Friday, July 5, 2024
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यूरोपियन सिस्टम को टक्कर देगा रैपिड का सिस्टम

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  • पावर ट्रेन के पहले ट्रायल रन की तैयारियां तेज

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: रैपिड तकनीक के मामले में विदेशी तकनीक को टक्कर देने जा रही है। आरआरटीएस ट्रेनों के संचालन में पहली बार बेहद आधुनिक प्रणाली का उपयोग कर रहा है। इसके तहत प्राथमिक खंड (साहिबाबाद से दुहाई डिपो) पर ट्रेनों के संचालन के लिए सिग्नलिंग उपकरणों की इंस्टॉलेशन प्रक्रिया में तेजी आ गई है। एनसीआरटीसी अधिकारियों के अनुसार आरआरटीएस, एलटीई नेटवर्क पर आधारित यूरोपियन ट्रेन कंट्रोल सिस्टम के हाईब्रिड लेवल तीन तकनीक का उपयोग करने वाला दुनिया का पहला नेटवर्क बन जाएगा।

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आरआरटीएस रैपिड ट्रेनों के संचालन के लिए यूरोपियन ट्रेन कंट्रोल सिस्टम को लागू करने जा रहा है जो दुनिया के सबसे ज्यादा आधुनिक सिस्टमों में से एक है। ऐसा दुनिया में पहली बार होगा कि लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन रेडियो पर नवीनतम ईटीसीएस मानक, डिजिटल इंटरलॉकिंग व स्वचलित ट्रेन आॅपरेशन का संयोजन प्रयोग किया जाएगा।

रैपिड के लिए जो सिग्नलिंग प्रणाली इंस्टॉल की जा रही है वो एक रेडियो टैक्नॉलाजी आधारित प्रणाली है जिससे ट्रेन की गति का अनुमान लगाया जा सकता है। इस टैक्नॉलाजी के माध्यम से रैपिड ट्रेन किसी भी प्रकार के मौसम मेें अपनी पूरी गति के साथ संचालित होगी। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इस सिग्नलिंग सिस्टम को प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स के साथ सिंक किया जाएगा जो कॉरिडोर के सभी आरआरटीएस स्टेशनों पर उपलब्ध कराए जाएंगे।

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यह सिस्टम इतना आधुनिक होगा कि जब तक ट्रेन का दरवाजा और प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स दोनों बंद नहीं हो जाते तब तक ट्रेन आगे नहीं बढ़ेगी। गौरतलब है कि प्राथमिक खंड के अन्तर्गत साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई व दुहाई डिपो कुल पांच स्टेशन हैं और इनका निर्माण कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है। सिग्नलिंग उपकरणों के इंस्टॉलेशन के बाद यह सेक्शन रैपिड ट्रेनों के ट्रायल रन के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएगा और इसके इस साल के अंत में ही शुरु होने की संभावना है।

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