- निस्तारण तक परीक्षा बहिष्कार की चेतावनी
- मूटा के सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों ने दिखाया शक्ति प्रदर्शन
- प्रदर्शनकारियों ने कुलपति पर कसे मनमानी के तंज
- वीसी बोलीं-मूटा की चेतावनी छात्र हितों से खिलवाड़
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में गुरुवार को सैकड़ों की संख्या में मूटा संघ के शिक्षको ने 17 सूत्रीय मांग को लेकर विवि कुलपति कार्यालय के बाहर काली सड़क दरा बिछाकर विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही शक्ति प्रदर्शन दिखाते हुए वीसी पर धरने पर पहुंचने से गुरेज करने का आरोप लगाया। आरोप है कि विवि से संबंधित कालेजों के शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं को लेकर एक साल में करीब 12 मांग पत्र सौंपे गए है। लेकिन, आज तक उनकी मांगे नहीं मानी गई है। इससे शिक्षक संघ में काफी गुस्सा पनप रहा है। संघ ने मांगे माने जाने तक परीक्षा बहिष्कार की चेतावनी दी है।
गौरतलब है कि गत 16 दिसंबर को वृहद मूटा कार्यकारिणी की एक आॅनलाइन बैठक हुई थी। मूटा अध्यक्षा डा. पंकज शर्मा एवं मूटा महामंत्री डा. राहुल उज्ज्वल ने धरने के दौरान संयुक्त रूप से बताया कि कुलपति से मूटा कार्यकारिणी द्वारा उठाए जा रही महाविद्यालयों के शिक्षकों की विभिन्न मांग जैसे विश्वविद्यालय परिसर एवं महाविद्यालय की आरडीसी पृथक की जाए, महाविद्यालयों के छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए केवल संबंधित कालेजों के प्रोफेसर को मूल्यांकन नियंत्रक बनाया जाए,
मूल्यांकन नियंत्रक टीम में स्थायी शिक्षकों व स्ववित्तपोषित शिक्षकों का कोटा करीब 70:30 प्रतिशत निर्धारित किया जाए,अनुदानित महाविद्यालयों को स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों का परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाए, उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के पारिश्रमिक का भुगतान अधिकतम 15 दिनों के भीतर किया जाए, स्थानीय यात्रा भत्ता बढ़ाकर रु 350 किया जाए, विवि के विभिन्न कार्यकलापों जैसे विषय विशेषज्ञ, प्रयोगात्मक, मौखिक परीक्षा में वरिष्ठता सूची से चक्रानुक्रम में समान अवसर दिया जाए, विवि से संबद्ध समस्त अशासकीय अनुदानित महाविद्यालयों के आचार्यों की वरिष्ठता सूची बनाई जाए
और विवि से संबंधित समस्त कार्यकलापों में चक्रानुक्रम से उनको दायित्व दिए जाए, उड़ाका दल के सदस्य तथा उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन के लिए समय सीमा को शिथिल करते हुए एक वर्ष किया जाए, शिक्षक कल्याण कोष की बैठक अविलंब आहूत की जाए आदि मांगों पर संज्ञान न लिए जाने के कारण कुलपति कार्यालय के बाहर कई घंटों तक विशाल धरना दिया। इस पर संघ के सदस्यों ने मांगे न माने जाने पर परीक्षा की बहिष्कार की चेतावनी दी है। कहा है अगर वीसी समय रहते उनकी मांगे नहीं मानती है तो वे आगामी निर्णय लेने के लिए मजबूर है।
इस अवसर पर संयुक्त सचिव पीयूष त्रिपाठी तथा कौशल प्रताप सिंह, फुपुक्टा प्रतिनिधि सचिन शर्मा तथा जयंत तेवतिया के साथ अरुण कुमार, आनंदवीर सिंधु, प्रवीण डबलिश, गोविंद, अनिल, देवेन्द्रपाल, रीना तोमर, अंशु उज्ज्वल, योगेन्द्र विकल, क्रांति बोध, विजय राठी, नवीन कुमार, संदीप कुमार, रंजीता, हितेश कुमार आदि शामिल रहे।
वीसी की उदासीनता पर भड़के शिक्षक
विवि प्रशासन द्वारा शिक्षकों की लंबित समस्याओं के प्रति उदासीन रवैये के विरोध में मूटा कार्यकारिणी के सम्मान पर कुलपति कार्यालय के समक्ष अनुदानित महाविद्यालयों के शिक्षकों ने धरना दिया। कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला द्वारा शिक्षकों का ज्ञापन ना लिए जाने के बाद भड़क गए और शिक्षकों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि महाविद्यालयों की समस्त आंतरिक तथा परीक्षाओं जिसमें लिखित, मौखिक तथा प्रयोगात्मक परीक्षाओं के बहिष्कार किया जाएगा।
महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालय परिसर की आरडीसी पूर्व की भांति अलग-अलग किया जाए। और महाविद्यालय के छात्रों के उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए महाविद्यालय के प्रोफेसरों को ही मूल्यांकन नियंत्रक बनाया जाए। इसके आलवा अन्य सभी उक्त मांगे मानी जाए। विवि जब तक उनकी मांगे नहीं मानते है तब तक परीक्षा बहिष्कार जारी रहेगा। -पंकज शर्मा, अध्यक्ष मूटा
विश्वविद्यालय प्रशासन से कई बार मांगों के समर्थन में पत्र दिए गए। परंतु विश्वविद्यालय द्वारा फर्जी संगठन को मान्यता देकर शिक्षकों की युक्तिसंगत मांगों को अनदेखा किया जा रहा है। -राहुल उज्ज्वल, महामंत्री, मूटा
मूटा की चेतावनी से छात्र हितों से खिलवाड़ माना जाएगा। जबकि, गत 14 दिसंबर को शिक्षक संघ के दो गुटों से वार्ता की जा चुकी है। फिर भी दोनों संघ मिलकर समस्या रखे। ताकि समय पर शिक्षकों की समस्या पर विचार कर निस्तारण किया जाएगा। -प्रो. संगीता शुक्ला, कुलपति, सीसीएसयू