुआ, वहां धमाका हुआ। हर कहीं लिखा होता था कि इस सामान को हाथ न लगाएं। आज देश सुरक्षा की अनुभूति कर रहा है। जब सुरक्षा-शांति होती है तब प्रगति के नए अरमान हम पूरे कर सकते हैं। सीरियल बम धमाकों का जमाना अब बीते हुए कल की बात हो गई है। आज देश में आतंकी हमलों में भारी कमी आई है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बहुत बड़ा बदलाव आया है।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में 25 साल से चर्चा हो रही थी कि नई संसद बने। यह मोदी है कि समय से पहले नई संसद बनाकर रख दी। यह काम करने वाली सरकार है। यह नया भारत है, जो आत्मविश्वास से भरा हुआ है। यह संकल्पों को चरितार्थ करने वाला भारत है। यह भारत न रुकता है, न थकता है, न हांफता है, न ही हारता है।

प्रधानमंत्री बोले कि पूरी दुनिया ने महंगाई को दबोच रखा है। हम सामान तो आयात करते हैं, हमारा दुर्भाग्य है कि महंगाई भी आयात करनी पड़ती है। भारत ने महंगाई को नियंत्रित रखने के लिए भरसक प्रयास किए हैं। पिछले कालखंड की तुलना में हमें सफलता मिली है। हम इतने से नहीं मान सकते, महंगाई को कम से कम रखने के लिए कदम उठाने होंगे। मेरा प्रयास निरंतर जारी रहेगा।

पीएम मोदी ने कहा कि पांच साल के कार्यकाल में 13.5 करोड़ गरीब भाई-बहन गरीबी जंजीर तोड़कर उससे बाहर आए हैं। जब 13.5 करोड़ गरीबी की मुसीबतों से कैसे बाहर निकले हैं- आवास योजना, रेहड़ी-पटरी वालों के साथ ही सुनार, सुतार, राजमिस्त्री, बाल काटने वाले, औजारों-हाथों से काम करने वाले वर्ग को हम नई ताकत देने जा रहे हैं। हम इस बार विश्वकर्मा जयंती पर विश्वकर्मा योजना शुरू करेंगे। 13-15 हजार करोड़ रुपये से इसे शुरू करेंगे।

प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्रचीर से कहा कि आने वाले पांच साल में मोदी की गारंटी है कि देश पहली तीन शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में जगह ले लेगा। गरीबी से बाहर आए 13.5 करोड़ लोग मध्यमवर्ग की शक्ति बन रहे हैं। जब गांव की शक्ति बढ़ती है तो शहरों की आर्थिक अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ती है। हमें इस बल देकर आगे चलना चाहते हैं।

पीएम मोदी ने कहा, हम 2014 में वश्विक अर्थव्यवस्था में 10वें नंबर पर थे। आज हम पांचवें नंबर पर पहुंच चुके हैं। ये ऐसे ही नहीं हुआ है। भ्रष्टाचार ने देश को दबाए रखा था। मैं 10 सालों का हिसाब देशवासियों को दे रहा हूं। पहले गरीबों का घर बनाने के लिए 90 हजार करोड़ खर्च होता था। आज चार लाख करोड़ खर्च हो रहे है। पिछले साढ़े पांच साल के कार्यकाल में 13.50 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए।

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि तीन दशकों तक अनिश्चितता और अस्थिरतता का कालखंड था, उससे मुक्ति मिली। देश के पास एक ऐसी सरकार है, जो सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय पर यकीन रखती है। वह पाई-पाई जनता की भलाई के लिए लगा रही है।

मेरे देशवासियों का मान एक बात से जुड़ा हुआ है- राष्ट्र प्रथम। यही दूरगामी और सकारात्मक परिणाम पैदा करने वाला है। 2014 में और 2019 में आपने मजबूत सरकार फॉर्म की, तो मोदी में रिफॉर्म करने की हिम्मत आई। तब मेरे नौकरशाही के लाखों लोगों ने परफॉर्म करने वाली जिम्मेदारी बखूबी निभाई, अब जनता ट्रांसफॉर्म करती दिख रही है। रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म की ताकत नजर आ रही है। इससे आने वाले हजार सालों की नींव मजबूत हो रही है।

लाल किले की प्रचीर से पीएम मोदी बोले कि कोरोना काल में भारत ने जिस प्रकार देश को आगे बढ़ाया, दुनिया ने हमारे सामर्थ्य को देखा। जब दुनिया की सप्लाई चेन तहस-नहस हो गई, तब हमने कहा था कि विश्व का विकास देखना है तो मानव केंद्रित होना चाहिए। तब जाकर सही समाधान निकालेंगे।

आज जो भारत ने कमाया है, वह दुनिया में स्थिरता की गारंटी लेकर आया है। अब न हमारे मन में, न 140 करोड़ लोगों के मन में और न दुनिया के मन में कोई किंतु-परंतु है। अब गेंद हमारे पाले में है, हमें अवसर नहीं जाने देना है, मौका छोड़ना नहीं चाहिए। मेरे देशवासियों में समस्याओं की जड़ों को समझने का सामर्थ्य है, इसलिए 2014 में देशवासियों ने 30 साल के अनुभव के बाद तय किया कि देश को आगे ले जाना है तो मजबूत, स्थिर और पूर्ण बहुमत वाली सरकार चाहिए।

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