- एक दिन पहले डाली गई मिट्टी ने समूचे परिसर को दलदल मेें किया तब्दील
- एआरएम समेत कई कार्यालयों में पानी भरा, करंट उतरने से मचा हड़कंप
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मंगलवार सुबह हुई मूसलाधार बारिश परिवहन निगम के मेरठ डिपो और वर्कशाप के लिए भारी मुसीबत लेकर आई। एक दिन पूर्व ही डाली गई मिट्टी ने पूरे परिसर को दलदल बना दिया। वहीं एआरएम कार्यालय समेत कई अनुभाग के आफिस में रखे कंप्यूटर, फर्नीचर महत्वपूर्ण अभिलेख आदि सबमें पानी भर गया। कुछ अनुभाग में इनवर्टर का करंट पानी में उतर जाने के कारण अफरातफरी की स्थिति बन गई। अधिकारियों को इस स्थिति से उबरने में करीब पांच घंटे तक जूझना पड़ा।
अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार मेरठ डिपो से दैनिक बस संचालन के साथ-साथ गोवर्धन में लगने वाले गुंडिया मेले के लिए मेरठ से 35 बसों को भेजने की व्यवस्था की रही है। सोमवार को वर्कशाप की ओर से 20 बसों को मेले के लिए रवाना कर दिया गया। जबकि 15 बसें मंगलवार को भेजने का निर्णय लिया गया। इस दौरान रात्रि के समय परिवहन विभाग के अभियंता ने वर्कशाप की हालत सुधारने की मंशा से परिसर में कई डंपर मंगवाकर मिट्टी डलवा दी गई।
मौके पर मिले वर्कशाप के अधिकारियों और कर्मचारियों ने बताया कि जिस समय मिट्टी डाली जा रही थी, उसी दौरान डंफर की चपेट में आकर बिजली के तार टूट जाने से बड़ा हादसा होने से टला। इस दौरान सुबह के समय मूसलाधार बारिश का सिलसिला शुरू हो गया। घंटे भर तक चली तेज बारिश ने परिसर में बने अधिकांश कार्यालयों को जलमग्न कर दिया।
इस बीच जैसे तैसे करके अधिकारी-कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर पहुंचने लगे, तो उन्हें घुटनों घुटनों पानी का सामना करना पड़ा। कई अनुभाग के आफिसों में लगे इनवर्टर और कंप्यूटरों में पानी भर गया। जिससे करंट उतर जाने के कारण कई लोगों को झटका लगा। किसी प्रकार इंवर्टर के तार हटाकर करंट का प्रवाह रोका जा सका। बारिश के पानी में वर्कशाप के भीतर टूल बाक्स तक बहने लगे।
जिन्हें कर्मचारियों से पकड़कर सुरक्षित स्थानों पर रखवाया। स्टेशन अधीक्षक कार्यालय, वीएआई कार्यालय ईटीएम रूम, ड्यूटी रूम, वेतन और टिकट अनुभाग आदि जलमग्न हो गए। वीएआई हरेन्द्र गुप्ता का कहना है कि थापर नगर नाले का ओवर फ्लो पानी वर्कशाप की ओर आ जाने के कारण स्थिति बिगड़ी है। इस दौरान वर्कशाप और मेरठ डिपो में आने वाली कई बसें ताजा मिट्टी से बने दलदल में धंसकर रह गर्इं। जिन्हें निकालने के लिए मेट्रो अधिकारियों से मदद मांगी गई।
जिन्होंने क्रेन भेजकर दलदल में धंसी कई बसों को बाहर निकलवाने का काम किया। इस बीच जलभराव के कारण मेरठ डिपो से बसों में डीजल भरने का काम भी नहीं हो सका। दोपहर बाद तीन बजे के बाद तक जैसे-तैसे करके गुंडिया मेले के लिए 15 बसों को भेजने काम किया जा सका।
मंगलवार को ही मेरठ डिपो में तबादला होकर आए एआरएम जगदीश वर्मा ने कार्यभार ग्रहण किया। उन्होंने मेरठ डिपो और वर्कशाप की इतनी बदहाल स्थिति पर आश्चर्य जताया। उन्होंने इस संबंध में तत्काल आरएम केके शर्मा को अवगत कराते हुए स्थायी समाधान की मांग रखी।
मेरठ डिपो कार्यालय में भी भर गया पानी
मेरठ में मंगलवार को बारिश ने लोगों को कुछ गर्मी से निजात तो दिला दी, लेकिन कुछ कार्यालय ऐसे भी रहे जिनमें बारिश का पानी अंदर तक भरने के कारण कर्मचारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। ऐसा ही हाल मेरठ डिपों में देखने को मिला। जहां पर बारिश का पानी पूरे डिपो परिसरों में भर गया और डिपो के कार्यालय में करीब तीन-तीन फीट पानी भर गया है।
वहां पर कर्मचारियों को पानी भर जाने के कारण कुर्सी व मेज पर बैठना पड़ा और वहां रखी कुछ फाइले भी पानी में भीग गई। जिस कारण कर्मचारी कोई काम नहीं कर पाए। यह बारिश कई घंटों तक पड़ी, जब तक कुछ कर्मचारी कार्यालय में पड़ी मेज के ऊपर ही बैठे रहे। जिसके बाद बारिश का पानी कार्यालय के अंदर तक भर गया है। पानी कार्यायल के अंदर भरने का कारण क्या रहा? कर्मचरियों का कहना है कि परिसर के बाहर बड़े नालों व नालियों की नियमित रुप से सफाई न होने के कारण वह कुड़े से अटÞके पड़े है।
जिस कारण मेरठ डिपों कार्यालय के अंदर तक पानी भर गया। वहीं सुबह से ही झमझमाती बारिश रुक-रुक कर कई घंटों तक पडती रही और पानी कहीं से निकल नहीं पाया। जिसका बड़ा कारण से कार्यालय में पानी भर गया। वहां आने वाले यात्रियों को भी पानी भर जाने के कारण बेहद परेशनियां हुई। यात्रियों को घुटनों तक पानी में चलकर मेरठ डिपों से बस में बैठना पड़ा और कुछ यात्री डिपों के बाहर से बस में बैठे है।