- तलवारें म्यान से बाहर !, वेतन निर्धारण मुद्दा अधीक्षण अभियंता से सुलझाने की मांग
- पीडब्ल्यूडी कर्मचारियों ने अधिशासी अभियंता पर लगाया गुमराह करने का आरोप
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: पीडब्ल्यूडी कर्मचारियों और अधिशासी अभियंता सुरेन्द्र सिंह के बीच की खाई और गहरी होती जा रही है। कार्य अभिकर्ताओं के वेतन निर्धारण पर दोनों ओर से खिंची तलवारें वापस त्यान में जाने को कतई तैयार नहीं हैं। पीडब्ल्यूडी परिसर युद्ध का अखाड़ा बना हुआ है। गुरुवार को आन्दोलनरत कर्मचारियों ने अधिशासी अभियंता सतेन्द्र सिंह पर फिर से जमकर तीर चलाए।
उत्तर प्रदेश पीडब्ल्यूडी नियमित वर्कचार्ज कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि बुधवार को कर्मचारी हितों के मुद्दे पर अधिशासी अभियंता और कर्मचारियों के बीच हुई वार्ता के दौरान एक संयुक्त कमेटी के गठन का फैसला लिया गया था। महामंत्री दिनेश चंद जोशी ने अधीक्षण अभियंता जगदीश प्रसाद को भेजे गए पत्र में आरोप लगाया गया कि आपके स्तर से कमेटी के गठन पर सहमति बन गई थी, लेकिन जो पत्र आपको प्रेषित किया गया है वो वार्ता में लिए गए निर्णयों के विपरीत है।
आन्दोलनकारियों को इसमें अधिशासी अभियंता द्वारा ‘खेल’ किए जाने बू आ रही है। उनका आरोप है कि अधिशासी अभियंता ने सही निर्णय लिए ही नहीं। इन सब के चलते कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है। संघ के पदाधिकारियों का आरोप है इन्ही गलत निर्णयों के कारण निर्दोष कर्मचारी ऋषिपाल सिंह जोकि 31 दिसम्बर को सेवानिवृत्त होने वाले थे, वो अपनी जान से ही हाथ धो बैठे। कर्मचारी नेताओं के अनुसार एक अन्य कर्मचारी (नरेन्द्र सिंह) भी इन गलत फैसलों का शिकार हो गया
और वो बुधवार शाम से ही मानसिक तनाव में है। कर्मचारी नरेन्द्र सिंह भी 31 दिसम्बर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। कर्मचारियों ने आशंका व्यक्त की है कि तनाव का यही दौर जारी रहा तो नरेन्द्र सिंह के साथ भी कोई अप्रिय घटना हो सकती है। कर्मचारियों ने मांग की है कि वेतन निर्धारण मुद्दे पर अधिशासी अभियंता सतेन्द्र सिंह के स्थान पर अधीक्षण अभियंता के स्तर से निर्णय लिया जाए। कर्मचारियों ने अधीक्षण अभियंता जगदीश प्रसाद को एक सुलझा हुआ अधिकारी बताया।
आन्दोलन के बीच पीडब्ल्यूडी कर्मचारी की मौत से हड़कम्प
ग्रेड पे 2400 को लेकर चले आ रह े पीडब्ल्यूडी कर्मचारियों के आन्दोलन में गुरुवार को उस समय नया मोड़ आ गया जब एक पीडब्ल्यूडी कर्मचारी की मौत हो गई जबकि एक अन्य कर्मचारी मानसिक तनाव में आ गया। इसके बाद पीडब्ल्यूडी अधिकारियों में भी हड़कम्प मच गया। घटना के फौरन बाद आन्दोलनरत् कर्मचारियों ने धरना स्थल पर ही दो मिनट का मौन धारण किया और एक दिन के लिए आन्दोलन स्थगित कर दिया।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश पीडब्ल्यूडी नियमित वर्कचार्ज कर्मचारी संघ, लो.नि.वि. के सदस्य गे्रड पे 2400 को लेकर आन्दोलन कर रहे हैं और पिछले चार दिनों से अधिशासी अभियंता सतेन्द्र सिंह के कार्यालय के बाहर अनिश्चतकालीन धरने पर बैठे हैं। संगठन के जनपद अध्यक्ष अहसान अली व महामंत्री दिनेश चंद जोशी ने बताया कि जिन मांगों को लेकर आन्दोलन चलाया जा रहा है उनमें कार्य अभिकर्ताओं के वेतन निर्धारण का मुद्दा प्रमुख है।
उन्होंने बताया कि इसी विवाद के चलते कुछ दिन पूर्व ही कार्य अभिकर्ता ऋषिपाल सिंह को ब्रेन हेमरेज हो गया था और तभी से वो अस्पताल में भर्ती थे। संगठन के कर्मचारी गुरुवार को जैसे ही धरने पर बैठे तभी कुछ समय बाद ही उन्हें पता चला कि ऋषिपाल सिंह का निधन हो गया है। यह सुनते ही एक अन्य कर्मचारी नरेन्द्र सिंह मानसिक तनाव में आ गए। इसके बाद कर्मचारियों में जबरदस्त रोष व्याप्त हो गया।
इसके बाद आन्दोलनरत् कर्मचारियों ने धरना स्थल पर ही दो मिनट का मौन धारण किया और एक दिन के लिए धरना स्थगित करने का फैसला लिया। इसके बाद कर्मचारी सीधे अधीक्षण अभियंता जगदीश प्रसाद के कार्यालय पहुंचे। यहां पता चला कि अधिक्षण अभियंता लोक लेखा समिति की बैठक में व्यस्त हैं। हांलाकि उन्होंने मामले की संवेदनशीलता को भांपते हुए कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि वो शुक्रवार को ही इस मुद्दे पर स्टैण्ड लेंगे।
एक दिन पहले बुधवार को भी अधिशासी अभियंता सतेन्द्र सिंह और कर्मचारियों के बीच वार्ता हुई थी जिसमें अधिशासी अभियंता ने गेंद अधीक्षण अभियंता के पाले में डालने की कोशिश की थी। अध्यक्ष अहसान अली व महामंत्री दिनेश चंद जोशी ने बताया कि शुक्रवार से आन्दोलन पुन: शुरू कर दिया जाएगा। इस दौरान संरक्षक वीके त्यागी, सुरेन्द्र कुमार, आनन्द, सुशील शर्मा, दिनेश शर्मा, ललित कुमार, सतबीर, प्रेमचंद और नरेन्द्र सिंह मौजूद थे।